चामुंडा देवी यानी दैत्य चंड और
मुंड का संहार करने वाली शक्ति की प्रतीक मां। वह मां दुर्गा का ही एक रूप हैं।
चामुंडा देवी पहाड़ों में बसने वाली नौ देवियों में से एक हैं।
वैसे तो देश में चामुंडा देवी
के कई मंदिर हैं, पर उनमें से
प्रमुख है कांगड़ा का चामुंडा देवी मंदिर। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में
पुराने कांगडा शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर मनोरम वातावरण में स्थित है मां
चामुंडा का धाम।
मां चामुंडा का ये मंदिर शहर के
भीड़भाड़ से दूर हरियाली के बीच है। समुद्र तल से तीन हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर
स्थित इस मंदिर से धौलाधार की पहाड़ियों का बड़ा ही मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
मंदिर के बगल में कल-कल बहती बाणगंगा नदी की धारा मनमोह लेती है।
चामुंडा देवी का मंदिर चौदहवीं
सदी का बना हुआ बताया जाता है। इसे चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता
है। चामुंडा देवी दो बड़े दैत्यों चंड और मुंड का संहार करने वाली देवी हैं। कहा
जाता है कि दोनों राक्षस इतने शक्तिशाली थे कि इन्होंने स्वर्ग पर कब्जा कर लिया
था। इनके संहार के बाद उनका नाम चामुंडा या चंडी पड़ा। इसलिए देवी चामुंडा को
शक्ति की देवी कहा जाता है।
मंदिर परिसर में हनुमान और भैरो
बाबा की विशाल प्रतिमाएं भी बनी हैं। साथ ही मंदिर परिसर में रामायण और महाभारत का
दृश्य भी देखा जा सकता है। मंदिर परिसर में एक कृत्रिम झील का निर्माण किया गया है
जिसमें बाणगंगा नदी का पानी आता है। श्रद्धालु मंदिर में दर्शन पूजन से पहले इस
झील में स्नान करते हैं। वैसे आप बाणगंगा नदी में भी स्नान कर सकते हैं। धौलाधार
की पहाड़ियों से आते निर्मल जल में स्नान के बाद अगर माता का दर्शन करें तो मन को
अदभुत शांति मिलती है।
अब चामुंडा देवी मंदिर के पास रहने
के लिए आवास गृह और होटल भी बन गए हैं। अगर आप प्राकृतिक वातावरण में कुछ वक्त
गुजारना चाहते हैं तो यहां भी ठहर सकते हैं। वैसे आप कांगड़ा,
धर्मशाला या मैक्लोडगंज, नडी, पालमपुर में ठहरकर भी चामुंडा घूमने आ सकते हैं।
क्या खरीदें - मंदिर में दर्शन
के अलावा चामुंडा से आप कांगड़ा घाटी की चाय, शहद, अचार, यहां के बने हुए
खिलौने और हस्तशिल्प के दूसरे सामान खरीद सकते हैं। कांगड़ा घाटी की चाय का अपना
अलग स्वाद है। चामुंडा मंदिर से कांगड़ा का पालमपुर शहर और महान पेंटर सोभा सिंह
का गांव अंद्रेटा भी पास में हैं। अंद्रेटा में सोभा सिंह की पेंटिंग गैलरी है
जिसे आप देखने जा सकते हैं।
कैसे पहुंचे -
कांगड़ा और धर्मशाला बस स्टैंड से चामुंडा मंदिर के लिए मिनी बसें
मिल जाती हैं। वहीं मैक्लोडगंज से भी चामुंडा देवी के लिए बस ली जा सकती है। यहां
पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन कांगड़ा मंदिर है।कभी चामुंडा देवी का मंदिर
धर्मशाला शहर से दूर जंगलों में हुआ करता था। बाद में यहां पहुंचने के लिए सुगम
रास्ता बनाया गया। अगर आप कांगड़ा पहुंचे हैं तो मां चामुंडा के दरबार में हाजिरी
लगाने जरूर पहुंचें।
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विद्युत प्रकाश मौर्य
मैसूर, कर्नाटक के चामुंडा मंदिर के बारे में यहां क्लिक कर पढ़ें
चंबा के चामुंडा मंदिर के बारे में यहां क्लिक कर पढ़ें।
( CHAMUNDA DEVI TEMPLE, KANGRA. NINE GODDESS, HIMACHAL)
मैसूर, कर्नाटक के चामुंडा मंदिर के बारे में यहां क्लिक कर पढ़ें
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