सिलचर असम के कछार जिले का
मुख्यालय है। पर यहां के शहर ही नहीं आसपास के गांवों की आबादी बंगाली बहुल है। इस
क्षेत्र के लोग अपने ऊपर असमिया भाषा थोपे जाने के सख्त खिलाफ हैं। शहर की बड़ी
आबादी बांग्ला और हिंदी बोलती है। इसलिए पूर्वोत्तर के इस शहर में भारतीय जनता
पार्टी का सक्रिय कैडर भी दिखाई देता है।
सिलचर के लोग बांग्ला भाषा के लिए बड़ा आंदोलन कर चुके हैं और शहादत दे चुके हैं। बांग्ला को भाषा की रक्षा के लिए सिलचर शहर में लगातार आंदोलन होते रहे हैं।
सिलचर के लोग बांग्ला भाषा के लिए बड़ा आंदोलन कर चुके हैं और शहादत दे चुके हैं। बांग्ला को भाषा की रक्षा के लिए सिलचर शहर में लगातार आंदोलन होते रहे हैं।
1961 में बड़ी शहादत -
सिलचर रेलवे स्टेशन के बाहर सिलचर के भाषा शहीदों की याद में खूबसूरत स्मारक बना
है। कलात्मक स्मारक के चारों तरफ हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला में उन युवक युवतियों के नाम लिखे हैं जिन्होंने
बांग्ला भाषा की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्योछावर कर दिए। 1961 का
साल, 19 मई की तारीख थी वो। जब मातृभाषा की रक्षा के लिए
सैकड़ो युवा निकले थे सड़कों पर।
सवाल अपनी पहचान की रक्षा का था। कमला भट्टाचार्य, तरणी देवनाथ, कन्हाईलाल नियोगी, शचींद्र चंद्र पाल, वीरेंद्र सूत्रधर, सुनील सरकार, कुमुद रंजन दास, सतेंद्र देव, हितेश विश्वास, चंडीधरन सूत्रधर और सुकोमल पुरकायस्थ उन युवक-युवतियों के नाम हैं जो इस तारीख को इस दुनिया को अलविदा कह गए। जिद थी अपनी मां बोली की पहचान को बचाए रखने की इसलिए उन्होंने मृत्यु को वरण किया।
सवाल अपनी पहचान की रक्षा का था। कमला भट्टाचार्य, तरणी देवनाथ, कन्हाईलाल नियोगी, शचींद्र चंद्र पाल, वीरेंद्र सूत्रधर, सुनील सरकार, कुमुद रंजन दास, सतेंद्र देव, हितेश विश्वास, चंडीधरन सूत्रधर और सुकोमल पुरकायस्थ उन युवक-युवतियों के नाम हैं जो इस तारीख को इस दुनिया को अलविदा कह गए। जिद थी अपनी मां बोली की पहचान को बचाए रखने की इसलिए उन्होंने मृत्यु को वरण किया।
अब शहर के लोग सिलचर रेलवे
स्टेशन का नाम भाषा शहीद के नाम पर रखने की मांग कर रहे हैं। साथ ही सिलचर से
अगरतला जाने वाली ट्रेन का नाम बदल कर भाषा शहीद एक्सप्रेस रखने की भी मांग की जा
रही है। भाषा शहीद स्मरण समिति और कछार हिंदी भाषी परिषद इसके लिए रेल मंत्रालय से
मांग कर चुका है। हालांकि अभी तक उनकी मांग पर सुनवाई नहीं हुई है।
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विद्युत
प्रकाश मौर्य
(SILCHAR, CACHAR, ASSAM, BHASHA SHAHID, RAIL )
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