
अक्सर हम जिन चीजों को बेकार समझ कर फेंक देते हैं, उन्ही बेकारी चीजों से रचा गया ऐसा नायाब संसार
जिसे दुनिया भर ने सराहा। हम बात कर रहे हैं नेकचंद सैनी की कल्पना के साकार रुप रॉक गार्डन की। चंडीगढ़ के सेक्टर एक स्थित इस
नायाब दुनिया को देखे बिना कोई दर्शक नहीं लौटना चाहता।
फ्रेंच वास्तुविद ला कार्बुजिए द्वारा डिजाइन किए गए शहर चंडीगढ़
का सबसे लोकप्रिय दर्शनीय स्थल बन चुका है रॉक गार्डन। 25 एकड़ में फैला ये रॉक
गार्डन चंडीगढ़ के सेक्टर एक में स्थित है। दर्शकों के लिए गार्डन सप्ताह में सातो
दिन खुला रहता है।
प्रतिदिन 5000 से ज्यादा लोग रॉक गार्डन देखने पहुंचते हैं। साल में
एक करोड़ से ज्यादा लोग। देश में ये ताजमहल के बाद दूसरा लोकप्रिय दर्शनीय स्थल बन
चुका है।
कई सालों अगर आप रॉक गार्डन जाते हैं तो यहां कुछ बदलाव भी नजर आता
है। यहां मूर्तिकला से जुड़े कलाकार अपनी सेवाएं देकर इसे और सुंदर बनाने में लगे
हैं। रॉक गार्डन के विकास के लिए नेकचंद फाउंडेशन की स्थापना की गई है। अपने जीवन काल में जब भी नेकचंद
सैनी चंडीगढ़ में होते थे तो एक खास समय में रॉक गार्डन घूमने आने वाले लोगों से
मुलाकात भी करते थे। इस दौरान वे लोगों के सलाह सुझाव लिया करते थे।
दक्षिण भारत में रॉक गार्डन - केरल सरकार ने नेकचंद सैनी को अपने यहां भी इसी तरह का गार्डन विकसित करने
के लिए आमंत्रित किया। केरल पर्यटन की कोशिश से नेकचंद सैनी के मार्गदर्शन में
पालघाट शहर में लघु रॉक गार्डन दर्शकों का मन मोह रहा है। डेढ़ एकड़ के दायरे में
इसी तरह का गार्डन 1993 से 1995 के बीच बनाया गया। केरल सरकार को ये परिकल्पना
साकार हुई तो इतनी पसंद आई की मालापुझा में भी इस तरह
का एक और बागीचा बनाया गया है। यह गार्डन पश्चिमी घाट के सौंदर्य को और बढ़ा रहा
है। सिर्फ दक्षिण भारत ही नहीं नेकचंद सैनी दुनिया के कई देशों भी आमंत्रण पर जाकर वहां रॉक गार्डन जैसे ही संसार का सृजन कर चुके हैं।
(ROCK GARDEN, CHANDIGARH, NEK CHAND SAINI )
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