
श्री महाबीर
जी से करौली जाना चाहता हूं। छोटे से बस स्टैंड पर बसें कम आती है। लोग बताते हैं
कि आप जीप से खेड़ा तक चले जाओ वहां से बसें मिल जाएंगी। खेड़ी की जीप में बैठता
हूं। रेलवे स्टेशन श्री महाबीर जी के पास जाकर जीप थोड़ी देर के लिए रूक जाती है।
मैं यहां सुबह के नास्ते में कचौड़ियां खाता हूं। जीप खेड़ा गांव में पहुंजा देती है।
पर वहां पता चलता है चौक से गली होकर मुख्य सड़क पर जाइए वहां से साधन मिल सकेगा।
पैदल चलकर हिंडौन करौली हाईवे पर पहुंचता हूं। एक जीप वाले मिलते हैं वे करौली ले
जाने को तैयार हैं। जीप में बैठ जाता हूं। सड़क के दोनों तरफ खेतों में बाजरे की
फसल झूम रही है।
सहयात्री बताते हैं राजस्थान के भरतपुर करौली आदि जिलों में बाजरे की
खेती बड़े पैमाने पर होती है। यह गेहूं से सस्ता बिकता है पर कम पानी में तैयार हो
जाता है। इसलिए इसकी खेती इधर मुफीद है। बाजरा (पर्ल मिलेट) मोटा अनाज माना जाता
है। सूखे में उग जाता है। भीषण गरमी झेल लेता है। ज्वार की तरह इसकी बुआई गर्मियों
में होती है। सर्दियों में बाजरा खाना काफी पौष्टिक और लाभकारी माना जाता है।
कहते हैं
बाजरा का जन्म स्थान अफ्रीका है। बाजरे की रोटी सरदियों में बल वर्धक और
पुष्टिकारक मानी जाती है। सहयात्री बताते हैं कि मंडी में बाजरा का भाव गेहूं से
हमेशा 200 से 300 रुपये क्विंटल कम
रहता है। बाजरे की तासीर गरम होती है। आयुर्वेद में बाजरा को स्त्रियों में काम
शक्ति बढ़ाने वाला माना गया है। बाजरे से बीयर भी बनता है। बाजरा को सरदी आने से पहले काट लिया जाता है। जहां मक्का और गेहूं नहीं
होता वहां भी बाजरा शान से उपज देता है। जीप आगे बढ़
रही है। सुंदर पहाड़ी रास्ता है। पंचना नदी आती है। उस पर बना बांध आता है। बांध के
बाद करौली शहर दिखाई देने लगता है।
अगले दिन करौली से वापसी के लिए पता करता हूं।
होटल जगदंबा के मैनेजर ने बताया कि भरतपुर की सीधी बस आपको यहां से देर से मिलेगी
पर सुबह 4.30 बजे ही अलवर की बस मिलेगी। उससे आप महवा उतर जाएं। वहां से भरतपुर की
बस ले लें। मैं सुबह 4. 30 से पहले बस स्टैंड पहुंज जाता हूं। अलवर वाली बस में
महवा का टिकट लेता हूं। बस रात अंधेरे चलकर उजाला होने पर हिंडौन सिटी में रूकती
है।

हिंडौन से
एक घंटे चलकर महवा पहुंचा देती है। कुछ लोग इसे महुआ भी कहते हैं। यह दौसा जिले की
तहसील है। ये राजस्थान का विधानसभा क्षेत्र भी है। वैसे हमारे देश में दो और महुआ
नाम के शहर हैं।
एक महुआ तो बिहार के वैशाली जिले में दूसरा महुआ गुजरात के भावनगर जिले में है। पर राजस्थान के दौसा जिले का यह कस्बा महवा है। यहां से मेहंदीपुर बाला जी की दूरी 17 किलोमीटर है। मुझे थोडी देर इंतजार के बाद भरतपुर के लिए एक शेयरिंग टैक्सी मिल जाती है।
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भरतपुर रेलवे स्टेशन। |
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