दिल्ली के रेल म्युजियम में माथेरन रेल का लोकोमोटिव। |
महाराष्ट्र में एक
प्यारी सी लाइट रेलवे चलती है। मुंबई के पास नेरल से हिल स्टेशन माथेरन तक का सफर कराती है
एनएमआर यानी नेरल माथेरन रेलवे। कुल सफर मात्र 21 किलोमीटर
का है। यानी यह रेल मार्ग कालका-शिमला, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे या फिर
ऊटी-मेटुपालियम रेलवे से काफी छोटा है। पर ये छोटा सा सफर है बड़ा मनभावन।
कभी मुंबई की भीड़-भाड़ से जी उचटने लगे चल पड़िए माथेरन। मुंबई से नेरल तक के लिए लोकल ट्रेनें चलती हैं। नेरल तक बड़ी लाइन है। नेरल से लाइट रेलवे का 21 किलोमीटर का ये सफर पहाड़ों पर सर्पीले वलय खाता हुआ चलता है। ये सफर कुल दो घंटे 20 मिनट का होता है। माथेरन की आबोहवा पूरी तरह प्रदूषण मुक्त है। मुंबई के कोलाहल से बिल्कुल अलग। माथेरन महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में पड़ता है। इस इलाके में दुनिया भर में अपने सुंदरता के लिए प्रसिद्ध पश्चिमी घाट के सहयाद्रि रेंज की पहाड़ियां हैं।
नेरल माथेरन के बीच अभी भी चलते हैं गत्ते वाले टिकट |
नेरल माथेरन
रेलवे अब सेंट्रल रेलवे के अधीन है लेकिन इसका निर्माण निजी क्षेत्र में हुआ था।
इस रेलवे लाइन का सफर 1907 में शुरू हुआ। यानी सौ साल से अधिक हो
गए पर रुक-रुक कर सफर अभी जारी है।
सन 1850 में हुई माथेरन की खोज - साल 1850 में थाणे जिले के कलेक्टर ह्यूज माले ने माथेरन जैसे हिल स्टेशन की खोज
की। माथेरन का माराठी में मतलब है सिर पर जंगल। यानी ऊंचाई पर जंगल। वाकई 2400 फीट से ज्यादा की ऊंचाई ( 803.98 मीटर )
पर जंगलों का होना काफी सुखकर लगता है।

दो घंटे का
आनंददायक सफर - लाइट रेलवे
से नेरल से माथेरन का सफर दो घंटे का है। ये सफर छोटा सा है पर है बड़ा आनंददायक। इस सफर में
कभी ट्रेन के डिब्बे में खाना पीना बेचने वाले आ जाते हैं तो कभी कभी बंदर भी घुस आते
हैं। सफर शुरू होने के साथ ही आप आनंद की अनुभूति में खोने लगते हैं कि कब सफर खत्म
भी हो गया पता भी नहीं चलता।
नेरल से
माथेरन का ये खूबसूरत रेल मार्ग भारतीय रेलवे की धरोहर है। साथ ही ये यूनेस्को की
सूची में विश्व धरोहर बनने का प्रमुख दावेदार है। ये नैरो गेज रेलवे लाइन भी दो
फीट चौड़ाई वाला है। इस मार्ग पर एक छोटे सुरंग के अलावा कोई और सुरंग नहीं है।
मुंबई से 87 किलोमीटर आगे पुणे मार्ग पर नेरल इसका
पहला स्टेशन है। वैसे नेरल बड़ी लाइन का भी रेलवे स्टेशन है। नेरल और माथेरन के
बीच तीन रेलवे स्टेशन हैं। इस मार्ग पर दूसरा स्टेशन जुम्मा पटी पांचवे किलोमीटर
पर आता है। इसके बाद आता है वाटर पाइप स्टेशन 11वें किलोमीटर पर। आखिर में आता है अमन लॉज स्टेशन जो 18वें किलोमीटर पर है। वहीं माथेरन 21वें किलोमीटर पर इस मार्ग का आखिरी रेलवे स्टेशन है।
माथेरन के
लिए नेरल से जब खिलौना रेल चलती है तो हारडाल हिल तक तक
ब्रॉड गेज लाइन के समांतर चलती पर वहां पर अचानक तीखा मोड लेती है और पहाड़ की ओर
चढाई शुरू कर देती है। नेरल (NRL) और माथेरन (MAE) के बीच दोनों तरफ दोनों तरफ से सुबह शाम ट्रेने चलाई जाती हैं। आप अगर इस
खिलौना ट्रेन से सफर की योजना बना रहे हैं ताजा अपडेट के लिए भारतीय रेलवे के टाइम टेबल पर इनका समय देख
सकते हैं।
- विद्युत प्रकाश मौर्य vidyutp@gmail.com
( NERAL MATHERAN LIGHT RAIL -1 )
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