यूं तो तिरुपति में
खाने के लिए आपको आसानी से उत्तर भारतीय खाना नहीं मिलता लेकिन यहां की दक्षिण
भारतीय आंध्रा स्टाइल की थाली खाकर आप उस याद रखेंगे। तिरुपति रेलवे स्टेशन के
सामने देवस्थानम ट्रस्ट के कांप्लेक्स विष्णु निवासम के अंदर आईआरसीटीसी की ओर से
संचालित गोविंदम फूड कांप्लेक्स है। यहां का भी खाना अच्छा है। 48 रुपये की थाली के अलावा खाने के कई और विकल्प मौजूद
हैं। दक्षिण के लेमन राइस का स्वाद यहां लिया सकता है। इस रेस्टोरेंट की साफ सफाई
का तो कहना ही क्या।
तिरुपति शहर में रेलवे स्टेशन के आसपास खाने पीने के कई विकल्प हैं। हालांकि स्टेशन के सामने कई होटल हैं तो मराठी और उत्तर भारतीय थाली परोसने का दावा करते हैं लेकिन इनके खाने में वैसा स्वाद नहीं है। तिरुपति में हमने खाने की सबसे अच्छी जगह ढूंढी विष्णु निवासम के ठीक सामने मुतुमारन सरवना भवन।
रात को भोजन के बाद हमलोग टहलने निकले। पास में एक सरोवर के किनारे मंच सजा था। एक धार्मिक आयोजन में गायन चल रहा था। गीत तेलुगू में हो रहा था पर सुर हो तो भाषा गौण हो जाती है। हमने थोड़ी देर संगीत का आनंद लिया फिर होटल में वापस लौट आए।
हनी केक का स्वाद - बाद में
तिरुपति के बाजारों में घूमते हुए इडली और डोसा के भी कई अच्छे स्टाल नजर आए।
गांधी पथ पर हमें एक बेकरी शाप मिली। कई तरह के पेस्ट्री तो हमारे वंश महाराज
ट्राई करते रहते हैं लेकिन हमें यहां मिली हनी केक। यानी पेस्ट्री पर शहद की एक
परत लगी थी। बेटे को इसका स्वाद भा गया। बस मजा आ गया। वाह तिरुपति।
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