कन्याकुमारी पहुंचने का मतलब देश के आखिरी छोर को छू लेना है। यह एक आनंददायक अनुभूति है। कन्याकुमारी तमिलनाडु प्रान्त के सुदूर दक्षिण तट पर बसा एक शहर है। हालांकि कन्याकुमारी केरल
की राजधानी त्रिवेंद्रम से महज 90 किलोमीटर आगे है। इसलिए चेन्नई की तुलना में त्रिवेंद्रम से यहां पहुंचना
आसान है। आमतौर पर त्रिवेंद्रम से रेलगाड़ियां दो घंटे में कन्याकुमारी पहुंच जाती
हैं। कन्याकुमारी से 15 किलोमीटर पहले नगर कोविल जंक्शन है। यह कन्याकुमारी की तुलना में बड़ा रेलवे स्टेशन है। कई रेलगाडियां नगर
कोविल तक ही जाती हैं। वैसे आप त्रिवेंद्रम से कन्याकुमारी बस से भी जा सकते हैं। काफी सैलानी बस का पैकेज लेकर त्रिवेंद्रम से ही जाकर दिन भर में कन्याकुमारी से घूमकर लौट आते हैं।

हमलोग दोपहर एक बजे के बाद त्रिवेंद्रम सेंट्रल रेलवे स्टेशन ( TVC) से कन्याकुमारी एक्सप्रेस के स्लीपर क्लास
डिब्बे में सवार हुए। इसमें जगह आसानी से मिल गई। हमारे साथ कुछ सैलानी हैं जो मुंबई से
कन्याकुमारी जा रहे हैं। हल्की-हल्की बारिश के बीच ट्रेन सरपट दौड़ रही है। थोड़ी
देर मे हम केरल छोड़कर तमिलनाडु में प्रवेश कर गए हैं। त्रिवेंद्रम से तकरीबन 35 किलोमीटर आगे कुजीथुराई में ट्रेन तमिलनाडु में
प्रवेश कर जाती है। इसके बाद के 35 किलोमीटर के सफर के बाद
नगरकोविल जंक्शन (NCJ ) आ जाता है। हमें सुखद अचरज हुआ कि
ट्रेन ने हमें अपने समय से कुछ पहले ही कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन पर पहुंचा दिया।
देश का आखिरी रेलवे स्टेशन - कन्याकुमारी भारतीय रेलवे का दक्षिणी छोर पर आखिरी रेलवे स्टेशन है। यहां से आगे रेल की पटरियां नहीं जाती हैं। इसलिए स्टेशन की पटरियों के अंत में हावड़ा की तरह स्टॉपर लगा हुआ है।इसका स्टेशन कोड CAPE है। कन्याकुमारी को यह विदेशियों द्वारा दिया गया नाम था। रेलवे स्टेशन पर छोटी सी कैंटीन है,जहां खाने पीने की सीमित चीजें मिल रही हैंं। दिन भर में गिनती की रेलगाड़ियां ही कन्याकुमारी पहुंचती हैं। इसलिए स्टेशन पर भीड़-भाड़ बहुत कम नजर आती है। रेलवे स्टेशन किसी गांव या कस्बे के स्टेशन सा नजर आता है। स्टेशन के आसपास कोई बाजार नहीं है। रेलवे द्वारा स्टेशन का रखरखाव भी उम्दा नहीं है। रेलवे स्टेशन से कुछ फर्लांग पैदल चलकर जाने के बाद बाजार में पहुंचा जा सकता है।
रेलवे स्टेशन से बाहर निकलकर
मुख्य सड़क पर आने के बाद दाहिनी तरफ आगे बढ़ने पर तकरीबन एक किलोमीटर चलने पर कन्याकुमारी
का मुख्य मंदिर, कुमारी अमान मंदिर और रॉक
मेमोरियल आदि आते हैं। वहीं स्टेशन से बायीं तरफ जाने पर आधे किलोमीटर आगे
विवेकानंद केंद्र है। कन्याकुमारी तीन किलोमीटर के दायरे में बसा छोटा सा शहर है।
बेहतर होगा आप कुमारी अम्मान टेंपल के आसपास किसी होटल में ठहरें।
कन्याकुमारी हिन्द महासागर,
बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर का संगम स्थल है, जहां अलग-अलग सागर अपने विभिन्न रंगों से मनोरम छटा बिखेरते हैं।
भारत के सबसे दक्षिण छोर पर बसा
कन्याकुमारी हजारों सालों से कला, संस्कृति,
सभ्यता का प्रतीक रहा है। भारत के पर्यटक स्थल के रूप में भी इस
स्थान का अपना ही महत्व है। दूर-दूर फैले समुद्र के विशाल लहरों के बीच यहां का
सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद आकर्षक लगता हैं। समुद्र तट पर फैले रंग
बिरंगे रेत इसकी सुंदरता और बढ़ा देते हैं।
ट्रेन से उतरने के बाद हमने एक आटो रिक्शा वाले से बात की। उन्हें होटल केप रेसिडेंसी छोड़ने को कहा। हालांकि होटल दो किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं है पर उन्होंने 40 रुपये मांगे। मोल भाव पर भी कम करने को तैयार नहीं हुए। मुझे प्रतीत हुआ कि केरल से तमिलनाडु में आटो रिक्शा का किराया थोड़ा ज्यादा है।
ट्रेन से उतरने के बाद हमने एक आटो रिक्शा वाले से बात की। उन्हें होटल केप रेसिडेंसी छोड़ने को कहा। हालांकि होटल दो किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं है पर उन्होंने 40 रुपये मांगे। मोल भाव पर भी कम करने को तैयार नहीं हुए। मुझे प्रतीत हुआ कि केरल से तमिलनाडु में आटो रिक्शा का किराया थोड़ा ज्यादा है।
कहां ठहरें - कन्याकुमारी में हमने ठहरने
के लिए नगर कोविल रोड पर केप रेसीडेंसी होटल में अग्रिम आरक्षण कराया था। ये
होटल किसी रिजार्ट की तरह है। बड़े हवादार कमरे, हरा-भरा कैंपस, रहने का आनंददायक अनुभव। हालांकि आप
विवेकानंद केंद्र में भी ठहर सकते हैं। पर जब हम गए उस समय फोन करने पर केंद्र के
स्वागत कक्ष से जवाब आया कि उन तारीखों में केंद्र में जगह नहीं है। कई बार कन्याकुमारी में होटल भरे हुए मिलते हैं इसलिए अग्रिम आरक्षण करा
लेना अच्छा रहता है।
विवेकानंद
केंद्र से मुख्य दर्शनीय स्थलों तक जाने के लिए आटो रिक्शा लेना पड़ता है।
कन्याकुमारी में आटो रिक्शा केरल की तुलना में महंगे हैं। वैसे आप पूरा
कन्याकुमारी चाहें तो पैदल ही घूम सकते हैं। यहां आटोरिक्शा वाले केरल की तरह सीधे
नहीं है। वे दिल्ली वालों की तरह किराये का मोलभाव करते हैं।
-विद्युत
प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
( KANYAKUMARI, VIVEKANAND KENDRA, SOUTH INDIA IN SEVENTEEN DAYS 21)
( KANYAKUMARI, VIVEKANAND KENDRA, SOUTH INDIA IN SEVENTEEN DAYS 21)
- होटल न्यू
केप ( रेलवे स्टेशन के बिल्कुल सामने है )
- केप
रेसीडेंसी, नगर कोविल रोड, ( विवेकानंद
केंद्र से थोड़ा आगे
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