अगरतला में बांग्लादेश का
चेकपोस्ट है जिसे अखौरा बार्डर कहा जाता है। अखौरा बार्डर इसलिए क्योंकि उस पार
बांग्लादेश का कस्बा अखौरा है। अगरतला शहर के सिटी सेंटर बट्टला से अखौरा चेकपोस्ट
की दूरी सिर्फ तीन किलोमीटर है। पैदल या आटोरिक्शा से जाया जा सकता है। अखौरा
बार्डर से ढाका के लिए आवाजाही होती है।
यहां से ढाका तीन घंटे का ही रास्ता है। अगरतला से ढाका की दूरी 140
किलोमीटर के आसपास है। अखौरा चेकपोस्ट से बांग्लादेश और भारत के बीच कई वस्तुओं की
तिजारत भी होती है। आजकल बांग्लादेश से अगरतला की ओर ट्रकों से मछलियां और सड़क
निर्माण में प्रयुक्त होने वाली गिट्टी मंगाई जा रही है।
भारत बांग्लादेश के बीच सड़क
मार्ग से प्रवेश और व्यापार का दूसरा रास्ता पश्चिम बंगाल में बेनापोल बार्डर है।
इन दोनों ही सीमाओं पर शाम को बीटिंग रीट्रिट की रस्म अदा की जाती है। हालांकि ये
रस्म अमृतसर के पास अटारी में वाघा बार्डर पर अदा की जाने वाली रस्म जैसी नहीं
होती। यहां पाकिस्तान की तरह सीमा पर ज्यादा तनाव नहीं दिखाई देता। लोगों की भीड़
भी ज्यादा नहीं उमड़ती। यूं कहें कि बांग्लादेश की सीमा पर दोस्ताना माहौल ज्यादा
है बनिस्पत के पाकिस्तान की सीमा के।
अखौरा बार्डर पहुंचने पर बार्डर
सिक्योरिटी फोर्स के जवान तैनात दिखाई देते हैं। कस्टम और एक्साइज विभाग के दफ्तर
बने हैं। साथ ही बांग्लादेश आने जाने वालों की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए
स्वागत कक्ष और दफ्तर बने हुए हैं।
हर रोज कुछ लोग यहां पर सीमा पर होने वाली सांध्य सेरेमनी को देखने पहुंचते
हैं। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग पासपोर्ट वीजा जैसी औपचारिकताएं पूरी करने
के बाद भारत या बांग्लादेश में प्रवेश करते हैं। जरूरी जांच पड़ताल के बाद दोनों
देशों की ओर से माल ढुलाई वाली ट्रकों की आवाजाही भी होती है।
यहां तैनात बीएसएफ
के जवानों और अधिकारियों का व्यवहार काफी अच्छा है। वे सीमा पर पहुंचने वालों के
साथ बड़ी ही शालीनता से पेश आते हैं। सीमा पर रामानंद सागर की प्रसिद्ध फिल्म आंखे
का गीत बड़े से बोर्ड पर अंकित किया गया है।
उस मुल्क की सरहद को कोई छू
नहीं सकता...
जिस मुल्क पर निगेहबान है आंखें।
सीमा के उस पर लगे बोर्ड पर
लिखा है बांग्लादेशमें आपका स्वागत है। तो इस पार लिखा है वेलकम टू इंडिया।
बांग्लादेश – शून्य किलोमीटर। अगरतला 03 किलोमीटर। मैं बांग्लादेश शून्य किलोमीटर के बोर्ड के पास खड़ा होकर तस्वीरें खिंचवता हूं। एक पांव और आगे बढ़ाऊं तो हिंदुस्तान से बाहर बांग्लादेश में प्रवेश कर जाउंगा। पर अभी नहीं फिर कभी सही।
वापसी में मुझे कुछ परिवार मिलते हैं जो बांग्लादेश से त्रिपुरा में अपने रिश्तेदारों के घर चलकर आए हैं। अगरतला से ढाका या बांग्लादेश जाने के लिए वीजा पाने की प्रक्रिया अब आसान हो गई है।
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विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
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