अमरकंटक का रिश्ता सिख धर्म से भी है।
सिखों के पहले गुरू गुरुनानक देव जी अमरकंटक आए थे। पहले गुरू ने देश दुनिया में
अनंत यात्राएं की थी। उन्होंने मां नर्मदा के साथ साथ भी लंबी यात्रा की थी। नर्मदा
के उदगम वाले शहर में उनकी याद में एक गुरुद्वारा भी बना है। ये गुरुद्वारा नर्मदा
कुंड से बस स्टैंड जाने वाली सड़क पर स्थित है। अमरकंटक का गुरुद्वारा प्रसिद्ध
कल्याण आश्रम के ठीक बाद स्थित है। गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं के रहने के लिए
आवास का भी इंतजाम है। हर रोज यहां गुरु का लंगर भी चलता है। गुरुद्वारा के ठीक सामने
मध्य प्रदेश शासन ने खूबसूरत पार्क बनवा दिया है। इस पार्क में बोटिंग का भी
इंतजाम है।
अमरंकटक गुरुद्वारे के सेवादार हैं
सरदार एचएस गरेवाल। उनकी उम्र 82 साल है पर उत्साह नौजवानों जैसा है। वे अति
आशावादी हैं। रेलवे से अवकाश प्राप्त करने के बाद खुद को गुरु घर की सेवा में लगा
दिया। पर उनके विचार जाति धर्म से उपर उठकर मानवतावादी और सर्व धर्म समभाव के हैं।
सिर्फ विचार नहीं वे उसे अपनी जिंदगी में जीते भी हैं। रेलवे के गार्ड पद से रिटायर हुए
गरेवाल अपने पेंशन के पूरे 15 हजार समाज को समर्पित कर देते हैं। कहते हैं- बेटे
तो कमा ही रहे हैं। भला उन्हें देने की क्या जरूरत है। मेरा पैसा जरूरतमंदों के
काम आना चाहिए।
एक मई 1933 को लुधियाना में जन्मे गरेवाल ने पंजाब कृषि
विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान खेल में रूचि थी। फुटबाल पृथ्वीपाल के
साथ खूब फुटबाल भी खेला। बाद में रेलवे की सेवा में आए। पर समय से पहले वीआरएस
लेकर समाज सेवा में जुट गए। वे 1993 से अमरकंटक गुरुद्वारे की सेवा में हैं। गरेवाल
साहब के विचारों के दर्शन अमरकंटक गुरुद्वारे के प्रवेश द्वार से ही होने लगते
हैं। प्रवेश द्वार और उसके आसपास राष्ट्रीय एकता और विश्वबंधुत्व के नारे सहज भाषा
में लिखे गए हैं। गुरुद्वारे में कई दर्जन स्थानीय
बच्चे शिक्षा पाते हैं। उनका जीवन, दानापानी यहीं से चलता है। अब आईए जानते हैं
गरेवाल साहब के संदेश क्या हैं।
हम सदा सच बोलेंगे
हम चोरी नहीं करेंगे
हम देश और संसार को खूबसूरत बनाएंगे
सब इंसान भाई भाई हैं
बड़ों ने दुनिया बिगाड़ी है
अब बच्चों की बारी है
हम सब मुल्कों की हद मिटाएंगे
सब दुनिया को एक बनाएंगे
ना हम हिंदू ना हम मुसलमान
हम सब हैं बस इंसान
हम सब तरफ प्यार ही प्यार फैलाएंगे
इन सबके बाद होता है सत श्री अकाल
अगर चाहते हो देश का कल्याण – बढती आबादी
पर दो ध्यान
दो के दो भी हैं ज्यादा- इससे भी नहीं
होगा फायदा
बस एक ही हो बच्चा – जो है सबसे अच्छा
लड़की हो या लड़का...इनमें फर्क न हो
तिनका।
मगर अफसोस इंसान हो गया खुदगर्ज
नहीं समझ रहा है अपना फर्ज।
गरेवाल साहब के इस संदेश से आज के
नेताओं को सीख लेनी चाहिए जो कभी चार तो कभी दस बच्चे पैदा करने का फरमान बिना
सोचे समझे जारी कर देते हैं।
गुरुद्वारा अमरकंटक की वेबसाइट - http://amarkantakgurudwara.org/contact.aspx
गरेवाल साहब के साथ एक घंटे से ज्यादा का वक्त बड़ा शानदार और यादगार गुजरा। उन्होंने मुझे अपने आवास में आमंत्रित किया। सुबह का समय था तो नास्ते मे पंजाबी पराठे खिलाए। ढेर सारे मक्खन के साथ। वैसे अमरकंट में खाने पीने के लिए साफ सुथरे कई ढाबे हैं। ज्यादातर ढाबों में लकड़ी के चूल्हे पर ही खाना बनता है। आप बजरंगबली भोजनालय में अच्छे स्वाद के लिए जा सकते हैं।
गरेवाल साहब के साथ एक घंटे से ज्यादा का वक्त बड़ा शानदार और यादगार गुजरा। उन्होंने मुझे अपने आवास में आमंत्रित किया। सुबह का समय था तो नास्ते मे पंजाबी पराठे खिलाए। ढेर सारे मक्खन के साथ। वैसे अमरकंट में खाने पीने के लिए साफ सुथरे कई ढाबे हैं। ज्यादातर ढाबों में लकड़ी के चूल्हे पर ही खाना बनता है। आप बजरंगबली भोजनालय में अच्छे स्वाद के लिए जा सकते हैं।
- ---------- विद्युत प्रकाश मौर्य vidyutp@gmail.com
( AMARKANTAK, GURUDWARA, GURU NANAK DEV JEE )
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Bajrangbali restaurant provides the best food in amarkantak. ..I love the food...
ReplyDeleteधन्यवाद
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