औरंगाबाद प्रवास में अगले दिन हम अजंता की राह पर हैं। अजंता को देखने के लिए पूरा एक दिन का समय चाहिए। हमलोगों ने टैक्सी बुक कर जाने के बजाय सार्वजनिक परिवहन से जाना तय किया जिससे धन की बचत हो वैसे भी अजंता में सब कुछ एक ही जगह है जबकि एलोरा के आसपास कई और दर्शनीय स्थलों को देखने का आनंद है। तो सुबह सुबह-सुबह औरंगाबाद के बस स्टैंड पर पहुंच गए हैं।
यहां से जलगांव की तरफ जाने वाली बसें अजंता के पास उतार देती हैं। पर बस के इंतजार में स्थानक के बाहर हमलोग एक मारुति वैन वाले से टकरा गए। वे बस के किराये में ही हमें ले जाने की बात करने लगे तो हमलोग उनकी वैन में ही सवार हो गए। थोड़ी देर में सवारी भर जाने पर वे चल पड़े।
उनके वैन में एक सवारी है जिनकी जलगांव से ट्रेन है तुलसी एक्सप्रेस। अगर देर हुई तो ट्रेन छूट सकती है पर वे बेतकल्लुफ हैं। रास्ते में वैन वाले ने एक जगह पूछा - आप लोग चाय पीएंगे , यहां अच्छी चाय मिलती है। हमने मना किया पर वे चाय पीकर ही आगे बढ़े। पर अनादि ने ड्राईवर के संवाद - यहां अच्छी चाय मिलती है को कॉपी कर लिया । आगे बार बार दुहराते रहे।
वैन ड्राईवर स्वभाव से मजाकिया हैं। बीच बीच में वे सवारियों को कुरेदते रहते हैं। इससे सफर का आनंद बना हुआ है। औरंगाबाद से अजंता का रास्ता पथरीला है। रास्ते में छोटे छोटे कस्बे आते हैं। पर कोई बड़ा शहर नहीं आता। कोई तीन घंटे के सफर के बाद हमलोग अजंता के पास पहुंच गए हैं।
सड़क से थोड़ी देर पैदल चलने के बाद हमलोग अजंता के स्वागत कक्ष पर जा पहुंचे हैं। गुफाओं तक जाने के लिए इको फ्रेंडली बस हमारा इंतजार कर रही है। पर इससे पहले थोड़ी पेट पूजा कर ली जाए । यही ठीक रहेगा। यहां एमएमटीसी की कैंटीन के अलावा भी खाने पीने के कई विकल्प मौजूद हैं।
बारिश में जाएं आनंद आएगा – बारिश के दिनों में अजंता का सौंदर्य बढ़ जाता है। आसपास के पहाड़ों से लगातार झरने बह रहे होते हैं। पहाड़ों की हरियाली कई गुना बढ़ जाती है। हां, आप अपने साथ छाता जरूर रखें। गुफा के अंदर तो वैसे भी बारिश से बचाव होगा। बाहर का नजारा नयनाभिराम दिखाई देगा।
दुनिया भर से लाखों सैलानी हर साल अजंता की गुफाओं में पहुंचते हैं। इनमें से काफी लोग महज सैलानी नहीं होते। वे शांति, आध्यात्म और ज्ञान की तलाश में यहां पहुंचते हैं। आप जिस नजरिए से भी देखें आपको कुछ अलग कुछ अदभुत दिखाई देगा अजंता में। तो देर किस बात की है चलिए चलते हैं बुद्ध के विभिन्न रूपों से साक्षात्कार करने।
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