अटारी बार्डर की एक शाम- अमृतसर पहुंचने वाले सैलानी
अटारी में भारत पाकिस्तान की सीमा पर परेड देखने जरूर जाते हैं। यह हर शाम को होने
वाला नियमित कार्यक्रम है। अगर आप परेड देखना चाहते हैं तो अच्छा होगा कि शाम को 4
बजे तक अटारी पहुंच जाएं। देर होने पर गैलरी में जगह भर जाती है और आपको मायूस दूर
खड़े रहना पड़ सकता है। हर रोज हजारों लोग यहां शाम को पहुंचते हैं। सबके मन में
पाकिस्तान की सीमा देखने की इच्छा होती है। 1947 से पहले अमृतसर से लाहौर जाना
आसान था।
पुराना जीटी रोड लाहौर तक जाता था। सड़क अब भी जा रही है
पर आपके कदम अटारी में जाकर रुक जाते हैं। हमें ब्रिटिश सरकार से आजादी मिली पर
इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। अंगरेजों के खिलाफ संघर्ष में तकरीबन 200 साल में ढाई
लाख लोग मारे गए थे, पर भारत पाक विभाजन के दौरान ही 1947-48 में दस लाख पंजाबी
मारे गए। इसलिए इस आजादी के साथ बहुत बड़ा दर्द और कसक जुड़ा है। ये सारी बातें
याद आती हैं अटारी पहुंचने पर। भारत और पाकिस्तान के बीच रेडक्लिफ ने लाइन खींच दी
और दोनों देशों के बीच सीमा बन गई।
साल 1959 में अटारी सीमा पर
रिट्रीट सेरमनी की शुरुआत हुई। इसे आगे के साल में और भव्य बना दिया गया। बीएसएफ
के चुने हुए लंबी कद काठी वाले जवान शाम को तिरंगा झंडा उतारने की रश्म की शामिल
होते हैं। इस दौरान उनके बूटों की आवाज और उनका जोश देखने लायक होता है। सेरेमनी
की शुरुआत में आकर्षक वेशभूषा में सजे बच्चे देशभक्ति वाले गानों पर प्रस्तुति भी देते हैं।
इसके बाद बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी करीब 156 सेकंड चलती है। इस दौरान, दोनों देशों के जवान मार्च
करते हुए बॉर्डर तक आते हैं।
अपने अपने देश के झंडे को सम्मान से उतारते हैं। गर्मियों में झंडे उतारने का समय
शाम 6.00 से 6.30 के बीच होता है। इसके बाद लोगों को सीमा तक जाकर फोटो खिंचवाने
की अनुमति दी जाती है। कई लोग फौजियों के साथ फोटो खिंचवा कर खुश होते हैं।
मैं जब मई 2016 को अटारी पहुंचा
तो पाया कि आजकल अटारी सीमा पर दर्शकों के लिए बड़ी गैलरी का निर्माण कार्य जारी
है। 1993 से 2003 के बीच कई बार अटारी सीमा पर जा चुका हूं। इधर बीएसएफ की ओर से
सैलानियों की सुविधा के लिए आरओ वाटर का सुंदर इंतजाम किया गया है। आप सीमा तक
जाने के लिए आटो रिक्शा जलियांवाला बाग से ही ले सकते हैं। वे आने जाने का 100
रुपये प्रति व्यक्ति लेते हैं। अगर रिजर्व करें तो 650 रुपये लेते हैं।
वाघा अटारी के बारे में कुछ जानकारियां,
जिनको लेकर भ्रम रहता है-
32 किलोमीटर अमृतसर से वाघा
22 किलोमीटर वाघा से लाहौर
03 किलोमीटर है अटारी रेलवे
स्टेशन से वाघा
600 मीटर अंदर पाकिस्तान में
स्थित है सीमा से वाघा गांव
100 मीटर अंदर है वाघा रेलवे
स्टेशन पाकिस्तान में सीमा से
-विद्युत प्रकाश मौर्य- vidyutp@gmail.com
No comments:
Post a Comment