तमिलनाडु में नीलगिरी की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच है मदुमलाई टाइगर रिजर्व। दक्षिण भारत के एक मात्र हिल स्टेशन उटी से जब आप मैसूर का सफर शुरू करते हैं तो आपकी यात्रा का बड़ा हिस्सा मदुमलाई टाइगर रिजर्व से होकर गुजरता है। मदुमलाई की सीमा समाप्त होने के साथ ही कर्नाटक राज्य की सीमा शुरू हो जाती है। इसके साथ ही शुरू हो जाती है बांदीपुर टाइगर रिजर्व की सीमा। बांदीपुर को यूनेस्को हेरीटेज का दर्जा प्राप्त है, जबकि मदुमलाई को ये दर्जा दिए जाने की कवायद चल रही है।
इतना ही नहीं तमिलनाडु के तमाम मंदिरों में सेवा करने वाले हाथियों को छुट्टियां बीताने के लिए मदुमलाई अभ्यारण्य में भेजा जाता है। कुछ महीने बाद फिर इन्हें वापस मंदिर की सेवा में लाया जाता है।
तमिलनाडु में मदुमलाई के जंगल। |
कई
तमिलनाडु के मंदिरों में आप हाथियों से लोगों को आशीर्वाद प्राप्त करते देख
सकते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है। इन हाथियों को लोगों को आशीर्वाद देने का
प्रशिक्षण दिया जाता है। हालांकि ये हाथी उन्ही लोगों को आशीर्वाद देते हैं जिनसे
उनको दक्षिणा प्राप्त होता है। अगर शहर के कोलाहाल से दूर कुछ दिन
प्रकृति के सानिध्य में गुजारना चाहते हैं तो इसके लिए मदुमलाई अच्छा विकल्प हो
सकता है।
मदुमलाई तक पहुंचने के लिए आप कर्नाटक की ओर से मैसूर से पहुंचने का रास्ता
अपना सकते हैं या फिर कोयंबटूर रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट से ऊटी होते
हुए भी मदुमलाई पहुंचा जा सकता है। आप मदुमलाई में रूकने के बाद वहीं से
जंगल में सफारी की योजना बना सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए मदुमलाई अभ्यारण्य की वेबसाइट पर जा सकते हैं। -( https://www.mudumalaitigerreserve.com ) कुछ लोग बांदीपुर नेशनल पार्क में भी घूमने जाते हैं। दोनों ही आसपास हैं। पर मदुमलाई ज्यादा व्यवस्थित है।
vidyutp@gmail.com ( SOUTH INDIA IN SEVENTEEN DAYS 52, MADUMALAI, TIGER )
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