
मैहर मतलब मां का हार - मैहर
शब्द का का मतलब है मां
का हार। कहा जाता है यहां सति का हार गिरा था। मां शारदा देवी महान वीर आल्हा और
उदल की देवी हैं। मां शारदा देवी के मंदिर के आसपास इसी पहाड़ी पर कालभैरवी, हनुमानजी, देवी काली, दुर्गा, गौरीशंकर, शेषनाग, फूलमति माता,
ब्रह्मदेव और जलापा देवी के भी मंदिर
हैं।
कहा
जाता है वीर अल्हा और उदल जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान के साथ युद्ध किया था, वे माता शारदा के बड़े भक्त थे। इन्ही
वीरों ने सबसे पहले जंगलों के बीच शारदा देवी के इस मंदिर की खोज की। आल्हा ने इस
मंदिर में 12 सालों तक तपस्या कर देवी को प्रसन्न
किया था। माता ने आल्हा को अमरत्व का आशीर्वाद दिया था। आल्हा माता को शारदा माई
कह कर पुकारता था। तभी से ये मंदिर माता शारदा माई के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
सीढ़ियां
और रोपवे का है विकल्प - मां मैहर देवी के मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को 1063 सीढ़ियों का सफर तय करना पड़ता है। सीढ़ियां
चढ़ने से पहले छोटा सा बाजार है जहां आप प्रसाद ले सकते हैं। अपना भारी भरकम सामान
छोड़ कर चढ़ाई शुरू कर सकते हैं। हालांकि 2009 के बाद अब यहां रोपवे बन गया है। जो
श्रद्धालु सीढिया नहीं चढ़ना चाहते वे रोपवे से जा सकते हैं। रोपवे का संचालन
दामोदर रोपवे कंपनी करती है। कंपनी की वेबसाइट है- www.ropeways.com/ropeway_completed.html
कैसे
पहुंचे – सतना-कटनी
रेलमार्ग पर मैहर रेलवे स्टेशन है। मैहर शहर मां शारदा देवी के अलावा मैहर सीमेंट
फैक्ट्री के लिए जाना जाता है। रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर की दूरी पर त्रिकुटा
पहाड़ी पर स्थित है मां शारदा देवी का मंदिर। मैहर पहुंचने के लिए इलाहाबाद,
जबलपुर, दिल्ली से सीधी रेलगाड़ियां हैं।
आप अगर मैहर आ रहे हैं बांधवगढ़ नेशनल पार्क जाने का भी कार्यक्रम बना सकतें हैं।
शास्त्रीय संगीत का
मैहर घराना - मैहर शहर शास्त्रीय संगीत के मैहर
घराने के लिए लोकप्रिय है। दिग्गज संगीतकार उस्ताद अलाउद्दीन खान (1972 मृत्यु ) यहां रहते थे। इस घराने की
परंपरा में अन्नपूर्णा देवी (अलाउद्दीन खान की बेटी) उस्ताद अली अकबर खान
(अलाउद्दीन खान के पुत्र),
पंडित रविशंकर, पंडित पन्नालाल घोष, पंडित निखिल बनर्जी जैसे प्रसिद्ध नाम
हैं।
-
विद्युत प्रकाश मौर्य
(MAIHAR DEVI, SHAKTIPEETH)
(MAIHAR DEVI, SHAKTIPEETH)