राजस्थान
में अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा छोटा सा शहर पुष्कर देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। सैलानियों के लिए स्वर्ग
पुष्कर को 'तीर्थराज' भी कहा जाता है। पुष्कर अजमेर शहर से उत्तर - पश्चिम में 12 किलोमीटर की दूरी पर है। अजमेर
और पुष्कर को नाग - पहाड़ एक दूसरे से अलग करते हैं।
अजमेर से पुष्कर बस से जाया
जा सकता है। आप अजमेर रहकर भी पुष्कर घूमने जा सकते हैं। हिन्दुओं के इस प्रसिद्ध
धार्मिक स्थान में 100 से अधिक मंदिर हैं। पुष्कर झील के तट पर जगह-जगह पक्के घाट
बने हैं जो राजपूताना के देशी राज्यों के अमीर जमींदारों की ओर से बनाए गए हैं।
पुष्कर
का उल्लेख वाल्मिकी रामायण में भी आता है। सर्ग 62 श्लोक 28 में विश्वामित्र के यहां तप करने की बात कही गई है। सर्ग 62 श्लोक 15 के मुताबिक यहां
मेनका पावन जल में स्नान के लिए आई थीं। यहां आने वाले श्रद्धालु अपने को पवित्र करने के लिए पुष्कर झील
में स्नान करते हैं।
पुष्कर
झील, एक अर्द्ध गोलाकार पवित्र जल से भरी झील है जिसे तीर्थराज के नाम से
भी जाना जाता है। हिंदु पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवाना ब्रहमा ने दानव वज्र नाभ का कमल के फूल से वध किया तो उस
फूल की एक पंखुडी टूटकर यहां गिर गई और झील की उत्पत्ति हुई। इस झील की अधिकतम
गहराई 10 मीटर है। झील, चारों तरफ से लगभग 300 मंदिरों और 52 घाटों ( जो झील के किनारों पर एक श्रृंखला में स्थित हैं ) से घिरा
हुआ है।
इस झील
में श्रद्धालु स्नान करते हैं। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति कार्तिक पूर्णिमा
के दिन इस झील में पवित्र डुबकी लगाता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
इसके अलावा, यहां मान्यता है कि पुष्कर
झील में स्नान करने से उस मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं और कई प्रकार की त्वचा संबंधी रोग भी दूर हो जाते हैं।
पुष्कर सरोवर में माधवी, अनादि और मैं ( मार्च 2008) |
कार्तिक में लगता है विशाल मेला - पुष्कर कार्तिक पूर्णिमा के समय विशाल मेला लगता है। इस मेले मे बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक भी आते हैं। देश भर से हजारों हिन्दु लोग इस मेले में आते हैं। मेले में ऊंट और राजस्थानी संस्कृति खास आकर्षण होती है।
पुष्कर शहर में प्रवेश करते ही शांति कुंज हरिद्वार की ओर से
निर्मित गायत्री शक्ति पीठ बना हुआ है। इसके अलावा पुष्कर में
नृसिंह मन्दिर, झूलेलाल मन्दिर, प्राचीन रंगनाथ मन्दिर
प्रमुख हैं। सरोवर के पास पहाड़ी पर सावित्री मंदिर भी है। पुष्कर में ऊंट की
सवारी का आनंद सालों भर लिया जा सकता है। विदेशियों को पुष्कर इतना भाता है कि
सालों भर सैकड़ो विदेशी यहां डेरा जमाए हुए मिलते हैं।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
पुष्कर झील के बारे में जानकार देखने को मन उत्सुकता हो उठा है। ।
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!
पुष्कर झील मे किस किस प्रतिमा है
ReplyDeleteओर बीच मे जो महल या छतरी बनी है वह किसकी है जानकारी देना जी
पुष्कर झील मे किस किस प्रतिमा है
ReplyDeleteओर बीच मे जो महल या छतरी बनी है वह किसकी है जानकारी देना जी
पुष्कर में पांच प्रमुख मंदिर हैं, अपेक्षाकृत हाल के निर्माण के बाद से पूर्व की इमारतों को 17th सदी के अंत में मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा नष्ट कर दिया गया था। घाटों के रूप में जाने वाले कई स्नानागार, झील के चारों ओर और तीर्थयात्रियों ने शरीर और आत्मा दोनों की सफाई के लिए पवित्र जल में डुबकी लगाई।
ReplyDeleteधन्यवाद
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