![]() |
पोर्ट ब्लेयर का सावरकर हवाई अड्डा. |
एक मजेदार बात और .अंदमान के इंदिरा प्वाइंट जो भारत का आखिरी छोर है वहां से इंडोनेशिया का बंदा एस महज 150 किलोमीटर की दूरी पर है। इसलिए अंडमान जाना देश के किसी भी और हिस्से पर जाने की तुलना में ज्यादा समय लेने वाला है, साथ ही महंगी यात्रा भी है। पर अंदमान का सेल्युलर जेल जिसे कभी काला पानी कहा जाता था, वहां के सुंदर द्वीप जो सैकड़ों किस्म के जल जीवों की सुंदरता समेटे हुए हैं को देखना जीवन का अत्यंत मनोहारी अनुभव हो सकता है। अंदमान में कई द्वीपों पर आप सैकड़ों किस्म के प्रवाल ( CORAL ) देख सकते हैं।
पोर्ट ब्लेयर के हैडो में हनुमान जी की प्रतिमा |
कहा जाता है कि अंडमान नाम हनुमान जी के नाम पर पड़ा है। इंडोनेशिया के मलय भाषा में हनुमान को हंडमान कहते हैं जो थोड़ा बदलकर अँडमान हो गया। कहा जाता है कि राम की सेना पहले लंका पर चढ़ाई अंडमान से ही करना चाहती थी पर बाद में रणनीति बदलकर तमिलनाडु के धनुषकोडि से धावा बोला गया।
![]() |
पोर्ट ब्लेयर के लामा लाईन में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा |
तो चलिए चलते हैं अंडमान निकोबार के दौरे पर।
-vidyutp@gmail.com
(ANDAMAN, PORT BLAIR, UT, SHIP, SEA, CORAL )
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 'क्या सही, क्या गलत - ब्लॉग बुलेटिन’ में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
ReplyDeletebehtreen jankari di..thanks
Deletechaliye n chalta hoo
ReplyDeleteसर लौटकर आया हूं पोर्ट ब्लेयर से लगातार लिख रहा हूं पढ़ते रहिए. हौसला बढ़ाते रहिए।
Delete