मूरी गंगा नदी में कलरव करते पक्षी। ( फोटो - अनादि अनत) |
दूर तक फैली जलराशि के बीच पानी
को काट रास्ता बनाती तेजी से आगे बढ़ती फेरी। फेरी के चारों तरफ मंडराते असंख्य
हंसों का झुरमुट। हमारे साथ सफर कर रहे जहाज के यात्री ने बताया कि ये राजा भगीरथ
के हंस हैं। कौन राजा भगीरथ, अरे वही
जो गंगा को धरती पर लेकर आए थे। गंगा सागर के लिए मूरी गंगा नदी में रोज चलने वाली
फेरी के चारों तरफ श्वेत धवल हंस मंडराते हैं। आने जाने वाले श्रद्धालु उन्हें आटे
की गोलिया खिलाते हैं। वे गोलियों को लपक लेते हैं। इस तरह पता ही नहीं चलता है कब
आठ किलोमीटर का नदी का चौड़ा सफर खत्म हो गया।

काकद्वीप रेलवे स्टेशन या नूतन रास्ता से फेरी चलने वाली
जगह यानी लाट नंबर 8 ( हार्वाड प्वाइंट या हारु प्वाइंट ) तक आने के लिए ठेले चलते
हैं। हां बिल्कुल सामान ढोने वाले ठेले ही। इनमें इंजन लगा हुआ है।
इसके चारों तरफ पांव लटकाकर बैठ जाइए और अपना लगेज बीच में रख दिजिए। गंगा सागर में गर्मी बहुत पड़ती है। इसलिए धूप से बचने के लिए स्ट्रा हैट मिलते हैं यहां महज 20-20 रुपये में। हमने दो खरीद ली। एक अपने लिए एक अनादि के लिए। आप भी खरीद लिजिएगा।
कुचुबेड़िया से गंगा सागर - कुचुबेड़िया से गंगा सागर का सफर 30 किलोमीटर का है। बसों का किराया 20 रुपये है और छोटी टैक्सियों में 30 रुपये। वैसे आप समूह में हैं तो यहां से रिजर्व गाड़ियां भी कर सकते हैं। कुचुबेड़िया से गंगा सागर की सड़क शानदार बन चुकी है। इसलिए अब कोलकाता से गंगा सागर का सफर बहुत सुगम हो चुका है।
मूरी गंगा
नदी में चलने वाली फेरी सेवा सागर द्वीप के लोगों की जीवन रेखा है। इसी फेरी पर
आपको सुबह का अखबार मिल जाएगा। अगर नास्ता नहीं किया है तो झालमूड़ी मिल जाएगा। घर
के लिए नदी की ताजा मछलियां भी खरीद कर ले जा सकते हैं। दफ्तर जाने के समय पर इस
फेरी में भीड़ बढ़ जाती है।
कोलकाता से
गंगा सागर का मार्ग
- कोलकाता से काकद्वीप नूतन
रास्ता ( बस या ट्रेन से, 80 किमी बस एनएच 117, 95 किमी ट्रेन )
- काकद्वीप से लौट नंबर 8 ( फेरी
प्वाइंट) ( 3 किमी)
- लौट नंबर आठ से फेरी से
कुचुबेड़िया तक ( 8 किमी मूरी गंगा नदी में स्टीमर से )
- कुचुबेड़िया से गंगा सागर (बस या
टैक्सी से) – 30 किलोमीटर।
--विद्युत प्रकाश मौर्य -vidyutp@gmail.com
( GANGASAGAR, SUNDARBAN, BENGAL)
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