
उनकी कचौडी का स्वाद तो याद रहेगा ही। पर वे बताते हैं कि उनकी कचौड़ी
की चांपा में इतनी मांग है पूरी कालोनी के लोग घर में पार्टी करने के लिए उनकी दुकान से ही
कचौड़ी मंगाते हैं। वाकई स्वाद का जवाब नहीं। दस रुपये में कचौडी की प्लेट। चाहो तो
साथ में जलेबी या चाय भी ले सकते हो।
चांपा में कई साल
बाद मिलना हुआ प्रोफेसर अश्वनी केशरवानी से। वैसे तो वे कॉलेज में विज्ञान के शिक्षक
हैं पर उनकी रूचि धर्म संस्कृति और छतीसगढ़ के इतिहास में ज्यादा है। उनसे 1992
में दिल्ली में राष्ट्रीय युवा योजना के आर्गनाइजर्स मीट में मुलाकात हुई थी। प्रोफेेसर केसरवानी छत्तीसगढ़ के इतिहास और लोक संस्कृति पर कई पुस्तकें लिख चुके हैं। उनके घर कई दशक बाद की मुलाकात अविस्मरणीय रहेगी। मैं 1992 में बीए में पढ़ रहा था। अब मैं 40 पार कर रहा हूं तो वे 60 के करीब। केशरवानी जी ने छत्तीसगढ़ पर लिखी अपनी तीन किताबें मुझे भेंट की।
चांपा से रायपुर का सफर - मेरी अगली मंजिल है रायपुर। सुबह मैंने गेवरा
रोड गोंदिया जनशताब्दी एक्सप्रेस पकड़ी रायपुर जाने के लिए। प्रोफेसर भूपेंद्र पटेल रेलवे स्टेशन तक छोड़ने आए। जनशताब्दी में करेंट टिकट
खरीदने के बाद भी बैठने की जगह बड़ी ही सुगमता से मिल गई।
ट्रेन में बगल वाली
सीट पर बैठे सज्जन से बातचीत शुरू हुई। उनका नाम है प्रोफेसर रामायण पात्रे। वे कोरबा के मिनी माता महाविद्यालय में हिंदी
के प्रोफेसर हैं। सफर के दौरान उनसे छत्तीसगढ़ी जुबान और भाषा पर वार्ता चलती रही। इसी दौरान कब रायपुर आ गया पता ही
नहीं चला।
तो भाई ये 50 रुपये में शानदार थाली है। रेस्टोरेंट में वेटरों की सर्विस बहुत तेज है। यहां रेस्टोरेंट में महिलाएं काम करती हैं। वह भी रात 10 बजे तक। वर्दी में तैनात महिलाएं ग्राहकों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखती हैं। रेलवे स्टेशन के सामने के होटलों में हर तरह का स्वाद उपलब्ध है। उत्तर भारतीय थाली, दक्षिण का मसाला डोसा, इडली सांभर और बिरयानी भी। तो ट्रेन पकड़ने वालों के लिए फटाफट पैंकिंग का भी पूरा इंतजाम है।
रेलगाड़ी का कोच नहीं
जनाब रेस्टोरेंट - रायपुर की सड़कों पर
घूमते हुए नगर निगम के पास वाली सड़क पर शानदार चौपाटी नजर आती है। काफी कुछ
इलाहाबाद के सिविल लाइंस की तरह। इस चौपाटी पर फुटपाथ पर एक रेस्टोरेंट है। बिल्कुल
किसी रेलगाड़ी के कोच की तरह। पर इसके अंदर बैठकर खाने का सुंदर इंतजाम है। ये
रेलवे द्वारा संचालित नहीं है पर जिसकी भी परिकल्पना हो, है काफी सुंदर।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( CHAMPA, JANJGIR, RAIPUR, JAN SHATABDI EXPRESS, BILASPUR )
( CHAMPA, JANJGIR, RAIPUR, JAN SHATABDI EXPRESS, BILASPUR )
No comments:
Post a Comment