शेखावटी क्षेत्र में खाटू श्याम और सालासर बालाजी के दर्शन के बाद अगला पड़ाव है राणी सती का मंदिर झुंझनू। सालासर से लक्ष्मणगढ़, मुकुंदगढ़ होते हुए टुकड़ों में यात्रा करते हुए मैं राजस्थान के शहर झुंझनू पहुंच गया हूं। झुंझनू शहर के मध्य में स्थित है राणी सती का मंदिर। बचपन में इस मंदिर का जिक्र हमने जंदाहा में सोमानी परिवार से सुना था। वे लोग झुंझनू जिले से ही वहां पहुंचे थे।
शहर के बीचों-बीच स्थित राणी सती का मंदिर झुंझनू शहर
का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। बाहर से देखने में ये मंदिर किसी राजमहल सा दिखाई देता
है। पूरा मंदिर संगमरमर से निर्मित है। इसकी बाहरी
दीवारों पर शानदार रंगीन चित्रकारी की गई है। मंदिर में शनिवार और रविवार को खास
तौर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
रानी सती जी
को समर्पित झुंझुनू का ये मंदिर सत्रहवीं सदी का का बना हुआ है। मंदिर सम्मान, ममता और स्त्री शक्ति का
प्रतीक है। देश भर से भक्त राणी सती मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। भक्त यहां विशेष प्रार्थना करने
के साथ ही भाद्रपद माह के अमावस्या पर आयोजित होने वाले
धार्मिक अनुष्ठान में भी हिस्सा लेते हैं।
रानी सती मंदिर के परिसर में कई और
मंदिर हैं, जो भगवान
शिव, भगवान गणेश माता सीता और श्रीराम के परम भक्त हनुमान को समर्पित हैं। मंदिर परिसर में षोडष
माता का सुंदर मंदिर है, जिसकी 16 देवियों की मूर्तियां लगी
हैं। परिसर में सुंदर लक्ष्मीनारायण मंदिर भी बना है।
पर रानी सती मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को देश के कोने कोने में फैले मारवाडी समाज के लोगों की आस्था है। उनसे मंदिर को नियमित दान भी मिलता है। अब मंदिर का प्रबंधन सती प्रथा का विरोध करता है। मंदिर के गर्भ गृह के बाहर बड़े अक्षरों में लिखा है- हम सती प्रथा का विरोध करते हैं।
मंदिर परिसर
में विशाल अतिथि गृह - मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए विशाल आवास बना है
जहां पर 100 रुपये लेकर 700 रुपये तक के कमरे उपलब्ध है।
मंदिर में एक कैंटीन और एक भोजनालय भी है। कैंटीन में दक्षिण भारतीय भोजन भी
उपलब्ध है। इस भोजनालय में भोजन दिन में 11 बजे से 1 बजे दोपहर तक और शाम 8 से 11 बजे तक उपलब्ध रहता है। पर भोजन के लिए कूपन लेना पड़ता
है। स्थानीय लोगों को यह कूपन जारी नहीं होता। कूपन काउंटर वाले पूछते हैं आप कहां से आए हैं।
खुलने का समय - मंदिर सुबह 5 बजे से दोपहर एक बजे तक और शाम 3 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुला रहता है। मंदिर के
गर्भ गृह में निकर बारमुडा पहने लोगों का प्रवेश वर्जित है। मंदिर का दफ्तर सुबह 9
बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है।
कैसे पहुंचे – झुंझनू बस स्टैंड से राणी सती मंदिर के लिए आटो रिक्शा ले सकते
हैं। बस स्टैंड से दूरी तीन किलोमीटर है। आटो रिक्शा वाले 10 रुपये किराया लेते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की
दूरी 2 किलोमीटर है। वहीं शहर के गांधी चौक से मंदिर की दूरी
महज एक किलोमीटर है।
आप आटो रिक्शा आरक्षित करके भी मंदिर तक जा सकते हैं। अगर एक दिन रुकना है तो राणी
सती मंदिर के स्वागत कक्ष पर आवास के लिए भी आग्रह कर सकते हैं। रविवार को राणी
सती मंदिर में दिल्ली से जाने वाले श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( RANI SATI TEMPLE, JHUNJHUNU, RAJSTHAN, SHEKHAWATI -5 )
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