नौलखा मंदिर - कहा जाता है कि इस के निर्माण में नौ लाख रुपए खर्च हुए थे। इसलिए इसे नौलखा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। सीता माता को समर्पित जानकी मंदिर जनकपुर बाज़ार के उत्तर पश्चिम में स्थित है।
वर्तमान जानकी मंदिर का निर्माण टीकमगढ़ की महारानी वृषभानु कुंअरि जी द्वारा 1967 में करवाया गया। मंदिर दूर से देखने में किसी महल सा लगता है। मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में माता जानकी, राजा रामचंद्र और लक्ष्मण जी की प्रतिमा है। मंदिर के गर्भ गृह की फोटोग्राफी वर्जित है। मंदिर के बाहर विशाल प्रांगण है जिसमें एक साथ हजारों लोग बैठ सकते हैं। मंदिर परिसर में सरकार की ओर से सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
अखंड सीताराम धुन - जानकी मंदिर में पिछले कुछ सालों से अखंड सीताराम धुन जारी है। मंदिर के बाईं तरफ के बरामदे में एक मंडली वाद्य यंत्रों के साथ सीताराम धुन गाती रहती है।
जनकपुर में होने वाली शादियों में लोग शादी की रात से पहले माता का सीता का आशीर्वाद लेने के लिए दुल्हन को लेकर जानकी मंदिर आते हैं। मंदिर में दर्शन के लिए आने वाली महिलाएं मैथली में सुंदर धुन में सीता जी की प्रार्थना करती हैं।
जनकपुर आने वाले हिंदू श्रद्धालु मिथिला परिक्रमा भी करते हैं जिसमें सीताजी से जु़ड़े हुए सारे तीर्थ स्थल आते हैं। मंदिर परिसर में मिथिला परिक्रमा का मार्ग चित्र लगा हुआ है।
वैसे सीतामढ़ी शहर में एक जानकी मंदिर है। शहर के पास ही पुनौरा गांव में एक जानकी मंदिर है। कई लोग इसे वही जगह मानते हैं जहां राजा जनक ने खेत में सोने का हल चलाया था और सीता माता प्रकट हुई थीं।
धनुष धाम - कहते हैं राजा जनक के दरबार में जब रामचंद्र जी ने शिव का धनुष तोड़ा तो उसके तीन टुकड़े हुए थे। एक टुकडा जनकपुर से 40 किलोमीटर दूर धनुषधाम में जाकर गिरा था। वहां एक बड़ी पहाड़ी सी संरचना है जिसे लोग धनुष का एक टुकड़ा बताते हैं।
जनकपुर धाम मंदिर में जारी अखंड सीताराम की धुन। |
कैसे पहुंचे - बिहार के सीतामढ़ी से करीब 42 किलोमीटर उत्तर और नेपाल की तराई में स्थित जनकपुर है। वैसे तो जनकपुर नेपाल में है पर यहां पहुंचने का सुगम रास्ता बिहार के सीतामढ़ी शहर से है। सीतामढ़ी तक आप रेलगाड़ी से पहुंच सकते हैं। वहां से बस से नेपाल का सीमांत बाजार भिट्ठामोड। भिट्ठामोड ने नेपाल रोडवेज की बसों से जनकपुर पहुंचा जा सकता है। सीतामढ़ी से दिन भर में जनकपुर घूम कर लौटा जा सकता है। जनकपुर ने नेपाल की राजधानी काठमांडू का बस का सफर 10 घंटे का है।
रहना
खाना - जनकपुर में रहने के लिए
कुछ धर्मशालाएं और होटल उपलब्ध हैं। मंदिर के आसपास शाकाहारी होटल हैं। यहां भारतीय रुपये चलते हैं। आप 50 रुपये से 500 रुपये में यहां ठहर सकते हैं। अच्छा शाकाहारी खाना
और बेहतरीन मिठाइयों का स्वाद भी जनकपुर में लिया जा सकता है।
- विद्युत प्रकाश मौर्य- vidyutp@gmail.com
( JANAKPUR, NEPAL, SITA MATA )
( JANAKPUR, NEPAL, SITA MATA )
No comments:
Post a Comment