चेन्नई शहर में सबसे पुराना और
प्रसिद्ध मंदिर है कपालेश्वर मंदिर। ये महादेव शिव का मंदिर है। साल का कोई भी दिन
हो यहां हमेशा श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। कपालेश्वर मंदिर चेन्नई के
मैलापुर इलाके में स्थित है। मंदिर के सामने एक विशाल सरोवर है। आसपास में घना
बाजार है।
कपालेश्वर मंदिर द्रविड़
वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। ये मंदिर सातवीं सदी में पल्लव राजाओं द्वारा
बनवाया हुआ बताया जाता है। मंदिर की वर्तमान संरचना विजय नगर के राजाओं द्वारा
सोलहवीं सदी में बनवाई गई है। मंदिर का मुख्य भवन काले पत्थरों का बना है। मंदिर के
दो मुख्य द्वार हैं जहां विशाल गोपुरम बने हैं। मंदिर का मुख्य गोपुरम 120 फीट
ऊंचा है तो 1906 में बनवाया गया।

मंदिर के दोनों तरफ विशाल हाल
बने हैं। इनमें 63 नयनारों की स्तुति रत मूर्तियां बनी हैं। मंदिर परिसर में
गौशाला भी है। मंदिर परिसर में भगवान का भोग लगाने के लिए फलों की सुंदर रंगोली
सजाई जाती है।
फागुन में विशाल मेला –
मंदिर परिसर में फागुन ( तमिल में पांगुनी ) महीने ब्रह्मोत्सव मनाया जाता है जो साल
का सबसे बड़ा उत्सव होता है। तब यहां विशाल मेला लगता है। यह कुछ कुछ वसंतोत्सव
जैसा होता है।
खुलने का समय –
मंदिर सुबह 6.00 बजे दर्शन के लिए खुलता है। दोपहर 12.30 से शाम 4.00 बजे तक मंदिर
बंद रहता है। यहां रात्रि 9.30 बजे तक दर्शन किए जा सकते हैं। मंदिर की व्यवस्था
ट्रस्ट देखता है। यहां भी स्पेशल दर्शन के लिए 20 रुपये के टिकट की व्यवस्था है। मंदिर
की व्यवस्था तमिलनाडु सरकार के अधीन है।
कैसे पहुंचे- मंदिर वैसे तो ईस्टकोस्ट रोड पर आडयार और
सैंथोम के पास स्थित है। किसी समय में जब आबादी नहीं थी मंदिर समंदर के किनारे हुआ
करता था। अब आधा किलोमीटर घनी आबादी के बाद समंदर तट आता है। आप मैलापुर जाने के
लिए चेन्नई प्रमुख बस टर्मिनल ब्राडवे से बस ले सकते हैं। चेन्नई सेंट्रल से
मैलापुर की दूरी 8 किलोमीटर है। यह रोयापेट और आडयार के आसपास है।
( CHENNAI, MYLAPUR, KAPALESHWAR TEMPLE, LORD SHIVA )
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