द्वारका के कई
मंदिरों में से प्रमुख है भड़केश्वर महादेव का मंदिर। वैसे तो देश में शिव के कई
मंदिर हैं लेकिन ये मंदिर अनूठा है। द्वारका के तीन बत्ती चौक से दो किलोमीटर दूर
समंदर के किनारे ये मंदिर समंदर के अंदर शिला पर बना है।
कहा जाता है यहां समंदर
के जल के बीच से शिव अपने आप भड़क कर प्रकट हो गए थे। इसलिए इन्हें भड़केश्वर
महादेव कहा जाता है। मुख्य धरती से मंदिरतक पहुंचने के लिए रास्ता बनाया गया है। मंदिर
के पुजारी के मुताबिक भड़केश्वर महादेव का वर्तमान मंदिर दो सौ साल से ज्यादा
पुराना है। महादेव के मंदिर में आकर अद्भुत शांति मिलती है। मंदिर के प्राचीर से
अटखेलियां करता समंदर बड़ा ही मनोरम लगता है। जब समंदर में तेज ज्वार भाटा आता है
तब मंदिर में पहुंचने का रास्ता बंद हो जाता है। मंदिर के आसपास हवा इतनी अच्छी
चलती है कि दोपहर में भी ठंडक का एहसास होता है।
भड़केश्वर महादेव के
मंदिर के पास गुजरात सरकार की ओर से चौपाटी का निर्माण कराया गया है। यहां
सैलानियों के लिए तीन विश्रामालय बनाए गए हैं। जहां बैठकर आप दोपहर में आराम कर
सकते हैं।
शाम होते ही यहां रौनक बढ़ जाती है। नारियल पानी, भेलपुरी, चाट, जूस, भुट्टा और पानी पूरी का लिजिए मजा। साथ में कीजिए ऊंट की सवारी। बिल्कुल सस्ते में। इस चौपाटी पास द्वारका का सनराइज प्वाइंट और सनसेट प्वाइंट भी है।
हालांकि टूरिस्ट
पैकेज वाली गाड़ियां भड़केश्वर महादेव और चौपाटी पर नहीं आती हैं, लेकिन अगर आप
द्वारका में हैं तो एक यादगार शाम गुजारने के लिए यहां जरूर आएं।
भरी दोपहरी में क्रिकेट मैच - हमलोग दोपहरी में
भड़केश्वर महादेव के पास पहुंचे तो वहां बगल में स्थित खेल के मैदान में आईपीएल की
तर्ज पर जीपीएल का 20-20 चल रहा था।
- ----- विद्युत प्रकाश मौर्य
( BHADKESWAR TEMPLE, CHAUPATI, DWARKA )
( BHADKESWAR TEMPLE, CHAUPATI, DWARKA )
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