बस से करें सैर - आप चाहें तो एमएसआरटीसी की सरकारी बस सेवा से भी महाबलेश्वर घूम सकते हैं। दोपहर ढाई बजे चलने वाली बस 85 रुपये में पूरा महाबलेश्वर दर्शन कराती है। सुबह 9 बजे चलने वाली बस प्रतापगढ जहां शिवाजी का किला है, समेत पूरे महाबलेश्वर का दर्शन कराती है। ये घूमने का सस्ता विकल्प है। बस की एडवांस बुकिंग महाबलेश्वर बस स्थानक से होती है। अगर आपके पास साइकिल या बाइक का इंतजाम है तो भी घूम सकते हैं। कुछ स्थानों की पैदल ट्रैकिंग भी की जा सकती है।
महाबलेश्वर का पहला
आकर्षण है वेणा लेक जो मुख्य बाजार के पास ही है। लेक में बोटिंग का आनंद लिया जा
सकता है। इसके बाद आता है केट्स प्वाइंट। केट्स प्वाइंट से नीचे देखने पर बालकवाडी
डैम का अदभुत नजारा दिखाई देता है। इसके पास ही निड्ल होल प्वाइंट जहां से सूई के
छेद जैसी पहाड़ी दिखाई देती है। आगे चलने पर यहां एलीफैंट प्वाइंट भी आता है। यहां से नीचे गहराई में
कृष्णा नदी बहती हुई दिखाई देती है।
महाबलेश्वर के ज्यादातर प्वाइंट्स के नाम ब्रिटिश अधिकारियों के नाम पर रखे गए हैं। क्योंकि इन स्थलों को उन्होंने तलाशा था। तो चलते चलते हम आ पहुंचे हैं आर्थर सीट। आर्थर सीट जेम्स आर्थर के नाम पर बना है। आर्थर यहां बैठकर प्रकृति का नजारा करते थे। एक हादसे में
अपनी पत्नी और बेटी खो चुके आर्थर ने अपना आखिरी वक्त प्रकृति के सानिध्य में
गुजारा। आगे बढ़ने पर आप हंटर प्वाइंट, मैलकम प्वाइंट, विंडो प्वाइंट देख सकते
हैं।
टाइगर स्प्रिंग झरना - यहां पर आगे एक छोटा सा झरना है जिसे टाइगर स्प्रींग कहते हैं। इसके साथ भी एक रोचक कहानी जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि यहां रात में बाघ पानी पीने के लिए आते हैं। आगे हमलोग विंडो प्वाइंट पहुंच गए हैं। यहां से महाबलेश्वर की घाटियों की मनमोहक खूबसूरती दिखाई देती है। वास्तव में महाबलेश्वर वह जगह जहां आपको आपको कुछ दिन गुजराना चाहिए। एक दो दिन में पूरा मजा नहीं ले सकते न।
टाइगर स्प्रिंग झरना - यहां पर आगे एक छोटा सा झरना है जिसे टाइगर स्प्रींग कहते हैं। इसके साथ भी एक रोचक कहानी जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि यहां रात में बाघ पानी पीने के लिए आते हैं। आगे हमलोग विंडो प्वाइंट पहुंच गए हैं। यहां से महाबलेश्वर की घाटियों की मनमोहक खूबसूरती दिखाई देती है। वास्तव में महाबलेश्वर वह जगह जहां आपको आपको कुछ दिन गुजराना चाहिए। एक दो दिन में पूरा मजा नहीं ले सकते न।
महाबलेश्वर के विल्सन प्वाइंट पर घोड़े। |
विल्सन प्वाइंट - विल्सन प्वाइंट
महाबलेश्वर का सबसे ऊंचा प्वाइंट है। इसकी ऊंचाई 1439 मीटर है। यहां से सूर्योदय
और सूर्यास्त दोनों का नजारा किया जा सकता है। विल्सन प्वाइंट को ही लोग बांबे प्वाइंट
भी कहते हैं। क्योंकि यहां से बांबे शहर का विहंगम नजारा दिखाई देता है। खास तौर पर शाम को सूर्यास्त देखने के लिए यहां भीड़ उमड़ती है। साथ में यहां पर आप घुड़सवारी का मजा भी ले सकते हैं। यहां घोड़े वाले सैलानियों को आकर्षित करने के लिए अपने घोड़े से तरह तरह के करतब दिखाते नजर आते हैं।
और अगर ठंड के मौसम में यहां गर्मागर्म भुट्टे का स्वाद मिल जाए तो कहना ही क्या...। अक्सर टूरिस्ट बस बांबे प्वाइटं पर सभी जगह घूमाने के बाद अंत में आती है। क्योंकि यहां पहुंचते हुए शाम हो जाती है। सारे सैलानी यहां पर शाम को सूर्यास्त देखने के लिए जुटते हैं और यहां सुनहली धूप में रौनक बढ़ जाती है।
और अगर ठंड के मौसम में यहां गर्मागर्म भुट्टे का स्वाद मिल जाए तो कहना ही क्या...। अक्सर टूरिस्ट बस बांबे प्वाइटं पर सभी जगह घूमाने के बाद अंत में आती है। क्योंकि यहां पहुंचते हुए शाम हो जाती है। सारे सैलानी यहां पर शाम को सूर्यास्त देखने के लिए जुटते हैं और यहां सुनहली धूप में रौनक बढ़ जाती है।
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