पश्चिमी घाट में सतारा जिले में आने वाला महाबलेश्वर महाराष्ट्र का सबसे सुंदर हिल स्टेशनों में से एक है। मुंबई के लोगों का प्रिय पर्यटक स्थल। साल के कुछ महीने तो यहां बादल सड़कों पर अटखेलियां करते और टहलते नजर आते हैं। जी हां बिल्कुल सही फरमा रहा हूं। हमें स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि इसलिए यहां इन दिनो होटलों स्क्रीन कटर लगाकर बंद करना भी पड़ता है।
जून से सितंबर तक होटल बंद - खासतौर पर जून मध्य से लेकर सितंबर मध्य तक इस हिल स्टेशन के ज्यादातर होटल बंद रहते हैं। अक्सर महानगर मुंबई के लोग शनिवार रविवार को यहां छुट्टियां मनाने पहुंचते हैं। इसलिए महाबलेश्वर के होटल शनिवार रविवार को महंगे हो जाते हैं। बाकी के पांच दिन सस्ते रहते हैं। तो आप दूर से जा रहे हैं तो शनिवार और रविवार का ध्यान रखें।
तमाम फिल्मों की शूटिंग हुई यहां - महाबलेश्वर
आबादी में शिमला दार्जिलिंग या उटी से छोटा हिल स्टेशन है। पर मुंबई के करीब होने
के कारण ये हिंदी फिल्मों की शूटिंग के लिए लोकप्रिय स्थल है। न जाने कितनी
फिल्मों में आप महाबलेश्वर के नजारे देख सकते हैं। फिल्म रब ने बना दी जोड़ी का गीत
तुझमें रब बसता है यहां फिल्माया गया। फिल्म दिल चाहता है..( गीत वो लड़की है कहां ) बोल बच्चन, पुरानी फिल्मों की बात करें तो सरगम और यश चोपड़ा की कई सारी फिल्मों में
महाबलेश्वर दिखता है।
महाबलेश्वर में हमें परंपरागत कुआं और उसमें पानी निकालने का सिस्टम देखने को मिला। |
पांच नदियों का उद्गम स्थल - पश्चिमी घाट के इस शहर का नाम शिव के अति प्रचीन महाबलेश्वर मंदिर के नाम पर पड़ा है। वैसे महाबलेश्वर में कृष्णा, कोयना, सावित्री, वेणा और गायत्री नदियों का उदगम स्थल है।
होटल महंगे हैं यहां पर - अगर आप महाबलेश्वर आने का
कार्यक्रम बना रहे हैं तो यहां रहने के लिए होटल पहले से बुक करा लें तो ज्यादा
अच्छा रहेगा। क्योंकि इस हिल स्टेशन में होटल दूसरे जगहों की अपेक्षा थोड़े महंगे हैं। पहले बुकिंग नहीं होने पर होटल की तलाश मुश्किल हो सकती है।
हमलोग मई
2013 में महाबलेश्वर पहुंचे थे। मुरी पेठ रोड पर सब्जी मार्केट के पास होटल प्रीति संगम का कमरा नंबर 102 हमारा महाबलेश्वर का ठिकाना बना। संगम और प्रीति
संगम होटल आमने सामने हैं। होटल के मालिक ने हमें रिसीव करने के लिए बस स्टैंड पर
अपना आदमी भेजा।
तीन बेडरुम
वाला कमरा काफी हवादार और सुविधाजनक था। इस होटल में रेस्टोरेंट नहीं है पर आसपास
खाने पीने के काफी विकल्प हैं। होटल के मालिक आनंद भांगड़िया का व्यवहार काफी
दोस्ताना, मददगार व यादगार रहा। वैसे यहां पर रहने के लिए कई
सुंदर रिजार्ट भी मौजूद हैं। वे अपेक्षाकृत महंगे हैं पर कुदरत के सुंदर नजारों के
साथ आपके प्रवास को वह दुगुना कर देते हैं। एक बार आने वालों को यहां की वादियां
बार बार बुलाती हैं।
------विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
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