आज भारतीय
रेल से स्टीम इंजन की पूरी तरह विदाई हो चुकी है। अब रेलगाड़ियां पूरी तरह बिजली
के इंजन या डीजल इंजन से चलती हैं। पर किसी जमाने में सिर्फ स्टीम इंजन ही एक
मात्र विकल्प था। रेलगाड़ियां कोयले से बनने वाले भाप से चलती थीं।
आप दिल्ली के रेल म्यूजियम में आकर भाप इंजन का पूरा इतिहास देख सकते हैं। किसी जमाने में छोटी-छोटी पटरियां थीं और छोटी-छोटी रेल गाड़ियां। ब्राड गेज आने से पहले मीटर गेज, नैरो गेज और स्पेशल गेज पर दौड़ती ट्रेनें। रेल म्यूजियम में आप स्टीम इंजन का पूरा जीवंत इतिहास देख सकते हैं। यहां आप अपनी आंखों से देख और पढ़ सकते सकते हैं भारतीय रेल के विकास की कहानी।
आप दिल्ली के रेल म्यूजियम में आकर भाप इंजन का पूरा इतिहास देख सकते हैं। किसी जमाने में छोटी-छोटी पटरियां थीं और छोटी-छोटी रेल गाड़ियां। ब्राड गेज आने से पहले मीटर गेज, नैरो गेज और स्पेशल गेज पर दौड़ती ट्रेनें। रेल म्यूजियम में आप स्टीम इंजन का पूरा जीवंत इतिहास देख सकते हैं। यहां आप अपनी आंखों से देख और पढ़ सकते सकते हैं भारतीय रेल के विकास की कहानी।
इसके
अलावा नेशनल रेल म्यूजियम का खास आकर्षण है, छोटी
सी रेलगाड़ी। छोटा सा इंजन और छोटे-छोटे डिब्बे। यह रेलगाड़ी आपको पूरे म्यूजियम
का सफर कराती है दस रूपये के टिकट में। इतनी छोटी रेलगाड़ी अब देश के किसी कोने मे
नहीं चलती है।
अगर आप घूमते-घूमते थक
जाएं जाएं तो खाने पीने के लिए रेस्टोरेंट भी है। साथ ही अगर बोटिंग करनी है तो
छोटे तालाब में नावें आपका इंतजार कर रही हैं। अब रेलवे ने यहां एक आडोटिरयम और
कान्फ्रेंस रूम भी बनवा दिया है। यानी पूरी तरह से पिकनिक मनाने के साथ ही ज्ञान
बढ़ाने की भी जगह है रेल म्यूजियम।
ऐसे शुरू हुआ रेल में शौचालय - किसी जमाने में
भारतीय रेल के कोच में शौचालय नहीं होते थे। पर 1909 में अखिल चंद्र सेन के साहेबगंज डिविजनल दफ्तर को एक
बड़े ही कौतूकपूर्ण तरीके से लिखे गए पत्र ने भारतीय रेलों में शौचालय बनवाने की
शुरूआत की। रेल संग्रहालय में उनका ये पत्र बड़े डिस्प्ले में देखा जा सकता है।
वहां अंगरेजी में लिखे गए पत्र का हिंदी अनुवाद भी पेश किया गया है। यह था उनका
अंगरेजी में लिखा गया मूल पत्र -
I am arrive
by passenger train Ahmedpur station and my belly is too much swelling with
jackfruit. I am therefore went to privy. Just I doing the nuisance that guard
making whistle blow for train to go off and I am running with 'lotah' in one
hand and 'dhoti' in the next when I am fall over and expose all my shocking to
man and female women on plateform. I am got leaved at Ahmedpur station.
"This
too much bad, if passenger go to make dung that dam guard not wait train five
minutes for him. I am therefore pray your honour to make big fine on that guard
for public sake. Otherwise I am making big report! to papers."
कैसे पहुंचे - रेल म्यूजियम पहुंचना बहुत आसान है क्योंकि यह दिल्ली के सबसे पॉश इलाके चाणक्यापुरी में स्थित है। आप केंद्रीय सचिवालय से बस नंबर 680 और 620 पकड़ कर रेल संग्रहालय जा सकते हैं। निकटतम सुगम मेट्रो स्टेशन उद्योग भवन हो सकता है। यह रिंग रोड पर मोतीबाग मेट्रो स्टेशन के भी करीब है।
- - विद्युत प्रकाश मौर्य - vidyutp@gmail.com
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