वे स्व प्रेरणा से बने महान कलाकार हैं जिनका दुनिया के कई देश और
बड़े बड़े कलाकार सम्मान करते हैं। 15 दिसंबर 1924 को जन्मे नेकचंद सैनी पंजाब के
गुरदासपुर जिले के शकरगढ़ के रहने वाले थे। 1947 में देश
विभाजन के बाद उनका परिवार चंडीगढ़ पहुंच गया। तब चंडीगढ़ शहर का निर्माण जारी था
और उन्हें 1951 नौकरी मिली लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी)
में रोड इंस्पेक्टर की। रॉक गार्डन के इस चितेरे के इस काम के लिए भारत सरकार ने
उन्हें पद्मश्री से नवाजा तो दुनिया के कई देशों ने उन्हें अपने यहां भी इसी तरह
का गार्डन बनाने के लिए आमंत्रित किया। मूर्तिकला से जुड़े कलाकार उनका सम्मान
करते हैं।
ऐसे बना रॉक गार्डन – सत्तर के दशक में नेकचंद सैनी ने चंडीगढ़ के
किनारे में जंगलों के बीच रास्ता बनाकर एक छोटा सा बागीचा बनाया। यहीं उन्हें
चंडीगढ़ शहर निर्माण के दौरान फेंकी गई बेकार की चीजों को संग्रह कर उन्हें
कलाकृतियों का रुप देने का ख्याल आया। बेकार पड़े पत्थरों को रुप मिलने लगा नायाब
मूर्तियों का। टूटी फूटी चीजें बनने लगी एक श्रंखला में कलाकृतियां। लेकिन ये क्या
नेकचंद की इन कलाकृतियों ने कई एकड़ जमीन को घेर लिया। और ये जमीन सरकारी थी।
चंडीगढ के रॉक गार्डन में 2003 |
गैर
कानूनी तरीके से सरकारी जमीन पर रॉक गार्डन तैयार हो रहा था। नेकचंद को पता था कि ये
काम गैर कानूनी ही इसलिए वे ज्यादातर काम को अंजाम रात में देते थे जिससे की
सरकारी महकमे को पता न चले। लेकिन जब पता चला तो एक अदभुत संसार का सृजन हो चुका
था जिसका हर कोई लोहा मानने को तैयार था। इस काम के लिए नेकचंद को सजा नहीं बल्कि
पुरस्कार मिला।
जनता के लिए खुला पार्क - 1975 में रॉक गार्डनका 12
एकड़ का पहला फेज सामने आ गया था। 1976 में पार्क को जनता के लिए खोल दिया गया।
पार्क में मूल रूप से सीमेंट, कंक्रीट, टूटे ग्लास, चूड़ियां, क्राकरी,
मोजेक के दानों से कलाकृतियां बनाई गई हैं जो मन मोह लेती हैं।
नेकचंदफाउंडेशन - 1997 में रॉक गार्डन के सौंदर्य को बनाए रखने के लिए नेकचंद फाउंडेशन की स्थापना की गई। फाउंडेशन स्वयंसेवकों को आमंत्रित करता है साथ ही नए शिल्पकारों की गार्डन के विकास के लिए सेवाएं लेता है। रॉक गार्डन के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए वेबसाइट देखें - http://www.nekchand.com/about-the-garden रॉक गार्डन का संपर्क फोन नंबर है- (+91 172) 740 645
नेकचंदफाउंडेशन - 1997 में रॉक गार्डन के सौंदर्य को बनाए रखने के लिए नेकचंद फाउंडेशन की स्थापना की गई। फाउंडेशन स्वयंसेवकों को आमंत्रित करता है साथ ही नए शिल्पकारों की गार्डन के विकास के लिए सेवाएं लेता है। रॉक गार्डन के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए वेबसाइट देखें - http://www.nekchand.com/about-the-garden रॉक गार्डन का संपर्क फोन नंबर है- (+91 172) 740 645
कार्य को सम्मान - नेकचंद सैनी की तुलना महान शिल्पी हेनरी मून
से की जाती है। हेनरी ने बड़ी बड़ी मूर्तियां बनाई थी। पर नेकचंद सैनी स्वप्रेरणा
से बने कलाकार हैं जो अंतरराष्ट्रीय पटल पर छा गए। सैनी के कार्यों का सम्मान करते
हुए 1983 में उनके उपर डाक टिकट जारी हुआ था अगले ही साल 1984 में उन्हें पद्मश्री
से नवाजा गया। इसके बाद तो सैकड़ो सम्मान और पुरस्कार मिलने का सिलसिला जारी
है।
नहीं रहे नेकचंद सैनी - 11 जून 2015 को रॉकगार्डन के क्रिएटर पद्मश्री नेकचंद सैनी का देर रात पीजीआई में निधन हो गया। 90 साल के नेकचंद डायबिटीज, हाइपरटेंशन के साथ ही कैंसर से पीड़ित थे।
- विद्युत प्रकाश मौर्य
(ROCK GARDEN, NEK CHAND SAINI )
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