
चार धाम में से एक है पुरी का
जगन्नाथ मंदिर। पुराणों में जगन्नाथ
पुरी को इस धरती का बैकुंठ कहा गया है। ब्रह्म और स्कंद पुराण के अनुसार, पुरी में भगवान विष्णु ने पुरुषोत्तम नीलमाधव के रूप में अवतार लिया था।
ओडिशा स्थित यह धाम भी द्वारका
की तरह समुद्र तट पर है। यहां जगन्नाथ मंदिर विराजते हैं भगवान कृष्ण अपने बड़े
भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ। पुरी का जगन्नाथ मंदिर अपनी सुंदरता और वास्तुकला
में अद्भुत है साथ ही यहां भगवान का विग्रह भी अत्यंत मनोरम है।मंदिर अपनी विशिष्ट
पूजा पद्धति के लिए भी विख्यात है। पुरी एक ओडिशा का एक छोटा सा समुद्र तटीय शहर
है। पर भगवान जगन्नाथ के रथयात्रा के समय यहां देश दुनिया से लाखों श्रद्धालु उमड़
पड़ते हैं।
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जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा में श्रीकृष्ण, बलभद्र और सुभद्रा के रथ। |
मंदिर का निर्माण - वर्तमान जगन्नाथ मंदिर का
निर्माण बारहवीं सदी में हुआ है। गंग वंश के ताम्र पत्रों से यह ज्ञात होता है कि
वर्तमान जगन्नाथ मंदिर के निर्माण कार्य को कलिंग राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने आरम्भ कराया था। मंदिर के जगमोहन और
विमान भाग के शासन काल 1078 -1148 के बीच बने थे। इसके बाद 1197 में जाकर ओडिया शासक अनंग भीम देव ने इस मंदिर को वर्तमान रूप दिया था। मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां, एक रत्न मण्डित पाषाण चबूतरे पर गर्भ गृह में स्थापित हैं। कहा जाता है इन
मूर्तियों की अर्चना मंदिर निर्माण से कहीं पहले से की जाती रही है। यह भी सम्भव है कि यह प्राचीन जनजातियों
द्वारा भी पूजा की जाती रही हो।
जुलाई में रथयात्रा - हर साल जुलाई में पुरी में विशाल रथयात्रा
का आयोजन होता है। इस रथयात्रा के दौरान जब भगवान अपने मंदिर से निकल कर बलभद्र और
सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर गुंडिचा चले जाते हैं। इस दौरान पुरी में
श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। भगवान के ऱथ को खींचने में सहभागी बनकर लोग
अपना जीवन सफल मानते हैं। पुरी में बाकी के 11 महीने में
ज्यादा भीड़ नहीं होती।
कैसे पहुंचे - पुरी आप रेल मार्ग हावडा से या फिर खड़गपुर से पहुंचा जा
सकते है। अगर आप चेन्नई की तरफ से आ रहे हैं तो खुर्दा रोड से उतर कर पुरी पहुंच
सकते हैं।
कहां ठहरें - पुरी में ठहरने के लिए सस्ते धर्मशाला भी हैं,या आप समुद्र तट पर किसी अच्छे होटल में ठहर सकते हैं। पुरी के समुद्र तट पर कई सौ होटल हैं। पुरी के समुद्र तट पर लोकप्रिय होटलों में से एक है -पुरी होटल। http://www.purihotel.in/ पुरी रेलवे स्टेशन पर हर ट्रेन के पहुंचन के साथ इस होटल की बस यात्रियों को निःशुल्क अपने होटल ले जाने के लिए तैयार रहती है।
-- माधवी रंजना
(JAGANNATH MANDIR, PURI, ODISHA )
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