महाबलेश्वर से वाई पहुंचने के
बाद हमारा अगला पड़ाव था सतारा। वैसे तो महाबलेश्वर, पंचगनी
और वाई सभी सतारा जिले में ही आते हैं। पर हमारी आगे की ट्रेन सतारा रेलवे स्टेशन
से थी। हमने वाई बस स्थानक से सतारा के लिए बस ली। वाई बस स्टैंड में महिलाएं टिकट
काउंटर पर थीं। हम टिकट लेकर बस में बैठ गए। बस का समय होने पर बस के अंदर आकर एक
महिला टिकट चेक करके चली गईं।
इसके बाद उसने बस का दरवाजा बंद किया और
ड्राईवर को बस चलाने का आदेश दिया। इतना बेहतरीन अनुशासन कहीं नहीं देखा। यह नॉन स्टॉप कंडक्टर रहित बस है। इसलिए इस तरह का इंतजाम किया गया है। वाई से
सतारा की दूरी 36 किलोमीटर है।
करीब एक घंटे में बस सतारा के बस स्थानक में पहुंच गई।
महात्मा फूले और आंबेडकर की भूमि - हम पहुंच गए हैं महाराष्ट्र के जिला सतारा के मुख्यालय में । सतारा से कई महान हस्तियों का रिश्ता है। महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव फूले की जन्म स्थली है तो डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की स्कूली शिक्षा भी सतारा में हुई थी। सतारा पुणे से तकरीबन 90 किलोमीटर आगे महाराष्ट्र का बड़ा जिला है।
सतारा जिले में 11 अप्रैल 1827 को महात्मा फूले जन्म हुआ। फूले का परिवार सतारा जिले के खाटव तालुका के काटगुन गांव का रहने वाला था। बाद में उनका परिवार पुणे जाकर फूलों की माला गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था। महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फूले की गिनती 19वीं सदी के महान समाज सुधारकों में होती है।
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संसद में महात्मा फूले की प्रतिमा |
झुणका भाकरी का स्वाद - हमलोग वाई से दोपहर में सतारा बस
स्टैंड पहुंच गए हैं। कल रात में महाबलेश्वर के होटल में घटिया खाने के बाद पेट अच्छा नहीं है। हमने यहां पर इनो और डाइजिन लिया। थोड़ी दे बाद थोड़ी सी भूख महसूस हुई। सतारा के बस स्टैंड के कैंटीन में महाराष्ट्र
का लोकप्रिय खाना झुणका भाकरी यहां आपको खाने को मिल रहा है। इसमें ज्वार की रोटी
और दाल होती है। 20 रुपये
में रोटी और दाल। तो हमने एक प्लेट झुणका भाखरी खाई।
देश का सबसे पुराना सैनिक स्कूल है सतारा में - सतारा शहर की आबादी चार से पांच
लाख के बीच है। शहर में कई प्रमुख शिक्षण संस्थान हैं। कभी यहां बजाज के स्कूटर का कारखाना हुआ करता था जो अब बंद हो गया
है। पर शहर में रौनक कायम है। महाबलेश्वर पहाड़ की तलहटी में बसा सतारा शहर रात की रोशनी में खूबसूरत दिखाई देता है। आपका बता दें कि सतारा में सैनिक स्कूल भी है। हर राज्य में एक सैनिक स्कूल होता है। पर महाराष्ट्र के सतारा का सैनिक स्कूल देश का सबसे पुराना सैनिक स्कूल है। इसकी स्थापना 23 जून 1961 में हुई थी।
सतारा रेलवे
स्टेशन मानो वक्त ठहर गया हो - सतारा
का बस स्टैंड काफी बड़ा हैं। वहां दिन भर रौनक रहती है। यहां से महाराष्ट्र के तमाम शहरों के लिए बसें मिलती
हैं। बस स्टैंड में वेटिंग हॉल और बड़ी संख्या में बसों के लिए प्लेटफार्म भी बने
हैं। अलग-अलग दिशाओं की बसों के लिए अलग अलग खंड बने हैं। अंदर खाने पीने के
रेस्टोरेंट्स भी हैं। प्रचार के लिए टीवी स्क्रीन भी लगी हैं। हमारी ट्रेन शाम को
है। हमलोग कई घंटे पहले सतारा पहुंच गए हैं। तो बस स्टैंड में ही कुछ घंटे बैठकर
टाइम पास किया। पर रेलवे स्टेशन बिल्कुल तन्हा सा है। यहां पहुंचकर ऐसा लगा मानो वक्त यहीं पर ठहर गया हो।
- विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
(MAHARASTRA, SATARA BUS STAND, MAHTMA FULE, AMBEDKAR)
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महात्मा ज्योतिबा फूले की संसद में लगी तस्वीर। |
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