दो समोसे
दही के शानदार रायते में डूबे हुए। पत्ते के दोने में परोसे गए। ये है ओरछा की
सुबह का नास्ता। हालांकि रायता समोसा बुंदेलखंड कई शहरों का लोकप्रिय नास्ता है पर
जैसा रायता समोसा ओरछा में मिलता है वह और कहीं नहीं मिलेगा। राजा राम मंदिर के
सामने चौराहे पर कई मिष्टान भंडार में आपको ये नास्ता मिल जाएगा। समोसे तो आपने
अक्सर चटनी के साथ खाए होंगे पर इसे बूंदी रायता में डूबा कर खाने का आनंद कुछ अलग
ही है। ओरछा के बाजार के
चौराहे पर कुशवाहा जी के दो मिष्टान भंडार हैं और एक यादव जी का, जहां आप ये स्वाद पा सकते हैं।
रायता में डूबे समोसे की कीमत महज 15 रुपये। 10 रुपये का दो नग समोसा और 5 रुपये का रायता। लाजवाब। वैसे आप इसके साथ जलेबी को भी जोड़ सकते हैं। आनंद बढ़ाने के लिए। पांच रुपये का समोसा दिल्ली के 8 या 10 रुपये वाले समोसे से स्वाद में बेहतर है। मीठी गुझिया और गोलगप्पा - ओरछा की दुकानों में खोया भरी मीठी गुझिया भी मिल जाती है वह भी पांच रुपये में। और गोलगप्पे महज 10 रुपये में आठ। और क्या क्या खाएंगे आप।
रायता में डूबे समोसे की कीमत महज 15 रुपये। 10 रुपये का दो नग समोसा और 5 रुपये का रायता। लाजवाब। वैसे आप इसके साथ जलेबी को भी जोड़ सकते हैं। आनंद बढ़ाने के लिए। पांच रुपये का समोसा दिल्ली के 8 या 10 रुपये वाले समोसे से स्वाद में बेहतर है। मीठी गुझिया और गोलगप्पा - ओरछा की दुकानों में खोया भरी मीठी गुझिया भी मिल जाती है वह भी पांच रुपये में। और गोलगप्पे महज 10 रुपये में आठ। और क्या क्या खाएंगे आप।
आबादी में
छोटे आकार के शहर ओरछा में खाने पीने के लिए सीमित विकल्प मौजूद हैं। कई ओपन स्काई
रेस्टोरेंट विदेशी सैलानियों को लुभाने के लिए बनाए गए हैं। पर खाने के लिए होटल, ढाबा कम संख्या में दिखाई देते हैं। राजा राम मंदिर
चौराहे के आसपास कई भोजनालय हैं पर मैं जा पहुंचता हूं नगर पंचायत के बगल में
राजावत रेस्टोरेंट में।

अलग अलग तरह के आर्डर के अलावा यहां पर 60 रुपये में थाली का विकल्प भी
मौजूद था। तंदूरी रोटियां ( चाहे जितनी खाएं) चावल, दाल,
दो सब्जियां और सलाद। राजावत भोजनालय की थाली अच्छी है। खासतौर पर
बिना मैदा गेहूं की बनी रोटियां। सब्जियों में लगाई गई छौंक उसका स्वाद बढ़ाती
हैं। सब्जियां दुबारा परोसने से स्टाफ मना नहीं करता। स्टाफ का व्यवहार अच्छा है।
डायनिग हाल भी साफ सुथरा है।
आप कभी ओरछा में
हों तो यहां के भोजन का स्वाद ले सकते हैं। इस रेस्टोरेंट के मालिक रणवीर सिंह
राजावत बड़े दिलचस्प इंसान हैं। ओरछा शहर के अलावा बुंदेलखंड के इतिहास में गहरी
रूचि रखते हैं। उनके पास बातों का खजाना है जो कभी खत्म नहीं होता। भोजन के दौरान मुझे उनके संग घंटो वार्तालाप का मौका मिला। इस दौरान वे राजावत बिरादरी के बारे में भी बताने लगे। राजावात राजपूतों की एक शाखा है। उनका संबंध मध्य प्रदेश के नरवर के किले से है।
( ORCHHA, MP, FOREST, FORT, SAMOSA, RAYATA, FOOD, RAJAWAT )
No comments:
Post a Comment