अंदमान की सबसे लंबी सड़क 333
किलोमीटर की अंदमान ट्रंक रोड से चलते हुए अंदमान के कई खूबसूरत स्थानों का भ्रमण
किया जा सकता है। पोर्ट ब्लेयर और आसपास घूम लेने के बाद आप इस यात्रा पर निकल
सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इसके लिए तीन दिनों का अतिरिक्त समय रखें। दिगलीपुर
मार्ग पर जाने के चार तरीके हैं। पहला अपनी टैक्सी आरक्षित करके सफर करना। दूसरा पब्लिक बसों से
सफर करना, तीसरा हेलीकाप्टर सेवा का इस्तेमाल और चौथा जल मार्ग से सफर। इनमें सबसे बेहतर और किफायती हो
सकता है बस से सफर करना। इस मार्ग के लिए बसें मोहनपुरा बस स्टैंड से मिलती हैं।
पहली बस सुबह 4.00 बजे ही चल पड़ती है। इन बसों में अग्रिम आरक्षण भी होता है। आप
अपनी यात्रा की योजना के हिसाब से टिकट ले सकते हैं।
बस का मार्ग कुछ इस प्रकार का
होता है – जिरिकाटांग, मिड्ल स्ट्रेट जेट्टी – नीलांबुर जेट्टी- बाराटांग- गांधी जेट्टी- उत्तरा जेट्टी, कदमतल्ला-
कौशल्या नगर- बकुलतल्ला- रंगत-स्वदेश नगर-बिल्ली ग्राउंड- मायाबंदर- दिगलीपुर।
इस मार्ग पर आपको अंदमान के ग्रामीण परिवेश के दर्शन होंगे। यह यात्रा अविस्मरणीय हो सकती है। अंदमान प्रशासन की बसें बड़े अनुशासन में चलती हैं।
इस मार्ग के प्रमुख शहर हैं, बाराटांग, कदमतल्ला, रंगत, मायाबंदर और दिगलीपुर जहां ठहरने का इंतजाम है।इस मार्ग पर आपको अंदमान के ग्रामीण परिवेश के दर्शन होंगे। यह यात्रा अविस्मरणीय हो सकती है। अंदमान प्रशासन की बसें बड़े अनुशासन में चलती हैं।
अंदमान में बैरन ज्वालामुखी - अंदमान में बैरन द्वीप पड़ता है। यह
अंदमान का और देश का एकमात्र ज्वालामुखी है। पहली बार 1795 में इस ज्वालामुखी को
सक्रिय देखा गया। यह देश का एकमात्र ज्वालामुखी है। दूसरी बार 1803 में उसके बाद
1991, 1993, फिर 1995 में ये ज्वालामुखी सक्रिय देखा गया। साल 2004 से 2006 फिर
साल 2007 के मार्च में ज्वालामुखी सक्रिय हुआ। इसकी सक्रियता के समय आसपास का
तापमान काफी बढ़ जाता है। समुद्री जीव जंतु मरने लगते हैं। वैसे पोर्ट ब्लेयर से
240 किलोमीटर दूर नारकोंडम में भी एक ज्वालामुखी है पर यह लंबे समय से शांत है। बाराटांग में प्रसिद्ध चूना पत्थर
वाली गुफा भी है। तमाम सैलानी इसकी काफी तारीफ करते हैं।
बाराटांग से रंगत के बीच कदमतला
का इलाका पड़ता है। इस इलाके में जारवा जनजाति का निवास है। पर इधर से गुजरने वाले
बसों और टैक्सियों को रुकने अथवा गति धीमी करने की इजाजत नहीं है। जारवा से संपर्क
करने की कोशिश पर सजा का प्रावधान है।
रंगत में इको टूरिज्म –
कुछ बसें रंगत तक ही जाती हैं। रंगत 1070 वर्ग किलोमीटर में फैला मध्य अंदमान का द्वीप
है। यह खास तौर पर इको टूरिज्म के लिए प्रसिद्ध है। प्रशासनिक लिहाज से यह अंदमान
