देश मे एक
ऐसी ट्रेन भी चलती है जो सडक पर आते जाते वाहनों को देखकर रूक जाती है। यहां समपार
फाटक पर कोई गार्ड नहीं दिखाई देता। ऐसा नजारा दिखाई देता है रायपुर धमतरी नैरो गेज पर। रायपुर राजिम की इस छोटी लाइन की इस ट्रेन में अमूमन सात डिब्बे होते हैं।
ट्रेन पूरे सफर में रायपुर शहर की सीमा में सात तथा कुल मिलाकर 23 सड़कों की क्रॉसिंग पार
करती है। ये ट्रेन सभी क्रॉसिंग पर रुकती है। इन क्रासिंग से रेलवे ने गार्ड हटा
लिए हैं, क्योंकि ये काफी खर्चीला सौदा साबित हो रहा था।
पूरे देश में ये एकमात्र ऐसी रेलवे लाइन है जो हर फाटक पर रुकती है। रुकने के बाद
गार्ड का सहयोगी रेलवे का खलासी ट्रेन से उतरकर फाटक को बंद करता है या फिर सड़क
पर चलने वाले वाहनों को रोकता है।
इस खालसी के पास लाल और हरी झंडियां होती हैं। जब पूरी ट्रेन फाटक को पार
कर जाती है तो ड्राइवर एक बार फिर ट्रेन को रोक देता है। खालासी ट्रेन में सवार
होता है। इसके बाद गार्ड सिग्नल देता और ट्रेन अपने सफर के लिए आगे बढती है।
हालांकि सड़कों पर वाहन चलाने वाले लोग इस नैरो गेज ट्रेन को परेशान नहीं करते।
जैसी ट्रेन आती देखते हैं बड़े सम्मान से रूक जाते हैं।
रायपुर राजिम
धमतरी रेलमार्ग का भविष्य
साल 1991-92 में
रेल बजट में चर्चा के दौरान कांकेर के सांसद अरविंद नेताम ने रायपुर धमतरी रेलवे
लाइन को ब्राड गेज में बदले जाने का मामला उठाया था। इससे पहले 1997 में रायपुर-राजिम-धमतरी 89 किलोमीटर नैरो गेज रेलवे लाइन को बड़ी लाइन में परिवर्तन करने हेतु
प्रारंभिक इंजीनियरिंग एवं यातायात रिपोर्ट (68.76 करोड का प्रोजेक्ट )
रेलवे बोर्ड को प्रस्तुत किया गया था।
जुलाई-अगस्त 2001 के सत्र में छत्तीसगढ़
राज्य की विधानसभा द्वारा 3 अगस्त 2001 को तत्कालीन विधायक अजय चंद्राकर द्वारा प्रस्तुत रायपुर-धमतरी एवं
रायपुर-नयापारा राजिम की छोटी रेल लाइन को बड़े रेल लाइन में परिवर्तित करते हुए
रायपुर से जगदलपुर को जोड़ने हेतु अशासकीय संकल्प सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया
था।
मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़
शासन द्वारा एक बार फिर अगस्त 2007 में रायपुर धमतरी नैरो गेज रेलवे लाइन को बड़ी
लाइन में परिवर्तित करने के लिए अनुरोध किया गया।
तेलीबांधा
रायपुर से धमतरी तक छोटी लाइन को बड़ी लाइन में बदलने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य शासन
ने 31 मार्च 2008 को अध्यक्ष रेलवे बोर्ड नई दिल्ली को प्रस्ताव भेज दिया था। इसके अलावा
महाप्रबंधक दपूमरे बिलासपुर एवं मंडल प्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर को
भी आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित कर दिया गया था।
उप
महाप्रबंधक (सामान्य), दक्षिण
पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर द्वारा 16 मई 2008 को सूचित किया गया कि रायपुर धमतरी एवं अभनपुर राजिम तक चलने वाली छोटी
रेल लाइन को ब्राडगेज लाइन में परिवर्तन करने हेतु सर्वेक्षण किया गया है। इस नई
रेल लाइन से संबंधी सर्वेक्षण रिपोर्ट को 8 दिसंबर 2007 को रेलवे बोर्ड को
प्रेषित किया गया है।
रायपुर
धमतरी रेल मार्ग पर चूंकि इस मार्ग पर कोई बड़ा पुल नहीं है। सारा इलाका समतल और
मैदानी है इसलिए आमान परिवर्तन में कहीं कोई परेशानी नहीं है।
पर रेलवे ने इस मार्ग को बड़ी लाइन में बदलने की परियोजना पर काम शुरू नहीं किया है। रायपुर शहर से 25 किलोमीटर आगे नया रायपुर शहर बसाया जा रहा है जहां छत्तीसगढ़ की राजधानी बनाई गई है। नया रायपुर नैरोगेज रेल मार्ग के केंद्री रेलवे स्टेशन के करीब है। अब नया रायपुर को रायपुर जंक्शन से ब्राडगेज मार्ग से जोड़ने की तैयारी है।
थम गया रायपुर से केंद्री तक का सफर
राजिम और धमतरी के लिए चलने वाली छोटी रेललाइन (नैरो गेज) का 117 साल का रायपुर से सफर 1 मई 2017 से थम गया। 30 अप्रैल को आखिरी बार तेलीबांधा स्टेशन से रेलगाड़ी का संचालन हुआ। इसके
बाद एक मई से रोज केंद्री स्टेशन से ही ट्रेनों का संचालन हो रहा है। दक्षिण पूर्व
मध्य रेलवे के बिलासपुर मुख्यालय से इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
केन्द्री में शेड बनकर तैयार हो गया है।
दरअसल रायपुर से केंद्री तक का नैरो गेज रेल मार्ग छत्तीसगढ़ सरकार ने रेलवे से खरीद लिया है। इस मार्ग पर रायपुर और नया रायपुर को जोड़ने वाला एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है। हालांकि रायपुर और केंद्री के बीच ऐसी सड़क न बनाकर इसी मार्ग पर रैपिड रेल या मेट्रो नेटवर्क स्थापित किया जा सकता था। वह ज्यादा इको फ्रेंडली साबित होता। पर विकास की अंधी दौड़ कई तरह की शहादत लेकर भी आती है।
दरअसल रायपुर से केंद्री तक का नैरो गेज रेल मार्ग छत्तीसगढ़ सरकार ने रेलवे से खरीद लिया है। इस मार्ग पर रायपुर और नया रायपुर को जोड़ने वाला एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है। हालांकि रायपुर और केंद्री के बीच ऐसी सड़क न बनाकर इसी मार्ग पर रैपिड रेल या मेट्रो नेटवर्क स्थापित किया जा सकता था। वह ज्यादा इको फ्रेंडली साबित होता। पर विकास की अंधी दौड़ कई तरह की शहादत लेकर भी आती है।
अच्छी जानकारी दी आपने !
ReplyDeleteगोस्वामी तुलसीदास