हमलोग पुणे से मुंबई आने वाले तो रवि ने कहा, जीजा जी आपको अपनी गाड़ी से ही मुंबई तक छोड़ देता हूं। फिर हम चल पड़े देश के सबसे पहले एक्सप्रेसवे पर। और महज दो घंटे के अंदर हम मुंबई के अंदर प्रवेश कर चुके थे। ये चमत्कार हुआ इस एक्सप्रेस वे के कारण।
देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई और महाराष्ट्र के सांस्कृतिक शहर पुणे को जोड़ता है मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे। ये देश का पहला एक्सप्रेस वे है। इसके चालू होने के बाद मुंबई और पुणे का सफर सुहाना हो गया साथ ही समय की भी काफी बचत होने लगी।
महज 90 मिनट में मुंबई - अपनी गाड़ी हो तो आप डेढ़ घंटे में मुंबई से पुणे पहुंच सकते हैं। हमें पुणे से मुंबई की ओर इस एक्सप्रेस पर सफर का मौका मिला 2015 के अप्रैल में। शानदार सड़क और आसपास में दिलकश नजारे। कब पुणे से मुंबई पहुंच गए पता भी नही चलता।
आधिकारिक तौर पर यह 'यशवंतराव चौहान मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे' के रूप में जाना जाता है। अगर बारिश का मौसम हो तब मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे पर ड्राइविंग बहुत बहुत खूबसूरत अनुभव है। दोनों तरफ पर पहाड़ों के साथ सुंदर नजारों के एक नए पुणे को देखा जा सकता है।
देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई और महाराष्ट्र के सांस्कृतिक शहर पुणे को जोड़ता है मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे। ये देश का पहला एक्सप्रेस वे है। इसके चालू होने के बाद मुंबई और पुणे का सफर सुहाना हो गया साथ ही समय की भी काफी बचत होने लगी।
महज 90 मिनट में मुंबई - अपनी गाड़ी हो तो आप डेढ़ घंटे में मुंबई से पुणे पहुंच सकते हैं। हमें पुणे से मुंबई की ओर इस एक्सप्रेस पर सफर का मौका मिला 2015 के अप्रैल में। शानदार सड़क और आसपास में दिलकश नजारे। कब पुणे से मुंबई पहुंच गए पता भी नही चलता।
आधिकारिक तौर पर यह 'यशवंतराव चौहान मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे' के रूप में जाना जाता है। अगर बारिश का मौसम हो तब मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे पर ड्राइविंग बहुत बहुत खूबसूरत अनुभव है। दोनों तरफ पर पहाड़ों के साथ सुंदर नजारों के एक नए पुणे को देखा जा सकता है।

नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र सरकार में लोक निर्माण मंत्री रहते हुए 'मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे' और 55 फ्लाई ओवर बनाकर मुंबई को एशिया के प्रमुख शहरों के मुकाबले में खड़ा किया। इसका श्रेय उन्हें मिलता है।
सफर का समय हुआ आधे से कम - पुराने
समय में मुंबईसे पुणे सफर करने के मुकाबले एक्सप्रेस वे से 2 घंटे में आप मंजिल तक पहुंच जाते हैं। जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग 4 से जाने पर 4-5 घंटे का समय लग जाता है। इस तरह दो
महत्त्वपूर्ण शहरों के बीच यात्रा के समय में काफ़ी बचत हो जाती है। इसलिए लोगों को इस मार्ग पर टोल देना ज्यादा नहीं अखरता है। एक्सप्रेस वे के
दोनों ओर कई जगह बाड़ लगाई है ताकि जंगल के जानवर वाहनों की गति में कोई बाधा पैदा
न करें।
अगर आप बारिश के दिनों में मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे पर सफर करें तो इसका सौंदर्य देखने लायक होता है। तब कई जगह ऊंचे पहाड़ों से पानी झरने की तरह सड़क पर आता हुआ दिखाई देता है। हालांकि कई बार बारिश में ये रास्ता कुछ घंटों के लिए बंद भी हो जाता है।
दो पहिया और तिपहिया को अनुमति नहीं -
इस एक्सप्रेस वे पर दो पहिया वाहन, तिपहिया और ट्रैक्टर की अनुमति नहीं है। जगह-जगह पेट्रोल पंप, ढाबे, शौचालय, आपातकालीन फोन, प्राथमिक चिकित्सा, सीसी टीवी आदि के इंतजाम हैं। मुंबई और पुणे के बीच रास्ते में तीन टोल पड़ते हैं। मुंबई के पास पनवेल में ये एक्सप्रेस वे खत्म हो जाता है और आप मुंबई में प्रवेश कर जाते हैं।
अगर आप बारिश के दिनों में मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे पर सफर करें तो इसका सौंदर्य देखने लायक होता है। तब कई जगह ऊंचे पहाड़ों से पानी झरने की तरह सड़क पर आता हुआ दिखाई देता है। हालांकि कई बार बारिश में ये रास्ता कुछ घंटों के लिए बंद भी हो जाता है।
दो पहिया और तिपहिया को अनुमति नहीं -
इस एक्सप्रेस वे पर दो पहिया वाहन, तिपहिया और ट्रैक्टर की अनुमति नहीं है। जगह-जगह पेट्रोल पंप, ढाबे, शौचालय, आपातकालीन फोन, प्राथमिक चिकित्सा, सीसी टीवी आदि के इंतजाम हैं। मुंबई और पुणे के बीच रास्ते में तीन टोल पड़ते हैं। मुंबई के पास पनवेल में ये एक्सप्रेस वे खत्म हो जाता है और आप मुंबई में प्रवेश कर जाते हैं।
कोंकण रेल कारपोरेशन ने बनवाई
सुंरगे – मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे के रास्ते में कई सुरंगे भी आती हैं। ये सुंरगे ऊंचे
पहाड़ों के अंदर से निकलती हैं। इन सुंरगों के निर्माण में कोंकण रेल कारपोरेशन की
भूमिका है।
रास्ते में कुल पांच सुरंगे हैं जिनका कुल दूरी साढ़े पांच किलोमीटर की है। इनके निर्माण में 200 करोड़ रुपये खर्च आया था। इन सुरंगों में रोशनी का इंतजाम किया गया है साथ ही हवा का भी इंतजाम है। कोंकण रेल के लिए सुंरगे बनाने में जिस तकनीक का इस्तेमाल हुआ उसका लाभ मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान खूब मिला।
-विद्युत प्रकाश मौर्य -vidyutp@gmail.com
रास्ते में कुल पांच सुरंगे हैं जिनका कुल दूरी साढ़े पांच किलोमीटर की है। इनके निर्माण में 200 करोड़ रुपये खर्च आया था। इन सुरंगों में रोशनी का इंतजाम किया गया है साथ ही हवा का भी इंतजाम है। कोंकण रेल के लिए सुंरगे बनाने में जिस तकनीक का इस्तेमाल हुआ उसका लाभ मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान खूब मिला।
-विद्युत प्रकाश मौर्य -vidyutp@gmail.com
( MUMBAI PUNE EXPRESS WAY, SPEED, NITIN GADKARI )
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