सन 2000
में बने राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर। रायपुर से राज्य के
धार्मिक स्थल राजिम को जोड़ती है एक नैरो गेज लाइन।
वास्तव में ये रेलवे लाइन
रायपुर से अभनपुर जंक्शन होते हुए धमतरी तक जाती है। अभनपुर से एक लाइन महानदी के
तट पर बसे शहर राजिम तक जाती है। सौ साल से ज्यादा वक्त गुजर चुका है और ये रेलवे
लाइन क्षेत्र वासियों को अपनी अनवरत सेवाएं दे रही है। कभी स्टीम इंजन से चलने
वाली ये नैरो गेज ट्रेन अब डीजल इंजन से चलती है।
साल 2010
के बाद से अब ये नैरो गेज लाइन रायपुर
जंक्शन से न शुरू होकर छह किलोमीटर आगे तेलीबंधा नामक स्टेशन से आरंभ होती है।
हालांकि रायपुर जंक्शन से तेलीबंधा के बीच पटरियों को हटाया नहीं गया है। दरअसल
रायपुर शहर की बढ़ती आबादी के कारण लोगों को इस नैरोगेज ट्रेन से परेशानी होती थी।
रायपुर और तेलीबंधा के बीच कई मुख्य सड़कों की क्रासिंग पड़ती थी। यहां ट्रेन के
गुजरने के कारण जाम लग जाता था। नैरो गेज लाइन होने के कारण दिन भर में कुछ ही
ट्रेनें इस ट्रैक से गुजरती थीं, इसलिए कई ओवर ब्रिज बनाने
की योजना महंगी लगी। फिर ये फैसला हुआ कि धमतरी और राजिम जाने वाली ट्रेनों को
तेलीबंधा से शुरू किया जाए। 2010 में तेलीबंधा में नए रेलवे
स्टेशन का निर्माण किया गया। इसलिए धमतरी नैरो गेज लाइन का आजकल तेलीबंधा पहला
स्टेशन है। पर अभी इस नैरोगेज के लोको को मरम्मत और तेल आदि लेने के लिए रायपुर
जंक्शन आना पड़ता है।
रायपुर
धमतरी नैरोगेज लाइन छत्तीसगढ़ के कई पीढ़ी के लोगों के लिए महबूब ट्रेन है। 1990
के बाद से कई बार इस रेलवे लाइन को उखाड़कर इसकी जगह बड़ी लाइन बिछाने की मांग
स्थानीय सांसदों और राज्य सरकार ने भी की है। पर इस लाइन का गेज परिवर्तन अभी
रेलवे के प्राथमिकता में नहीं है।
सबसे दुखद
खबर ये है कि 2014 के आखिरी दिनों में स्थानीय अखबारों में ये खबर आई कि रेल
मंत्रालय ने रायपुर धमतरी रेल खंड पर रेलों के संचालन के बंद करने का फैसला ले
लिया है। क्योंकि रेलवे के मुताबिक यात्रियों की कम संख्या के कारण इस मार्ग पर
रेलों के संचालन में लगातार घाटा हो रहा है। अगर ऐसा हो गया तो रायपुर धमतरी-राजिम
नैरो गेज इतिहास के पन्नों में समा जाएगी।
आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैय्या - रायपुर-धमतरी
सहित दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन की सात रेल लाइनें रेलवे के लिए आमदनी अठन्नी, खर्चा
रुपैय्या साबित हो रही हैं। रेलवे ने राज्य सरकारों को इसके संचालन में आने वाला
खर्च साझा करने का प्रस्ताव दिया। इसके लिए राज्य सरकारें नहीं तैयार हुईं। रेलवे
की सेंट्रल की पब्लिक एकाउंट्स कमेटी ने देशभर की उन लाइनों की रिपोर्ट तैयार की है, जिन पर आय से ज्यादा
खर्चा हो रहा है। रेलवे बोर्ड ने इन लाइनों की सूची संबंधित जोन को भेजी है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ऐसी 7 लाइनें हैं। इस मामले में
पहल नहीं की गई तो 88.46 किलोमीटर लंबी रेल लाइन
पर रेलवे की सिटी हमेशा के लिए बंद हो सकती है। रेलवे का तर्क है कि इस मार्ग पर
ट्रेन दौड़ाने के लिए रेलवे को साल में 18.38 करोड़ रुपये खर्च करना पड़
रहा है, जबकि
आमदनी महज चार करोड़ रुपये प्रति वर्ष ही है।
- vidyutp@gmail.com
रायपुर के तेलीबंधा से चलने को तैयार रेलवे लोकोमोटिव, जेडडीएम 4ए- 232 |
रायपुर राजिम रेल मार्ग -
1 तेलीबंधा (TBD) 00 किमी
2 माना (MANA) 6 किमी
3 भाटगांव (BOV) 10 किमी
4 केंद्री (KDRI) 17 किमी
5 अभनपुर (AVP) 23 किमी
6 मानिकचौरी (MCF) 29 किमी
7 राजिम (RIM) 39 किमी
No comments:
Post a Comment