मेट्टुपालियम रेलवे स्टेशन पर ( अक्तूबर 2012 ) |
नीलगिरी
माउंटेन रेल दुनिया के रेलवे सिस्टम में इंजीनयरिंग का अनूठा नमूना है। पहाड़ों पर
रेल को सफलतापूर्वक चलाने के लिए इसमें अनूठे रैक पिनियन सिस्टम का इस्तेमाल किया
गया है।
वैसे तो किसी मीटर गेज की तरह ही इस रेलमार्ग के पटरियों के बीच की चौड़ाई तो एक मीटर ही है, लेकिन पटरियों के बीच एक और दांतदार रैक लगे हैं। ये रैक रेल को पटरी के साथ और मजबूती से जोड़े रखते हैं। इसलिए तकनीक के लिहाज से ये देश में बाकी सभी रेलमार्गों से अलग है। मेट्टुपालियम से कन्नूर के बीच रैक पिनियन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है।
ऐसा होता ह रैक पिनियन सिस्टम - दो पटरियों के बीच दांतदार रैक । |
रैक सिस्टम शुरुआत के 28 किलोमीटर में ही है। कन्नूर से
उदगमंडलम के बीच में रैक सिस्टम नहीं है। यहां ट्रेन 30 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलती
है। मेट्टुपालियम और ऊटी के मार्ग में कुल 250 पुल हैं
जिनमें 32 बड़े पुल हैं। इस मार्ग पर चलने वाली ट्रेन में
कभी भाप इंजन लगते थे लेकिन अब इसमें वाईडीएम 4 डीजल इंजन
लगा दिया गया है। लेकिन सर्पीले वलय वाले पहाड़ी रास्तों पर ट्रेन 30 किलोमीटर प्रति घंटे के अधिकतम स्पीड से चलाई जाती है। कलार और कन्नूर के
बीच तो ज्यादा चढ़ाई होने के वजह से महज 13 किलोमीटर प्रति
घंटे की गति रखनी पड़ती है।
नीलगिरी
माउंटेन रेल तमिलनाडु के कोयंबटूर और नीलगिरी जिले के बीच विस्तारित है। इस रेल
मार्ग को तीन हिस्सों में बांट कर देखा जा सकता है। सात किलोमीटर का पहला हिस्सा
मेट्टुपालियम से कोलार के बीच का है। ये तमिलनाडु का मैदानी हिस्सा है। कोलार में
ट्रेन का ट्रैक 405 मीटर की ऊंचाई पर है। इस क्षेत्र में कसैली सुपारी के पेड़
दिखाई देते हैं। इस क्षेत्र में ट्रेन 30 किलोमीटर की रफ्तार से चलती है।
कोलार से कन्नूर के बीच
रेलमार्ग का दूसरा खंड है। कन्नूर में ट्रेन 1712 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाती है। पूरे रेल मार्ग
में कुल 208 मोड़ आते हैं। इस रास्ते में 13 सुरंगे आती है। भवानी नदी पर कालार में पुल बना है। यहां से ट्रेन जंगल
में प्रवेश कर जाती है। 18 किलोमीटर के मार्ग पर यूकिलिप्टस
और बबूल के जंगल दिखाई देते हैं। उदगमंडलम ( ऊटी) में 2203 मीटर
की ऊंचाई पर पहुंचने से पहले एनएमआर की छुक छुक लगातार पहाड़ों पर चढ़ाई कर रही
होती है।
कैसे करें सफर – नीलगिरी
माउंटेन रेलवे पर रोज सुबह एक ही ट्रेन चलती है। इसलिए इसके सफर का मजा लेने के
लिए जरूरी है कि आप सुबह सुबह मेट्टुपालियम रेलवे स्टेशन पर मौजूद हों। इसके लिए
काफी लोग एक दिन पहले आकर मेट्टुपालियम में होटल बुक करके रुक जाता है। दूसरा
तरीका है कि आप चेन्नई से रात को नीलगिरी एक्सप्रेस ( 12671 ) ट्रेन पकड़ें। यह
ट्रेन सुबह सुबह 6.15 बजे मेट्टुपालियम पहुंचा देती है। इससे आप 7.40 में खुलने
वाली ऊटी पैसेंजर को पकड़ सकते हैं।
- विद्युत
प्रकाश मौर्य
( NILGIRI
MOUNTAIN RAILWAY, METER GAUGE, OOTY, METTUPALAYAM, TAMILNADU )
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