
बदरंग होता ताज- भारतीय एवं अमेरिकी
अनुसंधानकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि हवा में तैरते कार्बन कणों एवं
धूलकणों के चलते ताजमहल बदरंग होता जा रहा है और उसका चमचमाता सफेद रंग भूरा होता
जा रहा है। जार्जिया
इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नॉलोजी के स्कूल ऑफ अर्थ एंड एटमोसफेरिक साइंसेज के प्रोफेसर
माइकल बर्गिन की टीम ने यह पाया है कि ताजमहल को बदरंग कर रहे प्रदूषक बायोमास,
अपशिष्ट, जीवाश्म ईंधन के
जलने से निकलने वाले कार्बन कण और धूलकण हैं। अबतक माना जा रहा था कि बदरंग होने
के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार है लेकिन उसके लिए कोई व्यवस्थित अध्ययन नहीं किया
गया था।
ताज पर अनुसंधानकर्ताओं को उपकरण के फिल्टर और मार्बल सैम्पलों पर भूरे आर्गेनिक कार्बन और काले कार्बन के कण मिले। बदरंग होने की वजह जानने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने नवंबर, 2011 से जून, 2012 के बीच एयर सैम्पलिंग उपकरण का इस्तेमाल किया ताकि यह पता चल पाया कि ताजमहल परिसर के वायु में क्या है।
ताज पर अनुसंधानकर्ताओं को उपकरण के फिल्टर और मार्बल सैम्पलों पर भूरे आर्गेनिक कार्बन और काले कार्बन के कण मिले। बदरंग होने की वजह जानने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने नवंबर, 2011 से जून, 2012 के बीच एयर सैम्पलिंग उपकरण का इस्तेमाल किया ताकि यह पता चल पाया कि ताजमहल परिसर के वायु में क्या है।

तुमने जब भी पुकारा हमको आना पड़ेगा - कहते हैं शाहजहां को उसके बेटे जहांगीर ने बुढापे
में कैद कर दिया और सल्तनत की गद्दी हथिया ली। पिता ने बेटे से इल्तिजा की ऐसी जगह
कैद रखो जहां से हमेशा ताज दिखाई दे। तो शाहजहां ने आखिरी दिन कैद में मुमताज के
ताज के देखते हुए गुजारे। उनकी कथा पर बनी फिल्म का गीत प्रसिद्ध है- जो वादा किया
निभाना पडेगा...तुमने जब भी पुकारा हमें आना पड़ेगा। कहते हैं शाहजहां और मुमताज
के बीच अमर प्रेम था। मुमताज शाहजहां की यादों में हमेशा रची बसी थी। मुमताज की
मौत पर शाहजहां अर्धविक्षिप्त-सा हो गया था। वह सफ़ेद कपड़े पहनने लगा था। उसने तब
ताज बनवाने का प्रण किया। कहते
हैं कि मुहब्बत के प्रतीक विश्व विख्यात ताजमहल में मुमताज की
कब्र पर आज भी शाहजहां के आंसू
गिरते हैं। अब शाहजहां की कब्र भी ताजमहल में मुमताज के बगल में ही है।
ताज के साथ फोटो - हर किसी की तमन्ना ताज के साथ फोटो खिंचवाने की की होती है। मैं 1991 के सितंबर में पहली बार ताज महल पहुंचा।
तह हम अलीगढ़ के राष्ट्रीय युवा योजना के शिविरार्थियों के साथ थे। तब ताज के साथ
तस्वीर नहीं खिंचवा सका। गर्मी भीषण थी हमारे पैसा कैमरा भी नहीं था। तब मन मसोस कर
रह गया। दुबारा मौका आया 2009 के मार्च में तब मेरी जीवन संगिनी माधवी और बाल गोपाल अनादि भी
साथ थे। तब तो फोटो बनती ही थी न...
हमलोगों ने आगरा का ताजमहल देखने के लिए दिल्ली से टवेरा बुक कर ली थी। सुबह 5 बजे दिल्ली से निकल पड़े थे। पहले ताजमहल फिर फतेहपुर सीकरी फिर मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और फिर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर से घूमते हुए देर रात दिल्ली वापस लौट आए थे। मतलब एक दिन में आगरा, फतेहपुर सीकरी, मथुरा और वृंदावन सब कुछ घूम डाला। होली करीब थी तो बांके बिहारी मंदिर में खूब भीड़ थी, पर उस भीड़ में भी हम दर्शन करके ही लौटे।
कैसे पहुंचे - अगर आप आगरा का ताजमहल देखने जाना चाहते हैं तो आगरा कैंट स्टेशन उतरें जो आगरा शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है। यहां से ताज की दूरी 6 किलोमीटर है। ताजमहल ताजगंज इलाके में यमुना नदी के किनारे है। हां आगरा में आप लपकों (दलालों) से थोड़ा सावधान रहें।
हमलोगों ने आगरा का ताजमहल देखने के लिए दिल्ली से टवेरा बुक कर ली थी। सुबह 5 बजे दिल्ली से निकल पड़े थे। पहले ताजमहल फिर फतेहपुर सीकरी फिर मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और फिर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर से घूमते हुए देर रात दिल्ली वापस लौट आए थे। मतलब एक दिन में आगरा, फतेहपुर सीकरी, मथुरा और वृंदावन सब कुछ घूम डाला। होली करीब थी तो बांके बिहारी मंदिर में खूब भीड़ थी, पर उस भीड़ में भी हम दर्शन करके ही लौटे।
कैसे पहुंचे - अगर आप आगरा का ताजमहल देखने जाना चाहते हैं तो आगरा कैंट स्टेशन उतरें जो आगरा शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है। यहां से ताज की दूरी 6 किलोमीटर है। ताजमहल ताजगंज इलाके में यमुना नदी के किनारे है। हां आगरा में आप लपकों (दलालों) से थोड़ा सावधान रहें।
- विद्युत प्रकाश मौर्य vidyutp@gmail.com
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