दक्षिण भारत के कई शहरों
में गांधी जी की स्मृतियां हैं। त्रिवेंद्रम को गांधी जी ने सदाबहार शहर कहा था।
तो कन्याकुमारी में बापू की स्मृति में गांधी मंडप बना है। वहीं तमिलनाडु के मदुरै
शहर में गांधी संग्रहालय है। मदुरै पहुंचने पर हमारी इच्छा गांधी म्यूजियम जाने की
हुई। हम लोग रेलवे स्टेशन के पास न्यू रूबी लॉज में ठहरे थे। मैं और बेटे अनादि चल
पड़े गांधी म्यूजिम। स्टेशन के पास वाले बस स्टैंड से लोकल बस ली। बस वैगेई नदी को
पार कर तामुकम पहुंची। कंडक्टर महोदय ने बताया यहां आप उतर जाएं सामने गांधी
म्यूजिम है।
बस स्टाप के पास बीएसएनएल का बडा दफ्तर था। आधा
किलोमीटर पैदल चलने के रास्ते में मदुरै की बड़ी रंगशाला मिली। यहां अक्सर नाटक
होते हैं। सफेद रंग की विशाल बिल्डिंग में है गांधी म्यूजिम। ये संग्रहालय तिरुमल
नायक वंश के ऐतिहासिक महल में बना है। यहां कोई प्रवेश टिकट नहीं। दो मंजिले म्यूजिम
में गांधी जी के जीवन की कहानी के साथ साथ देश की आजादी की कहानी बताई गई है। कुछ
श्वेत श्याम कुछ रंगीन चित्र। पर क्या खास है संग्रहालय में।
खून के छींटे वाले धोती को देखें - संग्रहालय में बापू की खून से सनी हुई धोती जो यहां दिखाई गई है उसके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने उस दिन पहनी थी जब उनकी हत्या हुई थी। उपरी मंजिल पर हमें देखने को मिला बापू के इस्तेमाल की गई धोती का एक टुकड़ा। यह वही धोती है जिसे बापू ने आखिरी वक्त में अपने शरीर पर डाल रखा था। बापू को 30 जनवरी 1948 को गोली लगने के बाद खून के छींटे के निशान इस धोती पर हैं। बापू के मदुरै में रहने वाले सहयोगी इस धोती को लेकर आए मदुरै के संग्रहालय में।
इस म्यूजिम के बाहर एक पुस्तक बिक्रय केंद्र भी है। पड़ोस में एक राज्य सरकार का पुरात्तव विभाग का भी संग्रहालय है। एक विशाल डायनासोर की प्रतिमा भी है। तमिलनाडु के स्कूली बच्चों का दल इस संग्रहालय को देखने खूब आता है।
संग्रहालय
में गांधीजी की किताबों और पत्रों के अलावा दक्षिण
भारतीय ग्रामोद्योगों एवं हस्तशिल्प के सुंदर संग्रह को देखा जा सकता है। गांधी संग्रहालय मदुरै देश के उन सात संग्रहालयों में
से एक है जिनका निर्माण 'गांधी मेमोरियल ट्रस्ट' ने करवाया था। गांधी संग्रहालय को देखने के लिहाज से कुछ
भागों के बांटा जा सकता है जैसे- प्रदर्शनी दीर्घा, फोटो गैलरी, खादी, ग्रामीण उद्योग विभाग, ओपन एयर थिएटर।
प्राचीन
राजमहल में है संग्रहालय - मदुरै गांधी संग्रहालय का भवन एक प्राचीन राजकीय भवन है। यह रानी मंगम्मल से संबंधित है जो नायक राजवंश
का एक हिस्सा थी। रानी का महल 1670 का बना हुआ है। 13 एकड़ के इस महल को 1955 में गांधी संग्रहालय के लिए दान में दे दिया
गया। गांधीजी की मृत्यु के बाद गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा इस महल को संग्रहालय में बदल दिया गया। गांधी संग्रहालय का उद्घाटन 15 अप्रैल 1959 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा करवाया गया था।
बापू संग्रहालय के सामने अनूठा बाल
उद्यान - मदुरै के इस
बापू के संग्रहालय को देखने तमिलनाडु में आसपास से स्कूली बच्चे बड़ी संख्या में
आते हैं। संग्रहालय के ठीक सामने बच्चों के लिए बहुत बड़ा एम्यूजमेंट पार्क है। इस
पार्क में एक से बढ़कर एक खेलकूद के सामान और झूले आदि हैं। इन सब झूलों के रेट भी
बड़े मुनासिब हैं। सबसे अच्छी बात है कि इन शानदार झूलों के लिए कोई प्रवेश टिकट
नहीं है। यानी मुफ्त में जमकर मौज मस्ती करो। अनादि तो घंटे एक झूले से दूसरे झूले
पर मौज मस्ती करते रहे।
- ---- विद्युत प्रकाश मौर्य ईमेल - vidyutp@gmail.com
(GANDHI, MADURAI, TAMILNADU, SOUTH INDIA IN SEVENTEEN DAYS 32 )
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