नैनपुर
एशिया का सबसे बड़ा नैरो गेज रेलवे का जंक्शन है। 722 मिलीमीटर पटरियों के बीच इससे व्यस्त रेलवे स्टेशन दुनिया में कोई दूसरा
नहीं हो सकता। वैसे नैनपुर एक छोटा सा शहर है। इसकी आबादी 20 हजार के आसपास है। यह मध्य प्रदेश के वन आच्छिदत मंडला जिले की एक तहसील
है।
नैनपुर
जंक्शन में 24 घंटे में कुल नैरो गेज की 30 रेलगाड़ियां
आती और जाती हैं। लिहाजा इस स्टेशन पर रास्ते के बाकी के स्टेशनों से ज्यादा
इंतजामात हैं। कई ट्रेनों के इंजन को यहां बदला जाता है। स्टाफ की भी अदलाबदली
होती है।
सतपुड़ा
एक्सप्रेस का इंजन भी यहां बदला जाता है। स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर एक
भोजनालय भी है। यहां खाने के लिए 35 रुपये
की शाकाहारी थाली उपलब्ध है। यहां 15 रुपये में पूड़ी सब्जी
भी मिल जाता है। भोजनालय बिल्कुल साफ सुथरा है। स्टेशन पर एक मांसाहारी भोजनालय भी
है।
नैनपुर
जंक्शन पर तीन बिस्तरों वाला शयनयान भी यात्रियों की सुविधा के लिए मौजूद है। यहां
अमानती सामान घर, सुलभ शौचालय, कंप्यूटरीकृत
आरक्षण केंद्र, उच्च श्रेणी और साधारण श्रेणी के प्रतीक्षालय
आदि सब कुछ उपलब्ध है।
आप बालाघाट, जबलपुर या फिर छिंदवाड़ा की ओर से जब सतपुड़ा के
नैरो गेज के सफर पर चलते हैं तो बीच में नैनपुर जंक्शन ही सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन
आता है जहां आप यात्री सुविधाओं की उम्मीद कर सकते हैं। स्टेशन पर खाने पीने के
स्टाल, पकौड़े, मिठाइयां और चिप्स आदि
भी उपलब्ध हैं। इस मार्ग पर सफर करने वाले लोग अपनी जरूरत की तमाम चीजें नैनपुर
जंक्शन से ही ले लेते हैं। आगे के स्टेशनों पर पता नहीं कुछ मिले या फिर नहीं।
नैनपुर
जंक्शन स्टेशन के बाहर निकलें तो थोड़ी दूर चलने पर ही मारवाड़ी भोजनालय है, जहां बेहतर शाकाहारी भोजन उपलब्ध है। टेलीफोन
एक्सचेंज के पास स्थित ये भोजनालय फोन पर पार्सल की सेवा भी देता है। रेलवे स्टेशन
पर लगे एक बोर्ड पर नैनपुर स्टेशन पर उपलब्ध तमाम सुविधाओं की सूची भी दी गई है।
नैनपुर शहर के पास ही चकोर नदी बहती है। जबलपुर की तरफ इस नैरो गेज लाइन पर आगे
बढ़ने पर चकोर नदी पर पुल आता है।
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