सागर द्वीप यानी गंगा सागर
विश्व प्रसिद्ध सुंदरबन के इलाके से जुड़ा है। सागर द्वीप 224 वर्ग किलोमीटर में
फैला है। इसमें कुल 43 गांव आते हैं। यह साउथ 24 परगना जिले का हिस्सा है।
सागर द्वीप की आबादी 1.60 लाख के करीब है। सागर द्वीप सुंदर बन प्रशासन का हिस्सा है। पर आजकल सागर द्वीप इलाके में बंगाल टाइगर नहीं हैं। सागर (124 नंबर) पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले का एक विधानसभा क्षेत्र भी है। यह मथुरापुर लोकसभा क्षेत्र में आता है।

साल 2011 में तृणमूल कांग्रेस के बंकिम चंद्र हाजरा यहां से चुनाव जीते। इससे पहले यहां लंबे समय तक सीपीएम का कब्जा रहा था। पर यह बंगाल के अति पिछड़े इलाकों में शुमार है। सागर द्वीप इलाके में पहुंचने के लिए स्टीमर से मूरी गंगा नदी पार करनी पड़ती है। लंबे समय से मूरी गंगा नदी पर पुल बनाने की योजना है पर इस बड़ा खर्च आने वाला है।
सागर द्वीप की आबादी 1.60 लाख के करीब है। सागर द्वीप सुंदर बन प्रशासन का हिस्सा है। पर आजकल सागर द्वीप इलाके में बंगाल टाइगर नहीं हैं। सागर (124 नंबर) पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले का एक विधानसभा क्षेत्र भी है। यह मथुरापुर लोकसभा क्षेत्र में आता है।
साल 2011 में तृणमूल कांग्रेस के बंकिम चंद्र हाजरा यहां से चुनाव जीते। इससे पहले यहां लंबे समय तक सीपीएम का कब्जा रहा था। पर यह बंगाल के अति पिछड़े इलाकों में शुमार है। सागर द्वीप इलाके में पहुंचने के लिए स्टीमर से मूरी गंगा नदी पार करनी पड़ती है। लंबे समय से मूरी गंगा नदी पर पुल बनाने की योजना है पर इस बड़ा खर्च आने वाला है।
पश्चिम बंगाल का सुंदरबन इलाका विश्व विरासत के
स्थलों में शुमार है। यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में इसे 1987 में
शामिल किया गया। सुंदरबन का 60 फीसदी इलाका बांग्लादेश में पड़ता है तो 40 फीसदी
इलाका भारत में। यह रॉयल बंगाल टाइगर का एकमात्र निवास स्थल है। 4 मई 1984 को भारत
सरकार ने इसे टाइगर रिजर्ब घोषित किया।
ग्राहक का इंतजार - मूरी गंगा नदी पकड़ी ताजी मछलियां |
जैव विविधता की बात करें तो सुंदरबन इलाके में 260 किस्म के पक्षी पाए जाते हैं। यहां 300 से ज्यादा किस्म के पौधे और 49 स्तनपायी जीव पाए जाते हैं। रॉयल बंगाल टाइगर तो यहां की शान है ही, घड़ियाल और कई किस्म के सांप भी यहां पाए जाते हैं। सुंदरबन का 70 फीसदी इलाका जलीय है और 30 फीसदी इलाके में स्थल है। साल 2009 में आए आइला तूफान ने इस इलाके में काफी तबाही मचाई। इसके बाद से इलाके लोगों का जीवन और भी मुश्किल हो गया है।
सागर द्वीप के एक आश्रम में |
यहां नमकीन पानी में रहने
वाले मगरमच्छ भी मिलते हैं। सुंदरबन इलाके में रहने वाले जंगलों से शहर निकालने का काम करते हैं। हर साल यहां से 500 क्विंटल शहद निकाला
जाता है। इसके अलावा यहां से प्राकृतिक तौर पर मोम (वैक्स) भी निकाली जाती है। पर
जंगल में जाने वाले लोगों के सामने हमेशा जंगली जानवरों से हमले का खतरा बना रहता
है।
-- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
very informative
ReplyDeletevery informative
ReplyDeleteधन्यवाद
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