डेहरी
रोहतास रेलवे के बंद होने के बाद डेहरी ओन सोन हर में रोहतास इंडस्ट्रीज परिसर में
इस रेलवे लाइन का भारी कबाड़ पड़ा हुआ है। इसमें रेलवे की पटरियां लोको शेड, माल
गोदाम, रेल के यात्री डिब्बे, मालगाड़ी के डिब्बे और लोको भी शामिल हैं। छोटी
रेलगाड़ियां भारतीय रेल के विकास की गवाह हैं। उनका ऐतिहासिक महत्व है। इस नाते
भारतीय रेल का ध्यान इन अवशेषों पर पड़ा। लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री होने के
काल में 2004 से 2009 के बीच रोहतास इंस्ट्रीज के अधीन आने वाले डीआर एलआर के 220
एकड़ मे फैले यार्ड को रेलवे ने खरीद लिया। इसके लिए रेलवे 140 करोड़ की राशि खर्च
की। भारतीय रेल ने इस लाइट रेलवे के तमाम अवशेषों को भी खरीद लिया। इनमें पुराना
भाप इंजन ( लोको) भी शामिल है। एक इंजन को
लगभग 18 लाख रुपये खर्च के बाद 2013 में भारतीय रेलवे ने अपने कब्जे में लिया है।
इसे अब पूर्व मध्य रेलवे के जोनल कार्यालय हाजीपुर ले जाया जा रहा है। वहां से आम
जनता के लिए प्रदर्शित किया जाएगा।
वहीं
भारतीय रेलवे की योजना अब डेहरी रोहतास लाइट रेल के डेहरी परिसर में फूड
प्रोसेसिंट प्लांट लगाने की है। इससे आसपास के किसान लाभान्वित होंगे। यह लुधियाना
और कोलकाता के बीच बनने वाले इस्टर्न फ्राइट कॉरीडोर का प्रमुख केंद्र होगा।
हालांकि आरा सासराम लाइट रेलवे की तरह डेहरी रोहतास लाइट रेलवे के मार्ग को
परिवर्तित कर ब्राडगेज लाइन में बदलने की योजना 2004 से 2009 के यूपीए 1 सरकार के
दौरान बनी। अब डेहरी से बनजारी के बीच 36 किलोमीटर का ब्राडगेज लाइन का निर्माण
किया जा रहा है।
डेहरी
रोहतास लाइट रेलवे के स्टेशन ( 67
किलोमीटर, 16 स्टेशन)
1.
डेहरी ओन सोन 2 डेहरी सिटी
3 बड़िहान
शंकरपुरी 4 इंद्रपुरी
5 तिलौथू 6 तिलौथू बाजार
7 तुंबा 8 रामडिहरा
9 बंजारी 10 रोहतास (बकनौरा)
11 रोहतास
फोर्ट 12 बौलिया रोड
13 महादेवपुरी
भद्रा 14 नीमहाट
15 नौहट्टा
रोड 16 तिउरा पीपराडीह ( आखिरी रेलवे स्टेशन)
(DRLR3)
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( REF - http://lrc.bih.nic.in/Gazetteer/SAHABAD/chapter-III.pdf )
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( REF - http://lrc.bih.nic.in/Gazetteer/SAHABAD/chapter-III.pdf )
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