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IT IS RANGIA JN, RAILWAY STATION |
इतना ही नहीं सेकेंड क्लास का भी प्रतीक्षालय अच्छे हाल में है। प्लेटफार्म नंबर एक पर एक वीआईपी लांज भी बना हुआ है। स्टेशन मैनेजर का दफ्तर भी काफी बड़ा है। यूं लगता है कि किसी जिले के डीसी का दफ्तर हो। इतना बेहतर क्यों। वास्तव मे रंगिया नार्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे का एक डिविजन है। यहां डीआरएम का दफ्तर है। शायद इसलिए स्टेशन को मॉडल स्टेशन के तौर पर विकसित किया गया है। स्टेशन के नए भवन का उदघाटन 2003 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार कर कमलों से किया गया। बस रेलवे स्टेशन का फुटओवर ब्रिज पुराना है जिसकी चौड़ाई कम है।
पर रंगिया जंक्शन पर यात्रियों की इतनी भीड़ भी नहीं होती। प्लेटफार्म नंबर एक पर एक भोजनालय है पर उन्होंने बताया कि खाना रात 8 बजे से मिलेगा। 40 रुपये की शाकाहारी चावल की थाली। पर हमें भूख लगी थी इसलिए हमलोग स्टेशन के बाहर खाने निकल गए। पर स्टेशन के बाहर पांच सात साधारण किस्म के होटल हैं। उनकी साफ सफाई अच्छी नहीं है। एक हिंदू होटल में खाया। पर खाना पसंद नहीं आया। माधवी और वंश तो ठीक से खा भी नहीं सके।
बाद में हमलोग अपनी ट्रेन के इंतजार में प्लेटफार्म नंबर 2 पर पहुंचे। वहां एक दक्षिण भारतीय फूड स्टाल नजर आया। यहां 20 रुपये में मसाला डोसा मिल रहा है। डोसा माधवी और वंश को पसंद आया। डोसा वाले दुकानदार ने बताया कि उनका ये स्टाल 48 साल पुराना है। मसाला डोसा और इडली आदि की दरें 2011 से यही चली आ रही हैं। उनकी दुकान रात 9 बजे तक खुली रहती है। आजकल 20 रुपये में मसाला डोसा कहां मिलता है। लेकिन उनका डोसा आकार में छोटा पर स्वाद में अच्छा है।
और अचानक मिल गए पुराने साथी - गुवाहाटी
नहारलागुन इंटरसिटी एक्सप्रेस ( 15617 ) समय पर चल रही है। ट्रेन 10.20 बजे
प्लेटफार्म नंबर तीन पर आकर लग गई। हमलोगों ने एस 4 में अपनी सीट पर जगह ली।पर एक
चौंकाने वाला नजारा हमारा इंतजार कर रहा था। हमारे बर्थ पर हमारी मुलाकात
राष्ट्रीय युवा योजना के वरिष्ठ साथी नरेंद्र भाई से होती है। वे इस ट्रेन से रंगापाड़ा तक जा रहे
हैं। वहां से हरिभाई के साथ तवांग जाएंगे। तंवाग में 7 से 17 अक्तूबर के बीच
एनवाईपी का शिविर लग रहा है। वे इसकी अग्रिम तैयारी में जा रहे हैं। नरेंद्र भाई
के साथ तीन घंटे का साथ रहा। टांगला, उदलगुड़ी,
धेकाजुली रोड के बाद आए स्टेशन रंगापाड़ा नार्थ में वे उतर गए।
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SURPRISE MEETING IN TRAIN - With NARENDRA BHAI IN TRAIN. |
इसके बाद ट्रेन गोहपुर और तातीबहार रेलवे स्टेशनों पर रुकी। हारमती जंक्शन में 10 मिनट का ठहराव है। इस मार्ग पर यह एक मात्र जंक्शन है। मैं यहां उतर कर प्लेटफार्म पर टहलकर आ गया। हमारे बगल वाले बर्थ पर एक अकेली लड़की सफर कर रही है। जो सुबह के 3.30 बजे अपने स्टेशन हारमती जंक्शन में उतर गई। सुखद आश्चर्य हुआ हमारे पूर्वोत्तर भारत में लड़कियां रात में अकेली सफर कर रही हैं। ऐसा दिल्ली-यूपी में बहुत कम ही देखने को मिलता है।

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AT NAHARLAGUN RLY STN, MORNING 4.45 AM |
हारमती से नहरालागून के बीच इस 19 किलोमीटर के ट्रैक के निर्माण के साथ ही पूर्वोत्तर का क्षेत्रफल में सबसे बड़ा राज्य अरुणाचल प्रदेश रेल नेटवर्क से जुड़ गया है। सुबह के 4.45 हो रहे हैं। रेल की खिड़की से बाहर उजाला दिखाई दे रहा है। हमारी ट्रेन तय समय से पहले ही नहारलागून रेलवे स्टेशन में प्रवेश कर रही है। हम उगते हुए सूरज के नाम पर बने राज्य अरुणाचल को नमस्कार कर रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर भी एक बोर्ड लगा है जिस पर लिखा है – अरुणाचल में आपका स्वागत है।
( HARMUTI, LAKHIMPUR, RANGIA, VISHWANATH CHARALI, ASSAM, NAHARLAGUN, ARUNACHAL, RAIL, MASALA DOSA )
बहुत सुन्दर जानकारी सहित यात्रा वृत्तांत ।
ReplyDeleteधन्यवाद कपिल भाई
DeleteUseful information
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