असम की राजधानी गुवाहाटी
पूर्वोत्तर का सबसे बडा शहर और व्यापारिक केंद्र है। गुवाहाटी इस क्षेत्र का सबसे
बड़ा रेलवे स्टेशन है। यहां कुल 9
प्लेटफार्म हैं। स्टेशन कोड GHY ( GUWAHATI) है। प्लेटफार्म
नंबर एक की ओर स्टेशन का मुख्य प्रवेश द्वार है। पूर्वोत्तर में अधिकांश जगहों से
मीटर गेज की विदाई हो रही है। स्टेशन के बाहर 1950-60 के दशक
का एक मीटर गेज ईंजन प्रदर्शित किया गया है जो भारतीय रेल के प्रगति का इतिहास
सुना रहा है। रात को रोशनी और संगीत के साथ भाप इंजन के सफर की दास्तां ये इंजन
सुनाता है।
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के बाहर
एक मीटर गेज का लोकोमोटिव इंजन दिखाई देता है। यह लोकोमोटिव जिसका नाम वाईजी 4119 है, इसका निर्माण टाटा लोकोमोटिव ने 1956 में किया था। यह पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में 1997
तक सेवा में रहा। कुल 41 साल तक बराकघाटी में अपनी सेवाएं
देने के बाद रिटायर हुआ। काफी समय तक बदरपुर शेड में पड़ा रहा। बाद में इसे
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के बाहर लाकर स्थापित किया गया है।
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन का
बुकिंग और आरक्षण दफ्तर स्टेशन से अलग भवन में शिफ्ट हो चुका है। ये रेलवे स्टेशन
सन 1900
में आरंभ हुआ था। अब स्टेशन पर ट्रेनों का बोझ कम करने के लिए यहां
से छह किलोमीटर आगे कामाख्या को दूसरे बड़े टर्मिनल के तौर पर विकसित किया जा रहा
है। गुवाहाटी नार्थ इस्ट फ्रंटियर रेलवे के लमडिंग डिविजन में आता है। यहां से देश
हर प्रमुख बड़े शहर के लिए रेलगाड़ियां उपलब्ध हैं।
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म
नंबर एक पर जन आहार भोजनालय है जहां 35 रुपये की अच्छी खाने की थाली उपलब्ध है। इसी प्लेटफार्म पर दक्षिण भारतीय
कैंटीन भी है। जहां महज 15 रुपये में छोटा मसाला डोसा उपलब्ध
है। हालांकि देश भर में अब डोसा 40 से 60 रुपये तक में बिकने लगा है। एक नंबर प्लेटफार्म पर आप पूर्वोत्तर का
हैंडीक्राफ्ट और ऊनी शॉल आदि भी खरीद सकते हैं।
अगर आप प्लेटफार्म नंबर नौ की
ओर बाहर निकलते हैं तो पहुंच जाते हैं गुवाहाटी के पलटन बाजार और जीएस रोड की ओर।
पलटन बाजार गुवाहाटी का लोकप्रिय बाजार है। पलटन बाजार की मुख्य सड़क पर आते ही एक
साइनबोर्ड लगा है जिसपर लिखा है- यहां से आगे सैनिकों का प्रवेश वर्जित है। (
क्यों...)
रेलवे स्टेशन के पास से आप
मेघालय की राजधानी शिलांग जाने के लिए टैक्सी या फिर पूरे उत्तर पूर्व में कहीं भी
जाने के लिए बस और टैक्सी बुक कर सकते हैं। गुवाहाटी से एनएच 40 शिलांग को जोड़ती है। शिलांग का रास्ता तीन घंटे का है। पूर्वोत्तर में
निजी क्षेत्र में नेटवर्क ट्रैवेल्स बसों का बड़ा आपरेटर हैं। यहां सरकारी परिवहन
निगमों की हालात ज्यादा अच्छी नहीं है। ज्यादातर निजी बस कंपनियां असम के नेताओं
की बताई जाती हैं जो फलफूल रही हैं। पूर्वोत्तर में बसों के लिए देश के कई दूसरे
राज्यों की तरह आनलाइन बुकिंग की सुविधा अभी ठीक से शुरू नहीं हो सकी है।
गुवाहाटी में क्या देखें -
- कामाख्या देवी मंदिर,
ब्रह्मपुत्र नदी का किनारा, उमा नंदा मंदिर,
भूपेन हजारिका समाधि स्थल, जालुकबाड़ी आदि।
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विद्युत प्रकाश मौर्य
( GUWAHATI, PALTAN BAZAR, PAN BAZAR,RAIL, ASSAM )
असम और पूर्वोत्तर की यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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