![]() |
सुबह की सैर इस सड़क पर .... |
वे बताते हैं कि ये बाग चंडीगढ़ के किसी अमीर का है जो अब इसे बेचना चाहता है। पर हिमाचल में जमीन किसी हिमाचल के ही बासिंदे को बेची जा सकती है। हो सकता है अगली बार आने पर यहां कोई स्कूल या रिजार्ट बना हुआ दिखाई दे।
दिन भर लोगों को घोड़े पर घुमाते हैं - घोड़े वाले बता रहे हैं कि लकी को लेकर दिन भर सैलानियों को घुमाते हैं। एक दिन में ढाई से तीन हजार कमाई हो जाती है। यह कमाई काफी अच्छी लग रही है न। पर जरा रुकिए, साल के छह महीने यहां सैलानी नहीं बिलकुल नहीं आते तब उनकी कमाई शून्य हो जाती है। सेब के बाग से सुबह की सैर के बाद हमलोग होटल वापस लौट आए।
पुखरी गांव की ओर... |
होटल मिनी स्विस से थोड़ा आगे बढ़ने पर एक हनुमान जी की विशाल मूर्ति नजर आई। यह एक मोटर चलने वाली सड़क है पर यहीं से एक पगडंडी ऊपर जंगलों में जाती है। यह रास्ता पुखरी गांव जा रहा है। इस पगडंडी पर हमलोग चल पड़े। रास्ते में कुछ पेड़ के ठूंठ नजर आए जो किसी बाघ या फिर किसी पक्षी के आकार में बन गए थे। निर्जर रास्ते पर हमारे अलावा कोई नहीं था और हम चले जा रहे थे। थोड़ी दूर चलने पर एक मंदिर आया। हमने वहां सिर झुकाया और आगे बढ़े।
![]() |
ये कौन सा जानवर लगता है.... |
अमर चंद शर्मा का सेब बगान - गांव में अमरचंद शर्मा ने अपना
निजी सेब बगान बना रखा है जिसे सैलानी देखने आते हैं। उन्होंने अपने बाग में
टूरिस्ट समूह के लिए प्रवेश की फीस रखी हुई है 10 के समूह के लिए 100 रुपये। बगान
के अंदर ही उनका सुंदर सा घर है। घर के प्रांगण में गुलाबों के सुंदर फूल खिले
हैं। शर्मा जी हमें सेब के बाग दिखाते हैं। सेब अभी हरे हरे हैं। उन्होने खुरमानी
(APRICOT
) बादाम, अखरोट (NUT) भी लगा रखे हैं। सेब बेचकर वे हर साल अच्छी कमाई करते हैं। शर्मा हिमाचल
में राजकीय सेवा से रिटायर कर चुके हैं।
![]() |
अमर चंद जी से सेब बगान में |
शर्मा जी ने हमें घर की बनी काफी बेहतरीन चाय पिलाई। हम वापस लौटने वाले थे कि उनके दो पोते पोतियां स्कूल से लौटे। वे पास के अंगरेजी स्कूल में पढ़ते हैं। पर खजियार से तीन किलोमीटर पैदल चलकर घर तक पहुंचते हैं। अनादि को यहां हरी हरी घास पर खरगोश मिले जिनके साथ वे खेलने लगे। वापस लौटने की तो इच्छा नहीं हो रही थी। पर खजियार ग्राउंड में माधवी हमारा इंतजार कर रही थीं। सो हम उसी रास्ते से वापस चले। एक सपनों सा गांव है पुखरी। पर शर्मा जी बताते हैं कि सर्दियों में बर्फ से ढक जाता है पूरा गांव।
![]() |
पुखरी के एपल गार्डन में खरगोश के साथ खेलते अनादि। |
अमर चंद शर्मा का संपर्क नंबर है- 88945 65927 , 98162 54569 कभी आप पुखरी जाएं तो अमरचंद जी से मिल सकते हैं। पुखरी गांव से दूर तक नजर दौड़ाएं रावी नदी भी नजर आ सकती है। काफी दूर आपको चंबा शहर भी दिखाई दे सकता है। कुछ नहीं तो हिमालय की सुंदर चोटियां नजर आती हैं।
![]() |
पुखरी गांव से दिखाई देती हिमालय की चोटियां.... |
( KHAJJIYAR, APPLE GARDEN, PUKHRI, CHAMBA )
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति ब्लॉग बुलेटिन - मेहदी हसन में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
ReplyDeleteआपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति ब्लॉग बुलेटिन - मेहदी हसन में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
ReplyDelete