माता के दरबार में चौथी यात्रा - वैष्णो देवी के दरबार में हमारी चौथी यात्रा हुई जुलाई 2001 में अपने परिवार के साथ। माताजी, पिताजी और भाई बहन। हम अमृतसर से रात की लोकल ट्रेन से जम्मू पहुंचे। वहां से बस से सुबह सुबह कटरा।
कटरा बस स्टैंड के पास एक गेस्ट हाउस में सामान रखकर हम पद यात्रा पर निकल पड़े। कटरा छोटा सा कस्बा है। पर यहां तमाम होटल और धर्मशालाएं हैं। भीड़ बढ़ने पर हर घर गेस्ट हाउस में तब्दील हो जाती है। इस बार भवन तक की इस यात्रा में हमें जगह जगह बारिश ने घेरा।
पर इस बारिश में चीड़ के पेड़ और सुंदर दिखाई देते हैं। मार्ग में हमें बादल अटखेलियां करते मिले। पर हम छह घंटे में भवन पहुंच गए। देर रात तक हमलोग वापस भी लौट आए। इस यात्रा के बाद हमलोग पठानकोट होते हुए कांगड़ा की तरफ चले गए थे।
यात्रा मार्ग पर लोगों का मनोरंजन करते एक गायक। |
पर इस बारिश में चीड़ के पेड़ और सुंदर दिखाई देते हैं। मार्ग में हमें बादल अटखेलियां करते मिले। पर हम छह घंटे में भवन पहुंच गए। देर रात तक हमलोग वापस भी लौट आए। इस यात्रा के बाद हमलोग पठानकोट होते हुए कांगड़ा की तरफ चले गए थे।
पांचवी बार दरबार में - साल 2003 में एक और यात्रा माता के दरबार में विवाह के बाद माधवी के साथ हुई। यह पांचवी यात्रा थी। इस यात्रा में मेरी माता जी भी साथ थीं। पर माता के भवन की हर यात्रा कुछ नई सी लगती है। इस बार वापसी के सफर में अधकुंवारी में हमें घनघोर बारिश ने घेर लिया। इतनी तेज बारिश के बाद ठंड बढ़ गई। हमारे पास गर्म कपड़े नहीं थे। हमने अधकुंवारी में कंबल किराये पर लिया और बरामदे में किसी तरह जगह तलाश की और कुछ घंटे कंबल में दुबककर कर सो गए। बारिश खत्म होने पर वापसी का आगे का सफर पूरा किया।
अब कटरा तक सीधी ट्रेन - फरवरी 2014 में जम्मू कश्मीर के कटरा तक सीधे ट्रेन के सफर का सपना साकार हुआ। अब दिल्ली से कई सीधी रेलगाड़ियां कटरा तक जाने लगी है। इससे माता के दरबार तक पहुंचना आसान हो गया है। समय की भी बचत होने लगी है। जम्मू से वाया उधमपुर कटरा तक रेल मार्ग ही आगे श्रीनगर तक जुड़ जाएगा।
अब कटरा तक सीधी ट्रेन - फरवरी 2014 में जम्मू कश्मीर के कटरा तक सीधे ट्रेन के सफर का सपना साकार हुआ। अब दिल्ली से कई सीधी रेलगाड़ियां कटरा तक जाने लगी है। इससे माता के दरबार तक पहुंचना आसान हो गया है। समय की भी बचत होने लगी है। जम्मू से वाया उधमपुर कटरा तक रेल मार्ग ही आगे श्रीनगर तक जुड़ जाएगा।
कैसे पहुंचे - जम्मू से कटरा की सड़क मार्ग से दूरी 55 किलोमीटर है।( जम्मू श्रीनगर हाईवे पर सुकेतर – जम्मू से 42 किलोमीटर ) सुकेतर से कटरा 13 किलोमीटर। जम्मू स्टेशन से भी कटरा की बसें मिल जाती हैं। वैसे जम्मू बस स्टैंड से नियमित बसें मिलती हैं। जम्मू से कटरा रेल मार्ग सड़क मार्ग की तुलना में लंबा है। रेल मार्ग से यह दूरी 78 किलोमीटर है। रेल मार्ग उधमपुर होकर जाता है पर सड़क मार्ग में उधमपुर नहीं आता है।
12 किलोमीटर की पदयात्रा
माता वैष्णो देवी की पदयात्रा कटरा में वाण गंगा से शुरू होती है। वाणगंगा तक आटो रिक्शा और टैक्सियां जा सकती हैं। आपको यात्रा शुरू करने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। वाणगंगा में यात्री पर्ची की जांच होती है। बहुत से श्रद्धालु वाणगंगा नदी में स्नान करने के बाद यात्रा शुरू करते हैं। कटरा बस स्टैंड से भवन – 14 किलोमीटर (पुराना रास्ता ) बाणगंगा से भवन – 12 किलोमीटर ( पुराना रास्ता )
घोड़ा पालकी का विकल्प - जो लोग पदयात्रा करने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए घोड़ा, पालकी का विकल्प मौजूद है। घोड़ा और पालकी की दरें श्राइन बोर्ड द्वारा तय की गई हैं। कटरा से सांझी छत के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी है। पर इसके लिए अग्रिम बुकिंग होती है।
घोड़ा पालकी का विकल्प - जो लोग पदयात्रा करने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए घोड़ा, पालकी का विकल्प मौजूद है। घोड़ा और पालकी की दरें श्राइन बोर्ड द्वारा तय की गई हैं। कटरा से सांझी छत के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी है। पर इसके लिए अग्रिम बुकिंग होती है।
यात्रा मार्ग के प्रमुख पड़ाव - बाणगंगा, दरुड, चरण पादुका, अधकुंवारी, हाथी माथा, सांझी छत, भवन।
माता वैष्णो देवी ऊंचाई - 5200 फीट
पदयात्रा का मार्ग 12 किलोमीटर
भवन से भैरोनाथ मंदिर - 02 किलोमीटर
माता वैष्णो देवी ऊंचाई - 5200 फीट
पदयात्रा का मार्ग 12 किलोमीटर
भवन से भैरोनाथ मंदिर - 02 किलोमीटर
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
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