देश की आजादी के बाद 1950 से 1960 के दशक में जब डेहरी रोहतास रेल मार्ग के बेहतर दिन चल रहे थे तब दो पैसेंजर ट्रेनें रोज डेहरी आन सोन और
तिउरा पीपराडीह के बीच चलाई जाती थीं। ये सफर 67 किलोमीटर का था। इसके अलावा इस
मार्ग पर मार्बल और पत्थरों की ढुलाई होती थी। जिन्हें डेहरी में ब्राडगेज लाइन तक
पहुंचाया जाता था। इस रेलवे ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे रेल कंपनियों
से सेकेंड हैंड यानी पुराने इंजनों को भी खरीदा।
1959 में सेंट्रल रेलवे से हडसवेल क्लार्क का लोको तो के क्लास 2-6-2 लोको
को कालका शिमला रेल से खरीदा गया। केर स्टूअर्ट 2-6-4 इंजन को शाहदरा सहारनपुर रेल
मार्ग से खऱीदकर मंगाया गया।
डेहरी
रोहतास रेल बंद होने के समय
1970
के बाद डेहरी रोहतास मार्ग पर सड़क बन जाने के बाद छोटी लाइन की इस रेल में
यात्रियों की संख्या में कमी आने लगी। वहीं 1980 के दशक आते आते रोहतास इंडस्ट्रीज
और इसके मार्ग पर अमझोर और बंजारी में चलने वाले उद्योग भी एक एक कर बंद होने लगे।
इन उद्योगों की बंदी और पैसेंजर ट्रेन में यात्रियों कमी के कारण रेल मार्ग घाटे
में चलने लगा।
देश में ज्यादातर रेल मार्ग ब्राडगेज ( 167 सेंटीमीटर) की पटरियों में पर हैं इसलिए छोटी लाइन का संचालन घाटे का सौदा है। इन सब कारणों से डेहरी रोहतास रेल मार्ग को बंद करने का फैसला लिया गया। अंततोगत्वा 16 जुलाई 1984 को डेहरी रोहतास रेल मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया गया। पूरी दुनिया ब्राडगेज पर चल रही थी तब 1970 के दशक में डेहरी रोहतास रेलमार्ग फर्राटे भर रहा था इसलिए 1970 के दशक तक ये रेल मार्ग यूरोप में भी चर्चा का विषय था। पर इस रेलमार्ग का बंद होना भारतीय मीडिया में कोई बड़ी खबर नहीं बनी।
देश में ज्यादातर रेल मार्ग ब्राडगेज ( 167 सेंटीमीटर) की पटरियों में पर हैं इसलिए छोटी लाइन का संचालन घाटे का सौदा है। इन सब कारणों से डेहरी रोहतास रेल मार्ग को बंद करने का फैसला लिया गया। अंततोगत्वा 16 जुलाई 1984 को डेहरी रोहतास रेल मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया गया। पूरी दुनिया ब्राडगेज पर चल रही थी तब 1970 के दशक में डेहरी रोहतास रेलमार्ग फर्राटे भर रहा था इसलिए 1970 के दशक तक ये रेल मार्ग यूरोप में भी चर्चा का विषय था। पर इस रेलमार्ग का बंद होना भारतीय मीडिया में कोई बड़ी खबर नहीं बनी।

- विद्युत प्रकाश मौर्य ( DRLR2)
( DEHRI ROHTAS LIGHT RAILWAY )
( DEHRI ROHTAS LIGHT RAILWAY )
No comments:
Post a Comment