नन्हे
मुन्ने बच्चे जिनके दूध के दांत अभी नहीं टूटे वे बच्चे दूध भात ही खाते हैं और
उनकी माताएं उन्हें लोरी गाकर खिलाती और सुलाती हैं। भोजपुरी समाज की अति प्रसिद्ध
लोरी है – चंदा मामा आरे आव पारे आव...लाखों माताओं
ने अपने बच्चों को ये लोरी सुनाई होगी। पर ये लोरी वास्तव में एक फिल्म से ली गई
है।
सन 1953 में आई इस श्वेत श्याम फिल्म भौजी में लता मंगेशकर ने इस प्यारी सी भोजपुरी लोरी को गाया
था। इसे संगीतबद्ध करा था ‘चित्रगुप्त’ ने। चित्रगुप्त का संबंध बिहार के छपरा शहर से था। यानी वे खांटी भोजपुरिया थे।
मजरूह सुलतानपुरी के बोल - इस गाने के बोल लिखे थे मजरूह सुलतानपुरी ने। मजरूह साहब उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले से आते थे। उनके रगों में भी भोजपुरी रक्त दौड़ता था। इसका असर इस गीत के बोल में दिखाई देता है। मजरूह की भोजपुरी में लिखी ये लोरी अमर हो गई। गीत बोल कुछ इस प्रकार हैं-
मजरूह सुलतानपुरी के बोल - इस गाने के बोल लिखे थे मजरूह सुलतानपुरी ने। मजरूह साहब उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले से आते थे। उनके रगों में भी भोजपुरी रक्त दौड़ता था। इसका असर इस गीत के बोल में दिखाई देता है। मजरूह की भोजपुरी में लिखी ये लोरी अमर हो गई। गीत बोल कुछ इस प्रकार हैं-
चंदा मामा
आरे आव.. पारे आव
नदिया किनारे
आव.. ।
सोनवा के
कटोरिया में दूध भात ले ले आव...
बबुआ के
मुंहवा में घुटूं ।।
आव हो उतरी
आव हमारी मुंडेर
कब से पुकारिले भईल बड़ी देर ।
भईल बड़ी देर
हां बाबू के लागल भूख ।
ऐ चंदा मामा
।।
मनवा हमार अब
लागे कहीं ना
रहिले देख
घड़ी बाबू के बिना
एक घड़ी हमरा
के लागे सौ जून ।
ऐ चंदा मामा
।।
यू ट्यूब पर
मौजूद इस गाने का लिंक - https://www.youtube.com/watch?v=R7zBQmlKb60
हालांकि
भौजी हिंदी फिल्म थी पर इस लोरी के बोल विशुद्ध भोजपुरी में हैं। एक शब्द में भी
कोई बनावटीपन नहीं है। लता जी की मीठी आवाज में ये लोरी दिल को छू जाती है। बार
बार सुनो..बार बार गुनगुनाओ तो भी जी नहीं भरता। इस गीत संवेदनाओं का अदभुत वेग है।
अब बात चंदा
मामा की ही हो रही है त चंदा मामा पर एक लोरी फिल्म वचन में भी है। 1955 में आई इस फिल्म गीता बाली और बलराज
सहनी थे। गीत के बोल हैं – चंदा मामा दूर के पुए
पकाएं गुर के...आप खाएं थाली में...मुन्ने को दें प्याली मे...प्याली गई टूट
मुन्ना गया रूठ। इस गीत में संगीत रवि का है। दोनों ही गीतों में चंदा मामा हैं। यहां खाने में पूए हैं तो दूध
भात। बच्चों को ये दोनों गीत खूब पसंद आते हैं।
चंदा को मामा कहने वाला एक और गीत है फिल्म कर्तव्य का। इसके बोल हैं - चंदामामा से प्यारा मेरा मामा, मेरी आंखों का तारा मेरा मामा। ये फिल्म धर्मेंद्र की थी। यह गीत में सर्वाकालिक लोकप्रिय है।
चंदा को मामा कहने वाला एक और गीत है फिल्म कर्तव्य का। इसके बोल हैं - चंदामामा से प्यारा मेरा मामा, मेरी आंखों का तारा मेरा मामा। ये फिल्म धर्मेंद्र की थी। यह गीत में सर्वाकालिक लोकप्रिय है।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( LATA, MAJROOH, BHOJPURI SONG, CHANDA MAMA, DOOR KE, DOODH BHAT )
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