बाद में लोगों ने बताया कि आप ऊटी में रहने के लिए 250 से 300 रुपये का ठिकाना तलाश सकते हैं। किसी हिल स्टेशन से लिहाज से यह सस्ता है। महंगे और लग्जरी होटलों की तो यहां लंबी फेहरिस्त है।
बोटानिकल गार्डन से निकलने के
बाद अंधेरा छा गया था। हल्की हल्की बारिश में हमने छाता खोल लिया और ऊटी की सड़कों
पर चहलकदमी करने लगे। आगे एक चौराहे पर बाजार आया। वहां से टी शर्ट और बारमुडा
पसंद आ गया तो खरीददारी कर ली। हल्की बारिश में शहर का दौरा करना भला लग रहा था।
क्योंकि इस बारिश ने ठंड बढ़ा दी थी। अब डिनर करने की इच्छा हुई। तो तय ये हुआ कि
बजाय होटल मेंजाकर डिनर करने के इधर से पेट पूजा करके चलें।
खाने के बाद होटल जाने
तक थोड़ा टहलना भी जाएगा। तो चलते चलते हमें साइन बोर्ड नजर आया। होटल ऊटी सरवना
प्योर वेज। फिर क्या था हम दाखिल हो गए अंदर। होटल का डेकोरेशन अच्छा था। मतलब आंतरिक
सज्जा अनादि को पसंद आ गई। हमेशा की तरह माधवी और वंश का आर्डर था मसाला डोसा और
प्लेन डोसा। मैंने मंगाई फ्राईड राइस। खाना अच्छा था सो जमकर खाया। तो इस तरह हुआ रात
का भोजन होटल ऊटी सरवना में। अब हम चार्ज हो चुके थे सो टहलते हुए रात के नौ बजे
तक होटल पहुंच गए। पर ये ऊटी की रुमानी शाम यादगार रहेगी।
--- vidyutp@gmail.com
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