
घने देवदार के जंगलों के बीच मां हिडिंबा का मंदिर पैगोडा
शैली में बना है।
मंदिर
मनाली बस स्टैंड से एक किलोमीटर से थोड़ा ज्यादा है। हिमाचल प्रदेश के मनाली शहर
से कुछ ऊपर ढूंगरी नाम के स्थान में हिंडिबा देवी का मंदिर है। एक तो हिडिंबा जो
राक्षसी थी और उसका मंदिर बना हुआ है। मनाली में ही नहीं, पूरे कुल्लू में
हिडिंबा की पूजा होती है। मंदिर के अंदर काठ पर उकेरी गई देवी देवताओं की
मूर्तियां है।
चढ़ाई जाती थी बलि - यहां जाने के लिए चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।
हिमाचल का ये एक ऐसा मंदिर है जहां बलि चढ़ाई जाती है। मंदिर परिसर में लटके
जानवरों के सिंग इसकी गवाही देते हैं। यहां बकरे, मेंढे और भैंसे के सींग तो हैं ही, साथ ही यामू,टंगरोल और
बारहसींगे के सींग भी टांगे दिखाई देते हैं। कुल्लू दशहरा में शरीक होने के लिए देवी हिडिंबा पशु बलि चढ़ाए जाने पर ही
आगे बढ़ती हैं। कुल्लू
दशहरा का शुभारंभ देवी
हिडिंबा को
अष्टांगबलि देने के
बाद होता है। ये प्रथा
सदियों से चली आ रही है। हालांकि
कुछ सालों से इस परंपरा रोक लगाई गई है।

बलशाली घटोत्कच की मां हैं हिंडिंबा- महाभारत काल में जब वनवास काल में जब पांडवों का घर
(लाक्षागृह) जला दिया गया तो विदुर के परामर्श पर वे वहां से भागकर एक दूसरे वन
में पहुंचे। वहां पीली आंखों वाला हिडिंब राक्षस अपनी बहन हिंडिबा के साथ रहता था।
एक दिन हिडिंब ने अपनी बहन हिंडिबा से वन में भोजन की तलाश करने के लिये भेजा
परन्तु वहां हिंडिबा ने पांचों पाण्डवों सहित उनकी माता कुंती को देखा।
भीम पर मोहित हो गईं हिडिंबा - यह राक्षसी
को भीम को देखते ही उस पर मोहित हो गई। इस कारण इसने उन सबको नहीं मारा जो हिडिंब
को बहुत बुरा लगा। फिर क्रोधित होकर हिडिंब ने पाण्डवों पर हमला किया, इस युद्ध में भीम
ने हिडिंब को मार डाला और फिर वहां जंगल में कुंती की आज्ञा से हिंडिबा एवं भीम का
विवाह हुआ। इनसे घटोत्कच नामक पुत्र हुआ। जिसने महाभारत की लड़ाई में अत्यंत वीरता
दिखाई थी।
तो यह कहानी थी हिडिंबा देवी की। हिडिंबा देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के उन चंद मंदिरों में है जिससे हिमाचल प्रदेश की पहचान है। साल 2008 मे दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में हिमाचल पेवेलियन में घूमते हुए मनाली के इस हिडिंबा देवी मंदिर की प्रतिकृति दिखाई देती है। हालांकि बेटे अनादि मनाली नहीं गए पर इस मंदिर की प्रतिकृति के साथ फोटो खिंचवाने के लिए मचल उठे। बर्फबारी के दिनों में देवी का मंदिर श्वेत बर्फ की चादर से ढका हुआ बड़ा ही खूबसूरत दिखाई देता है।

तो यह कहानी थी हिडिंबा देवी की। हिडिंबा देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के उन चंद मंदिरों में है जिससे हिमाचल प्रदेश की पहचान है। साल 2008 मे दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में हिमाचल पेवेलियन में घूमते हुए मनाली के इस हिडिंबा देवी मंदिर की प्रतिकृति दिखाई देती है। हालांकि बेटे अनादि मनाली नहीं गए पर इस मंदिर की प्रतिकृति के साथ फोटो खिंचवाने के लिए मचल उठे। बर्फबारी के दिनों में देवी का मंदिर श्वेत बर्फ की चादर से ढका हुआ बड़ा ही खूबसूरत दिखाई देता है।
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विद्युत प्रकाश मौर्य vidyutp@gmail.com
(MANALI, HIMACHAL, KULLU, VYAS RIVER, HIDIMBA DEVI )
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