एनएमआर के कोच में अनादि अनत । |
हरियाली के बीच हौले हौले रास्ते बनाती
ऊंचाई की ओर चढ़ती जाती है ये ट्रेन जिसका नाम है नीलगिरी माउंटेन रेल। प्यार से
लोग इसे खिलौना ट्रेन भी कहते हैं। भारतीय रेलवे की अनूठी विरासत। जिसे भारतीय रेल
ने एनएमआर यानी नीलगिरी माउंटेन रेल के तौर पर संजो कर रखा है। तमिलनाडु के
कोयंबटूर के पास के शहर मेट्टुपालियम से इस ट्रेन का सफर शुरू होता है।
मेट्टुपालियम जो समुद्र तल 320 मीटर की
ऊंचाई पर है। उदगमंदलम यानी ऊटी तक 46 किलोमीटर का सफर आप इस खिलौना ट्रेन से
तकरीबन पांच घंटे में करते हैं। लेकिन ये कुछ घंटे बन जाते हैं आपके जीवन की
स्मृतियों के आंगन में कभी न भूलाए जाने वाले क्षण।
नीलगिरी माउंटेन रेल काफी हद तक कालका शिमला
रेल और सिलिगुड़ी से दार्जिलिंग के बीच चलने वाली डीएचआर से मिलती जुलती है। लेकिन
कई मायने में अलग भी है। दूरी के लिहाज से छोटी है लेकिन तकनीक कुछ अलग है। अपनी
अदभुत तकनीक के कारण ये बाकी सभी रेलमार्ग से अलग है।
नीलगिरी की पहाड़ियों में रेल – 1820 के बाद उदगमंडलम का इलाका ब्रिटिश शासन में आ चुका था। कई ब्रिटिश
लोगों ने उटी के आसपास अपने समर हाउस बना लिए थे। यहां तक की मद्रास की राजधानी भी
गर्मियों में ऊटी में ही चली जाती थी। दक्षिण भारत के इस खूबसूरत हिल स्टेशन ऊटी
को रेलमार्ग से जोड़ने का ख्याल पहली बार 1854 के आसपास आया। पर इस ख्याल को जमीन
पर लाने में 45 साल लग गए। ब्रिटिश सरकार कन्नूर शहर से खच्चरों को हटाना चाहती
थी। कई साल तक योजना आगे नहीं बढ़ सकी।
ऐसे हुई शुरुआत - 1882 में रिग्गी रैक रेलवे के आविष्कारक स्विटजरलैंड
निवासी एम रिगेनबैक ने इस मार्ग पर मीटर गेज के रैक रेलवे बिछाने का प्रस्ताव दिया
जो स्वीकार कर लिया गया। इसके लिए 1885 में नीलगिरी रिग्गी रैक रेलवे कंपनी का गठन
हुआ। 1891 में मेट्टुपालियम से ऊटी को जोड़ने के लिए रेल लाइन बनाने पर काम आरंभ
हुआ। कई जगह पहाड़ों को काटकर ढेर सारे पुल पुलिया बनाकर ये रेल लाइन बनानी शुरू
की गई।
साल 1899 में मेट्टूपालियम से कन्नूर तक ट्रेन
का सफर आरंभ हुआ। जून 1908 इस मार्ग का विस्तार उदगमंडलम तक किया गया। । हर साल 15 अक्तूबर को नीलगिरी माउंटेन रेलवे अपना स्थापना
दिवस मनाता है। 15 अक्तूबर वह तारीख जब पहली ट्रेन ऊटी पहुंची थी। साल 2008 में नीलगिरी माउंटेन
रेलवे ने अपना सौ साला जश्न मनाया। इस मौके पर ऊटी रेलवे स्टेशन पर शताब्दी द्वार
का निर्माण किया गया।
तब कन्नूर
से ऊटी तक के लाइन विस्तार में 24 लाख 40 हजार रुपये का खर्च आया था। शुरुआत में
इस रेल मार्ग पर ट्रेन मद्रास रेलवे कंपनी की ओर से चलाई जा रही थी।
( NILGIRI
MOUNTAIN RAILWAY, METER GAUGE, OOTY, METTUPALAYAM, TAMILNADU )
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