अगरतला से लमडिंग होते हुए गुवाहाटी पहुंच रहा हूं। लमडिंग तक मीटर गेज में आने के बाद कुछ घंटे बाद यहां से दूसरी ट्रेन मिली है गुवाहाटी के लिए। बिना आरक्षण कुछ घंटे का सफर है। जगह मिल गई आसानी से। परेशानी नहीं हुई। हमारे साथ अगरतला से चले नई गोपाल देवनाथ हैं।
बातों-बातों में सफर कट गया। गुवाहाटी से रात को अवध आसाम एक्सप्रेस है जिसमें मेरा हाजीपुर तक का टिकट है। उदघोषणा हुई की ट्रेन रात को 12 बजे खुलेगी। हमारे कोच में बड़ी संख्या में बिहार के शिक्षक हैं जो गुवाहाटी में शिक्षकों के राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे। उनके साथ सफर बातों बातों में कट गया। मेरे पास भले ही हाजीपुर तक का टिकट है लेकिन पटना जल्दी पहुंचने के लिए मैं बरौनी जंक्शन में ही उतर जाता हूं। पर आगे का सफर थोड़ा मुश्किल होने वाला था।
अभी पूर्वोत्तर राज्यों की सिर्फ तीन राजधानियां ही रेल संपर्क से जुड़ी हैं। गुवाहाटी और अगरतला और इटानगर। बाकी पांच राजधानियों तक पहुंचने के लिए टैक्सी या बस का सहारा लेना पड़ता है। भारत सरकार का लक्ष्य 2016 तक सभी राजधानियों को रेल से जोड़ने का था, हालांकि ये पूरा नहीं हो सका।
बातों-बातों में सफर कट गया। गुवाहाटी से रात को अवध आसाम एक्सप्रेस है जिसमें मेरा हाजीपुर तक का टिकट है। उदघोषणा हुई की ट्रेन रात को 12 बजे खुलेगी। हमारे कोच में बड़ी संख्या में बिहार के शिक्षक हैं जो गुवाहाटी में शिक्षकों के राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे। उनके साथ सफर बातों बातों में कट गया। मेरे पास भले ही हाजीपुर तक का टिकट है लेकिन पटना जल्दी पहुंचने के लिए मैं बरौनी जंक्शन में ही उतर जाता हूं। पर आगे का सफर थोड़ा मुश्किल होने वाला था।
अभी पूर्वोत्तर राज्यों की सिर्फ तीन राजधानियां ही रेल संपर्क से जुड़ी हैं। गुवाहाटी और अगरतला और इटानगर। बाकी पांच राजधानियों तक पहुंचने के लिए टैक्सी या बस का सहारा लेना पड़ता है। भारत सरकार का लक्ष्य 2016 तक सभी राजधानियों को रेल से जोड़ने का था, हालांकि ये पूरा नहीं हो सका।
मणिपुर की राजधानी इंफाल को रेल
मार्ग से जोड़ने के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम जारी है। असम के रेलवे स्टेशन
सिलचर से इंफाल को रेलमार्ग के जरिए जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही सिलचर से मिजोरम
की राजधानी आईजोल को रेल मार्ग से जोड़ने की परियोजना पर काम चल रहा है। सिलचर से पहले काटाखाल जंक्शन से मिजोरम में बैराबी तक रेल लाइन चालू हो चुकी है। इसी लाइन का विस्तार आईजोल से पहले साइरांग तक किया जा रहा है। लंबे समये
से लमडिंग से सिलचर के बीच मीटर गेज का मार्ग
था जो साल 2016 में ब्राडगेज में बदला जा
सका है।
इसी तरह जिरीबाम इंफाल रेलमार्ग केंद्र
सरकार की अंतरराष्ट्रीय महत्व की परियोजना है। ये रेल सिर्फ इंफाल तक नहीं रूकेगी।
ये इंफाल से म्यांमार के बार्डर मोरे जाएगी। वहां से म्यांमार में मांडले तक रेल
ले जाने की योजना है। इस प्रकार ये अंतरराष्ट्रीय संपर्क का रेलमार्ग होगा। इस
रास्ते से म्यांमार और थाइलैंड के साथ व्यापार हो सकेगा। ये दक्षिण एशियाई देशों
के साथ संपर्क का अति महत्वपूर्ण रास्ता होगा। न सिर्फ व्यापार बल्कि सैलानियों की
आवाजाही के नए रास्ते खोलेगा ये रेल मार्ग। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने
जिरीबाम-इंफाल रेल परियोजना की आधारशिला 2004 में रखी थी। इसके पूरा होने का लक्ष्य 2014 था जो
अब खिसककर 2020 तक पहुंच गया लगता है।
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अगरतला से उदयपुर की ओर जाती ब्राडगेज पैसेंजर ट्रेन |
अगरतला तक ब्राडगेज ट्रेन का सपना 2016 में साकार हो सका। अब अगरतला से सबरुम तक 110 किलोमीटर लाइन का विस्तार हो जाने के बाद हालात और बेहतर हो जाएंगे। सबरूम से बांग्लादेश का चटगांव शहर सिर्फ 65 किलोमीटर रह जाएगा।
मेघालय पहुंची रेल - 2014 में 29 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेघालय के लिए पहली ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया। मेंदीपथार-गुवाहाटी के बीच पहली पैसेंजर ट्रेन के संचालन की शुरुआत हुई। गुवाहाटी गोलापाडा लाइन पर दूधनोई से मेघालय के लिए लाइन जा रही है। दूधनोई से मेंदीपथार की दूरी 20 किलोमीटर है। मेघालय के राज्य बनने के बीस साल बाद रेल प्रवेश जरूर कर गई है पर महज कुछ किलोमीटर तक। कुल 9.36 किलोमीटर रेलवे ट्रैक अभी मेघालय में है। मेघालय के मेंदीपथार वेस्ट गारो हिल्स जिले में पड़ता है।
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विद्युत प्रकाश मौर्य ( अपडेट किया - अगस्त 2016 )
( NORTH EAST RAIL, TRIPURA, JIRIBAM )
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