( चंबल
25)

पूछने पर
पता चला कि वह किसी दूर गांव से आया है। खुद को वह कीरों की बिरादरी का बता रहा
था। गांव के लोग उसे बहुत सम्मान की नजर से देख रहे थे। उसके पांव धोए गए। उसके
लिए खाने के लिए इंतजाम किया गया।
रात को वह
शख्श गांव में ही रुका। सारा गांव उसकी खातिर करता रहा। गांव के लोगों ने बताया कि
वह हमारी रिश्तेदारी के गांव का है। उस मेहमान ने गांव के लोगों को जो बताया था
उसके मुताबिक बगल के एक कीरों के गांव में एक लड़की देवी मां बन गई है। यानी गांव
के ही किसी की बिटिया ने देवी का रूप धर लिया है।
सारे लोग उस देवी मां की पूजा में लगे हैं। वह गांव के लोगों के लिए
देवी मां का आशीर्वाद लेकर आया था। इसलिए गांव के लोग उसकी खातिर में लगे थे।
जब हमने
गांव के लोगों से जानना चाहा कि क्या आप लोग उस देवी मां के दर्शन करने जाएंगे। तब
गांव के लोगों ने कहा नहीं हम जा तो नहीं पाएंगे। लेकिन हम अपने मेहमान को सारे
घरों की ओर से चंदा देंगे जो गांव लोगों की ओर से ले जाकर देवी मां को चढ़ा देगा।
तब हमने गांव के लोगों से पूछा भला कोई बिटिया देवी कैसे बन सकती है। हमें गांव के
लोगों का अंधविश्वास खत्म करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। पर अंत में सफलता मिल गई।
काफी समझाने पर गांव के लोग मान गए कि ये शख्श इन लोगों को रिश्तेदारी के नाम पर बेवकूफ बनाने आया है। मजे की बात कि गांव के लोग उस शख्श को जानते नहीं थे। वह सिर्फ अपनी तरफ से ही रिश्तेदारी का हवाला दे रहा था। हमारे समझाने का असर पड़ा। गांव के लोगों से उस शख्श को कोई चंदा नहीं मिला। अगले दिन गांव के लोगों ने उस मेहमान को अलविदा कह दिया।
- विद्युत प्रकाश मौर्य -vidyutp@gmail.com
(GUEST IN VILLAGE, CHAMBAL, KIR KA JHOPDA )
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