साल 2012 के अक्तूबर माह
में दक्षिण भारत का सफर। 12618 मंगला लक्षदीप एक्सप्रेस वैसे थो थिविम स्टेशन पर 7.12 बजे शाम पहुंचती है
पर वह दो घंटे लेट थी। लिहाजा खानेका समय हो गया था। पेट में चूहे खूब कूद रहे थे।
थिविम गोवा का एक रेलवे स्टेशन है। अनादि इस बात पर खुश थे कि हम गोवा में हैं। पर
मुझे कुछ खाने का इतंजाम करना था। ट्रेन का ठहराव महज दो मिनट का है। 21 मीटर
समुद्र तल से ऊंचाई पर थिविम छोटा सा स्टेशन है दो प्लेटफार्म हैं यहां पर।
प्लेटफार्म पर एक छोटी सी कैन्टीन थी। ट्रेन दो
मिनट से ज्यादा रुक गई तो हमने थोड़ा सा रिस्क लिया और कैंटीन से खाने के लिए कुछ
मांगा। सुखद आश्चर्य हुआ यहां पर चपाती मिल रही थी। भाव भी ठीक थे। 10 रुपये में
एक चपाती सब्जी के साथ। हमने अपनी जरूरत के हिसाब से चपाती ले ली। इस तरह हमारी
रात की पेट पूजा हो सकी।
गोवा में मंगला एक्सप्रेस थिविम और मडगांव स्टेशनों पर रुकती है। मडगांव में मंगला का स्टाप 10 मिनट का है। मडगांव वास्कोडिगामा के बाद गोवा का प्रमुख स्टेशन है। इसके बाद यह रेलगाड़ी कर्नाटक में प्रवेश कर जाती है। मडगांव से वास्कोडिगामा की दूरी 23 किलोमीटर है। पर कोंकण रेल की ट्रेने वास्को नहीं जाती हैं। अगर कोंकण रेल से गोवा जा रहे हैं तो थिविम, करमाली या फिर मडगांव में ही उतरना होगा।
मडगांव बड़ा स्टेशन है। यहां पर कोच के रखरखाव के भी इंतजाम है।
स्टेशन का प्लेटफार्म साफ सुथरा चमचमाता हुआ है। नारियल के पेड़ों की हरियाली मन
मोह लेती है।
गोवा में मंगला एक्सप्रेस थिविम और मडगांव स्टेशनों पर रुकती है। मडगांव में मंगला का स्टाप 10 मिनट का है। मडगांव वास्कोडिगामा के बाद गोवा का प्रमुख स्टेशन है। इसके बाद यह रेलगाड़ी कर्नाटक में प्रवेश कर जाती है। मडगांव से वास्कोडिगामा की दूरी 23 किलोमीटर है। पर कोंकण रेल की ट्रेने वास्को नहीं जाती हैं। अगर कोंकण रेल से गोवा जा रहे हैं तो थिविम, करमाली या फिर मडगांव में ही उतरना होगा।

थिविम रेलवे
स्टेशन नार्थ गोवा में पड़ता है। यहां से कैंडोलियम बीच की तरफ जाना सुगम है।
थिविम रेलवे स्टेशन पर एक बोर्ड लगा है जिस पर यहां गोवा के प्रमुख पर्यटक स्थलों
की दूरी लिखी गई है। यहां से मापुसा 11 किलोमीटर,
बीचोलियम 9 किलोमीटर अरपोरा 19 किलोमीटर. कालांगुट 23 किलोमीटर, वागाटोर 24 किलोमीटर, अंजना 20
किलोमीटर। पर हमे तो इस बार गोवा जाना नहीं था। सो हम ट्रेन की
खिड़की से ही गोवा का नजारा करते रहे और गोवा को बाय-बाय कहा।
गोवा के रेलवे स्टेशनों पर बने स्टाल में गोवा के बने उत्पाद खरीदे जा सकते हैं।
गोवा के रेलवे स्टेशनों पर बने स्टाल में गोवा के बने उत्पाद खरीदे जा सकते हैं।
क्या खरीदें - गोवा के रेलवे
स्टेशनों पर आप काजू, चिकी,
शहद और अन्य खाद्य उत्पाद खरीद सकते हैं जिनका निर्माण कुटीर
उद्योगों में गोवा के अंदर हुआ है। जो लोग बार बार दक्षिण भारत की यात्रा रेल से
करते हैं उनके लिए ये सफर कई बार बोरियत भरा हो जाता है। पर हमारे लिए सब कुछ नया
था। खास तौर पर कोंकण रेल के नजारे। मेरे बहुत सारे दोस्त पूछते हैं कि गोवा घूमने
गए या नहीं. मैं कहता हूं गोवा से गुजरा हूं जरूर पर गोवा समुद्र तट देखने नहीं
गया। हम मंगला एक्सप्रेस से गोवा की शीतल बयार का स्पर्श लेकर आगे की ओर बढ़ जो गए
थे। पर गोवा तो बुलाता रहता है सैलानियों को। हमने भी मना नहीं किया है। हम आएंगे
गोवा..कभी जरूर आएंगे।
- विद्युत प्रकाश मौर्य -vidyutp@gmail.com
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