की एक तहसील है। रंगत मे 75 गांव और 14 ग्राम पंचायते हैं। यहां कुछ सुंदर झरने और
सुरम्य समुद्र तट है। यहां मूल रूप से
तमिलनाडु और केरल के लोगों को बसाया गया है। मछली पकड़ना और खेतीबाड़ी लोगों का
मुख्य कारोबार है। रंगत में आमकुंज बीच, पंचवटी हिल्स के अलावा कई सुंदर समुद्र तट
देख सकते हैं। रंगत में ठहरने के लिए हाक्सबिल नेस्ट ( कटबर्ट बीच), पीडब्लूडी का
गेस्ट हाउस के अलावा कुछ प्राइवेट होटल भी उपलब्ध हैं।
माया बंदर में लखनऊ और जयपुर -
रंगत के बाद 62 किलोमीटर आगे अगला बड़ा ठहराव आता है मायाबंदर। पोर्ट ब्लेयर से
मायाबंदर की दूरी 230 किलोमीटर है। मायाबंदर अंदमान का प्रमुख शहर और तहसील है।
इलाके की आबादी 30 हजार के आसपास है। यहां पर एक कॉलेज, महात्मा गांधी गवर्नमेंट
कालेज भी है। माया बंदर में ज्यादातर म्यानमार और बांग्लादेश से आए हुए सेटलर्स
रहते हैं। यहां लखनऊ और जयपुर नामक गांव भी हैं। यहां पर सैलानी करमाटांग बीच,
एवीस आईलैंड देखने पहुंचते हैं।
अंदमान का आखिरी छोर है दिगलीपुर
– उत्तरी अंदमान का आखिरी बड़ा शहर दिगलीपुर
की पोर्टब्लेयर से दूरी 325 किलोमीटर है। अगर लगातार सफर करें तो 12 घंटे का
रास्ता है। मायाबंदर से दिगलीपुर का 70 किलोमीटर का रास्ता आस्टीन क्रीक पर बने
चेंगप्पा उड़ान पुल से जुड़ा हुआ है। यह पुल मध्य अंदमान और उत्तर अंदमान को
जोड़ता है। दिगलीपुर चावल की खेती संतरों के बाग और अपने समुद्री जीवन के लिए
जाना जाता है। यहां पर सेडल पीक है जो अंदमान की सबसे ऊंची चोटी है। अंदमान की
एकमात्र नदी कालापोंग यहां बहती है। आप पोर्ट ब्लेयर से दिगलीपुर
तक फेरी से समुद्र के रास्ते से भी पहुंच सकते हैं। फेरी सेवा पोर्ट ब्लेयर से
हफ्ते में दो दिन चलती है। वहीं मायाबंदर से दिगलीपुर के लिए रोज दो फेरी सेवा
चलती है।
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दिगलीपुर के पास कालीपुर में स्थित टर्टल रिजार्ट ( अंदमान टूरिज्म द्वारा संचालित ) |
क्या देखें –
दिगालीपुर में लिमिया बे बीच, स्मिथ एंड रॉस ट्वीन आईलैंड, रामनगर बीच, हाथी लेवेल के पास मड वाल्केनो देख सकते हैं। यहां 732 मीटर ऊंची सेडल पीक
आदि देख सकते हैं। यानी आपको पूरा मजा लेने के लिए दिगलीपुर में एक दिन से ज्यादा रुकना चाहिए।
कहां ठहरें –
अंदमान टूरिज्म दिगलीपुर में टर्टल रिजार्ट का संचालन करता है। यह कालीपुर में
स्थित है। यहां कुछ निजी रिजार्ट और सस्ते गेस्ट हाउस भी हैं। बेहतर होगा कि आप इनमें ठहरने के लिए
अग्रिम बुकिंग करा लें।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
(ANDAMAN, PORTBLAIR, BARATANG, RANGAT, MAYABANDAR, DIGALIPUR, ANDAMAN TRUNK ROAD )
अंदमान की यात्रा को पहली कड़ी से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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